Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2021 · 2 min read

जंगल में कवि सम्मेलन

जंगल में कवि सम्मेलन
(एक व्यंग्य)

एक बार जंगल के राजा द्वारा,
जंगल में घोषणा करवाई गई।
प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को,
कवि सम्मेलन का आयोजन होगा।
सभी जानवर अपने मांद,कंदरे, गुफा,
बिल और घोंसले से बाहर निकल,
घोषणाओं को ध्यान से सुनने लगे।
सभी को अपने द्वारा रचित काव्य रचनाओं के,
साथ उपस्थित होने को कहा गया।
सब पर व्यापक असर हुआ,
मोर-मोरनी ने खूबसूरत छँटा में,
नृत्य का आंनद लेते हुए प्रणय गीत लिख डाले।
कोयल ने अपनी मीठी कूक भरी शब्दों से,
प्रातः काल में जंगल के विहंगम दृश्य को,
काव्य रुप में रच डाला।
रात्रि में नीरव वन के डरावने दृश्य का,
ऊल्लू ने खौफनाक चित्रण कर डाला।
भालू ने मधुमक्खी के छत्ते और,
उसके मधुर मधु का गुणगान कर डाला।
गिद्धों ने सड़ते लाशों से मिलते स्वादों का,
वीभत्स रस में काव्य बना डाला।
सबने अपने अपने ढंग से,
कुछ न कुछ रच डाला।
कौए ने जब कुछ नहीं सोच पाया तो,
दो-चार बार कांव- कांव से ही काव्य गढ़ डाला।
लेकिन जंगल के चतुर सियार का मन,
हर हमेशा शंका से ग्रस्त रहने लगा,
वो सोचता कि मेरा ध्यान भटकाने,
और अपना काम निकालने की ये सब साजिश है।
उसनें अब एक योजना बनाई,
और चूहों से दोस्ती बढ़ाई।
फिर इन चूहों की मदद से,
सभी तैयार काव्य रचनाओं को,
लुका-छिपी से एक -एक कर कुतरवा डाला ,
अपने मकसद में कामयाब दिखा वो,
जंगल में अफवाह फैलाया,
आएगी भीषण त्रासदी तब,
तुम कोई काव्य रचोगे जब।
जंगल में जंगली ही, हो तुम,
काव्य कथा कुछ सोचो मत।
मस्त रहो बस क्षुधा तृप्ति में,
इससे आगे कभी सोचो मत।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि -१८ /०९/२०२१
मोबाइल न. – 8757227201

12 Likes · 14 Comments · 953 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
गुलिस्तां
गुलिस्तां
Alok Saxena
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
काश अभी बच्चा होता
काश अभी बच्चा होता
साहिल
*पचपन के हो गए आप (गीत)*
*पचपन के हो गए आप (गीत)*
Ravi Prakash
अनमोल घड़ी
अनमोल घड़ी
Prabhudayal Raniwal
बहाना
बहाना
Vikas Sharma'Shivaaya'
तेरा नाम मेरे नाम से जुड़ा
तेरा नाम मेरे नाम से जुड़ा
Seema 'Tu hai na'
तितली तेरे पंख
तितली तेरे पंख
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
अभिनव अदम्य
राष्ट्र भाषा राज भाषा
राष्ट्र भाषा राज भाषा
Dinesh Gupta
मंदिर जाना चाहिए
मंदिर जाना चाहिए
जगदीश लववंशी
अल्फाज़ ए ताज भाग-1
अल्फाज़ ए ताज भाग-1
Taj Mohammad
नेता बनि के आवे मच्छर
नेता बनि के आवे मच्छर
आकाश महेशपुरी
बड़ी मुश्किल से खुद को संभाल रखे है,
बड़ी मुश्किल से खुद को संभाल रखे है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एक रावण है अशिक्षा का
एक रावण है अशिक्षा का
Seema Verma
प्यारे गुलनार लाये है
प्यारे गुलनार लाये है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यतींम
यतींम
shabina. Naaz
हर रोज़
हर रोज़
Dr fauzia Naseem shad
हिन्द का बेटा हूँ
हिन्द का बेटा हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कहाँ अब पहले जैसी सादगी है
कहाँ अब पहले जैसी सादगी है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भूतों के अस्तित्व पर सवाल ..
भूतों के अस्तित्व पर सवाल ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
💐प्रेम कौतुक-494💐
💐प्रेम कौतुक-494💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देश की रक्षा करें हम
देश की रक्षा करें हम
Swami Ganganiya
प्यार जताना न आया
प्यार जताना न आया
VINOD KUMAR CHAUHAN
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
यूनिवर्सल सिविल कोड
यूनिवर्सल सिविल कोड
Dr. Harvinder Singh Bakshi
 
  " परिवर्तन "
Dr Meenu Poonia
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
छंद
छंद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...