गिला,रंजिशे नाराजगी, होश मैं सब रखते है ,
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गिला,रंजिशे नाराजगी, होश मैं सब रखते है ,
बेखुदी मैं पर हम बस,अब आपके ख्याल भर रखते है //
नहीं है काबू मैं धड़कने,और ज़ज्वात मेरे ,
मत पूछो, सामने आपके कैसे इन्हें संभालकर रखते है //
बेचैनियाँ,घबराहट पूछने लगी ,मुझसे
क्या अब इन पर आप इख्तियार रखते है //
फैसला आपका हर मंज़ूर होगा,
इतना तो हक आप “रत्न” पर सरकार रखते है //
दिल चाहे जहाँ ,आपका वहां ले चलियें,
औरो का नहीं पता “हम आप पर पूरा एतबार रखते है”//
बेखुदी -होश न होना ,जब दिमाग काम करना बंद करे //
गिला-शिकायते .रंजिशे -मतभेद या लड़ाई //
इख्तियार -अधिकार या नियत्रण (control)
एतबार-भरोसा