Manisha Manjari Tag: मनीषा मंजरी 163 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Manisha Manjari 1 Jun 2023 · 1 min read सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया । क़दम ठहरे रहे और राहों ने अलविदा कह भुला दिया, सिमटने की ख़्वाहिशों ने, फासलों को कुछ यूँ बढ़ा दिया। इश्क़ के उजालों ने, आँखों से दग़ा किया, मौत के... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 174 Share Manisha Manjari 31 May 2023 · 1 min read मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं। ज़हन से आज भी, तेरी आवाज़ें टकराती हैं, नए शब्दों में पीरो कर, नयी बातें कह जाती हैं। दूर समंदर की गहराईयों में, डूबा था जो सूरज कभी, नए क्षितिज़... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 135 Share Manisha Manjari 29 May 2023 · 1 min read तो मेरे साथ चलो। इन सुनहरे उजालों के साये बनने, तो कई चले आएंगे, जो तुम अंधेरों में भी हमसाया बन सको, तो मेरे साथ चलो। बातों का क्या है, बातें तो ख़त्म हो... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 414 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं। स्याह रात की चलनी से छन, वो भोर जगमगाती है, कारवाओं में तन्हा भटके, तो मंजिल मिल हीं जाती है। अंधकार की धुरी से, जो रौशनी हर पल टकराती है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 2 194 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया। अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया, मुझे शिखर पे बिठा, घाटियों में नदी बन के बह गया। कोरी नज़रों की शून्यता को नए नज़ारों सा कर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 2 277 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं। वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं, भटकते हुए तुझे ढूढ़ने, पास मेरे हीं आते हैं। किस्से तो तेरी शान से, सबको सुनाते हैं, पर सारांश की... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 248 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच। मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच, आँखों की नहीं, रूहों की सरगोशियां हैं, तेरे मेरे बीच। बातों की नहीं, ख़ामोशी की जुबानियाँ हैं, तेरे मेरे बीच,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 152 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं। सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं, पलकों पर सपने ठहरे तो हैं, पर नींदों को हैं आँखें ठग जाती। मंज़िलें आँखें बिछा कर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 361 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी। तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी, धड़कनों के बढ़ते शोर को, सुन पाए ना कभी। बारिशों का साथ लिए बरसते हैं जो दर्द मेरे, दर्द की उस... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 231 Share Manisha Manjari 14 May 2023 · 20 min read कोरा संदेश कोरा संदेश आकाश में उमड़ते काले बादलों ने सुबह से हीं सूरज को ढक कर रखा था। हवा की गति सामान्य से थोड़ी अधिक तो थी, पर आंधी का अभी... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी · दोस्ती · मनीषा मंजरी 8 8 884 Share Manisha Manjari 10 Apr 2023 · 1 min read निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा। कर्त्तव्य पथ पर अडिग हूँ मैं, और रणक्षेत्र वो सज़ा रहा, विप्लव तान के बीच फंसी, और शंखनाद से वो बुला रहा। कभी भेदा था, जिसने हृदय को, वही भेदी... Hindi · Book 2 · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 318 Share Manisha Manjari 8 Apr 2023 · 1 min read घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है। अस्थियों पर खड़ी, ये जो मेरी लाश है, अब ना किसी भी भावना की मोहताज़ है। महसूस नहीं होते हैं, अब दर्द नये, घावों के इतने निशाँ, मेरे पास हैं।... Hindi · Hindi Poem · कविता · काव्य संग्रह 2 · मनीषा मंजरी 359 Share Manisha Manjari 9 Mar 2023 · 1 min read हमसाया क्यों लहरों से मेरी, आकर तू टकराता है, मैं तो टूटती हीं हूँ, साथ मेरे तू भी टूट जाता है। रूठी सबसे हूँ मैं, क्यों तू हीं आकर मनाता है,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 328 Share Manisha Manjari 9 Mar 2023 · 1 min read फ़ितरत ठोकरें खा कर राहों में एक ज़न्नत, मैंने भी बनाई थी, सुकून का आलम था जहां, हाँ बस थोड़ी तन्हाई थी। मुद्दतों तक जलाया था खुद को, तभी तो बारिश... