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6 Mar 2017 · 1 min read

पीपल

मै पीपल का
प्रतिष्ठित पुराना पेड
प्रतिवर्ष
पीत परिधानों को
पलटते-पलट्ते,
प्रियजनो को प्रिय हो गया!
करती है प्रदछिणा
प्रज्ज्वलित करती है दीपक,
क्योंकि उन्हे मेरे ऊपर
ब्रह्म वास का भ्रम हो गया!!
कोई नही सुनता
मेरे अन्तस की पुकार,
या मेरा चीत्कार-
“पलायन करो,पीछा छोडो,
क्योंकि मै अब,
अन्दर से खोखला हो गया!!”
बो्धिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुँज सिकन्दरा आगरा २८२००७

Language: Hindi
423 Views
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