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13 May 2024 · 2 min read

चन्द्रयान मिशन

धरती मॉ :-
बेटा चॉद! ऐसे क्यों तू रूठ गया
दर पे तेरे सम्पर्क क्यों टूट गया ।

कवि तो कब के पहुंचे तेरे दर पर
विज्ञान को भी आने दो सतह पर ।

बेटा चॉद :-
सॉरी मॉ, सॉरी इंडिया, सॉरी इसरो
सफल होंगे ही कल नही तो परसो ।

ग्रहण लगने पर मैं भी रूकता नही
विफल होने पर कभी झुकता नही ।

खुश था मैं जब प्रज्ञान दूर नही था
अफसोस! नियति को मंजूर नही था ।

अटूट संकल्प और विराट है फैसले
मॉ तेरे लालों के तो बुलन्द है हौसले ।

फिर से मॉ-बेटे का वे मिलन करायेंगे
चंद्रयान-३ से बस जल्दी ही आयेंगे ।

देश :-
नई उपलब्धि,नया आत्मविश्वास है जागा
लैंडिंग भी होने से होता सोने पे सुहागा ।

देश के वैज्ञानिकों पर गर्व और है नाज
पहुंच कर दर पे, दीदार का है आगाज ।

अब तो और भी पक्के हो गये है इरादे
सच करके ही रहेंगे सारे सपने और वादे ।

ये हमारे बच्चों के प्यारे चंदा मामा है
मामा के घर जाने को किसने थामा है ।

दीवाली न सही होली पर चले जायेंगे
अभी देख आये है फिर रूक भी जायेंगे ।
~०~
सभी भारतवासियों और वैज्ञानिकों को
इस अभूतपूर्व मिशन की उपलब्धियों और
प्रयासों के लिए बधाई और शुभकामनाएं ।
©जीवनसवारो.२२ जुलाई,२०१९.

चन्द्रयान-३ (आज)
*********
लो आ ही गए फिर पूरी तैयारी से
मामा के घर चंद्रयान की सवारी से ।

बिक्रम, प्रज्ञान ने भी पक्की है ठानी
अब वैज्ञानिकों की हर बात है मानी ।

लेकर चले हैं डेढ सौ करोड़ आशाएं
है पूरी करनी गगनचुम्बी आकांक्षाए ।

बांध न सके भारत को कोई बांधाए
रोक नही सकती हमारी सफलताएं ।

अब अंतरिक्ष में तिरंगे ही फहराएंगे
ग्रह-ग्रह,नक्षत्र-नक्षत्र,ऊंचे ये लहरायेगे ।

अब विश्व ही नही ब्रह्मांड है दृष्टि में
खोलेंगे रहस्य हैं जितने इस सृष्टि में ।
~०~
मौलिक एवं स्वरचित: कविता प्रतियोगिता
रचना संख्या-१६: मई २०२४.©जीवनसवारो.

Language: Hindi
1 Like · 43 Views
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