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 179 Share Manisha Manjari 7 Mar 2023 · 1 min read कोरा रंग लाख रंग फैले हैं फ़िज़ाओं में, पर रंग मुझपर कोई चढ़ता नहीं है, तेरे कोरे रंग में रंगी हूँ इस तरह, की रंग मुझपर से तेरा उतरता नहीं है। तन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी · होली 1 350 Share Manisha Manjari 4 Mar 2023 · 1 min read चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा। हुई स्वार्थ की पराकाष्ठा, तो व्यक्तित्व गिरता जायेगा, ये सत्य एक दिन, तेरी संवेदनाओं को भी सतायेगा। व्यंग का पात्र कब तक, तू औरों को बनायेगा, काल के आघात से,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 504 Share Manisha Manjari 4 Mar 2023 · 1 min read कुछ खामोशियाँ तुम ले आना। कर्त्तव्य रिश्ते का कुछ इस कदर निभाना, कि प्रकाश के उस दरिया को, लाँघ कर चले आना। सरल नहीं है, इस अविश्वनीय दूरी को मिटाना, पर त्याग आऊंगी ये संसार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 225 Share Manisha Manjari 3 Mar 2023 · 1 min read खुले आँगन की खुशबू वो खुले आँगन की खुशबू, यादों को आज भी महकाती है, बरसात में चलायी, जो कागज़ की नाव, वो बारिश आँखों में लाती है। आज भी गर्मी की दोपहरें, उस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 424 Share Manisha Manjari 3 Mar 2023 · 1 min read अपनेपन का मुखौटा मुखौटों के बाज़ार में, वो खुद को बेच आते हैं, इतने चेहरे एक शख्सियत में, जाने कहाँ से वो लाते हैं। मुस्कान ओढ़े दहलीज पर, तुम्हारे चले आते हैं, और... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 342 Share Manisha Manjari 3 Mar 2023 · 1 min read आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं, आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं, वीरान पड़े उस मंदिर में ज्योत, जीवन की जला जाती है। छंट जाते हैं बादल, तन्हाई के कुछ इस कदर,... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 341 Share Manisha Manjari 2 Mar 2023 · 1 min read आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर। आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर। कदम उठते थे जिसके, सिर्फ उँगलियाँ मेरी धड़कर, देखा नहीं एक बार... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · परिवार · मनीषा मंजरी · माँ 2 247 Share Manisha Manjari 28 Feb 2023 · 1 min read नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं। नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं। दंश उन्होंने हीं दिए, जिन्होंने अपनेपन के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 231 Share Manisha Manjari 27 Feb 2023 · 1 min read आहटें। सजदे में तेरे कमी ना जाने ये कैसी रह गयी, की आँखों की नमी बड़ी सिद्दत से थमी रह गयी। हाथों की लकीरें, तेरी अदाकारी का नमूना बनी रह गयी,... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 179 Share Manisha Manjari 18 Feb 2023 · 1 min read हाल-ए-दिल जब छुपा कर रखा, जाने कैसे तब खामोशी भी ये सुन जाती है, और दर्द लिए कराहे तो, चीखों को अनसुना कर मुँह फेर जाती है। ये ज़िंदगी आस कुछ यूँ जगाती है, की राख बना मुझे उड़ा जाती है, किनारा दिखा कर तूफानों में, साहिलों पर नाव डूबा जाती है। उजड़े कारवाँ के मुसाफिरों को,... Hindi · Featuring In The Upcoming Nove · कविता · मनीषा मंजरी 191 Share Manisha Manjari 14 Feb 2023 · 1 min read जिस्म तो बस एक जरिया है, प्यार दो रूहों की कहानी। जिस्म तो बस एक जरिया है, प्यार दो रूहों की कहानी। इस सदी के लोगों को, कहाँ आती है आँखों की जबानी।। ©® मनीषा मंजरी Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Quotes · Quote Writer · Valentine'sday · मनीषा मंजरी 1 2 546 Share Manisha Manjari 31 Jan 2023 · 1 min read ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं। शब्दों के इस भीड़ में, भाषा आँखों की तिरस्कृत हो गयी, शोर करती रहीं धड़कनें, माला साँसों की खंडित हो गयी। ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 260 Share Manisha Manjari 21 Jan 2023 · 1 min read बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन। तन्हा शामों की तारीफ़ ना बन, तकलीफें पसंद है मुझे, तू चैन की ताबीर ना बन। खामोश गीतों के लब्ज़ ना बन, दुआएं लगती नहीं मुझे, तू अनजाने में सही... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 285 Share Manisha Manjari 19 Jan 2023 · 2 min read एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ। एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ, भूल जाएँ की दर्द बहता है, इन रगों में, खुशियां कभी हमसे मिलने भी यूँ आये। दरवाज़ों के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 177 Share Manisha Manjari 19 Jan 2023 · 1 min read कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया। कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया। कभी तो हल्की बातों से भी मन भर जाता था, और हादसों ने हसीं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 293 Share Manisha Manjari 15 Jan 2023 · 1 min read कट कर जो क्षितिज की हो चुकी, उसे मांझे से बाँध क्या उड़ा सकेंगे? किनारे छोड़ आये थे, कि अनंत तक बहा करेंगे, सुकून की तलाश में, कब तक रूह को फ़ना करेंगे? बंजरों ने तबाही ला हीं दी, फिर हुई बारिश का क्या... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 3 303 Share Manisha Manjari 9 Jan 2023 · 1 min read दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है। वो वक़्त लौट आया है, जिससे कभी खुद को बचाया है, रौशनी के लिहाफ़ में लिपटकर, अँधेरा फ़िर मुस्कुराया है। शिकायत की थी पलों की, लो इल्ज़ामों का मौसम आया... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · दर्द · मनीषा मंजरी 2 193 Share Manisha Manjari 8 Jan 2023 · 1 min read सवाल में ज़िन्दगी के आयाम नए वो दिखाते हैं, और जवाब में वैराग्य की राह में हमें भटकाते हैं। बिखरते हैं लम्हें, तो ख़्वाब भी रुलाते हैं, झलक खुशियों की दिखाकर, वो अँधेरे लौट आते हैं। दुआएं सलामती की, जिसके लिए मांगे जाते हैं, वही अपनों के बीच, हमें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 295 Share Manisha Manjari 30 Dec 2022 · 1 min read सम्मान ने अपनी आन की रक्षा में शस्त्र उठाया है, लो बना सारथी कृष्णा फिर से, और रण फिर सज कर आया है। टूटे-टूटे टुकड़ों को समेट, खुद को फिर बचाया है, वक़्त ने दर्द के आग़ोश में डुबो कर आजमाया है। समंदर का भ्रम दिखा, तपती रेत ने यूँ जलाया है, तक़दीर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 335 Share Manisha Manjari 28 Dec 2022 · 1 min read निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते ज़ख्मों को कुरेद कर, नासूर बना जाते हैं। निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते ज़ख्मों को कुरेद कर, नासूर बना जाते हैं। यूँ तो लिबास में वो, अपनों के छुप कर आते हैं, पर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 221 Share Manisha Manjari 27 Dec 2022 · 1 min read जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे? जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे? पलों से नहीं, सदियों से जोड़ा है तुम्हें, वक़्त की आँच में, मेरे साथ जल पाओगे?... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 254 Share Manisha Manjari 26 Dec 2022 · 1 min read वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ, वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ, दर्द भरे गलियारों में आज भी पनाह ढूंढती हूँ। किस्से जो दफ़्न हो गए उनके निशाँ ढूंढती हूँ, रेत को मुट्ठी से... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 186 Share Manisha Manjari 22 Dec 2022 · 1 min read दिल के टूटने की सदाओं से वादियों को गुंजाती हैं, क्यूँकि खुशियाँ कहाँ मेरे मुक़द्दर को रास आती है। कभी लबों पे दुआएं आने से डर जाती हैं, जैसे रात सुबह की आहट से थम जाती है। तुझे पाने की आरज़ू, सुकूं साँसों में लाती है, पर हक़ीक़त में... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · दर्द · मनीषा मंजरी 3 235 Share Manisha Manjari 20 Dec 2022 · 1 min read चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ पाकर, अश्क़ बरस जाते हैं खामोशी से, बारिशों में जैसे घुलकर। चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ पाकर, अश्क़ बरस जाते हैं खामोशी से, बारिशों में जैसे घुलकर। सहमी निगाहें हंस पड़ती हैं कभी, चमकती मुस्कराहट का... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 183 Share Manisha Manjari 19 Dec 2022 · 1 min read हम सजदे में कंकरों की ख़्वाहिश रखते हैं, और जिंदगी सितारे हमारे नाम लिख कर जाती है। ये उलझने जो सुलझने से कतराती हैं, हर पल एक नयी पहेली साथ लाती है। हम अतीत के पन्नों को पलटते रह जाते हैं, और ज़िन्दगी एक नयी कहानी हीं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · जिंदगी · मनीषा मंजरी 4 4 210 Share Manisha Manjari 17 Dec 2022 · 1 min read सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था। उन गहराईयों से रिश्ता मेरा पुराना था, दर्द भरी गलियों में हीं, तो मेरा ठिकाना था। उजाले चुभते थे, आँखों में इस कदर, की आंसुओं के साथ, हीं हमारा आशिकाना... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 177 Share Manisha Manjari 11 Dec 2022 · 1 min read सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमीं थी। सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमी थी। घरौंदे में रेत की बुनियाद थी, बस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 2 293 Share Manisha Manjari 8 Dec 2022 · 1 min read सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे, मद्धम होती साँसों पर, संजीवनी का असर हुआ हो जैसे। चलने लगे हैं, वो कदम मेरे साथ कुछ ऐसे, की लहरों का अस्तित्व जुड़ा हो, सागर के नाम से जैसे। अँधेरे की इनायतें हुईं हैं, किस्मत की लक़ीरों पर ऐसे,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 2 298 Share Manisha Manjari 1 Dec 2022 · 1 min read नम पड़ी आँखों में सवाल फिर वही है, क्या इस रात की सुबह होने को नहीं है? नम पड़ी आँखों में सवाल फिर वही है, क्या इस रात की सुबह होने को नहीं है? उमीदों की कश्ती के आगे तूफ़ान फिर वही है, पर इस बार पतवार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 4 477 Share Manisha Manjari 28 Nov 2022 · 1 min read जानती हूँ मैं की हर बार तुझे लौट कर आना है, पर बता कर जाया कर, तेरी फ़िक्र पर हमें भी अपना हक़ आजमाना है। ये बारिशें जो नज़ारों को धुंधला कर जाती हैं, मुझसे पूछे बिना हीं, मेरी आँखों से टकराती हैं। मेरे सुकून के हक़ में, तू छिपाता है बातें कई, पर तेरे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 5 261 Share Manisha Manjari 26 Nov 2022 · 1 min read सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है, और आडंबरों फंस कर, हम इस रूह को फ़ना करते हैं। कुछ तूफां किनारों पर नज़र रखते हैं, साथ चलते हैं समंदर में, पर साहिलों पर असर करते हैं। लक़ीरें हाथों की भी तो, तां-उम्र साथ चलती है, फिर क्यों ख़्वाहिशें,... Hindi · Daily Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · मनीषा मंजरी · रहस्य 3 332 Share Manisha Manjari 25 Nov 2022 · 1 min read क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है। क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है, बड़ी मुश्किल से आये जो पल, उन पलों को नज़र लगाती है। वो आँसू जो आँखों को छोड़... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 203 Share Manisha Manjari 24 Nov 2022 · 1 min read सपने जब पलकों से मिलकर नींदें चुराती हैं, मुश्किल ख़्वाबों को भी, हक़ीक़त बनाकर दिखाती हैं। वो रौशनी जो अंधेरों से छन कर आती है, रूह को सुकून की सौग़ात देकर जाती है। बारिशों के इंतज़ार में जब आँखें पथराती हैं, तभी तो बूँदें भी कोपलों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 3 2 306 Share Manisha Manjari 18 Nov 2022 · 1 min read निःशब्दता हीं, जीवन का सार होता है। आँखों के आगे जब सपने बिखरते नज़र आते हैं, तन्हाइयों में खुद के स्वर हीं सबसे ज्यादा सताते हैं। ये जहन कितना कुछ कहने को बेकरार होता है, पर हमें... Hindi · कविता · मनीषा मंजरी 4 2 217 Share Manisha Manjari 12 Nov 2022 · 1 min read जज़्बातों की धुंध, जब दिलों को देगा देती है, मेरे कलम की क़िस्मत को, शब्दों की दुआ देती है। वो लहरें जो किनारों से मिल, खुद को मौत की सज़ा देती हैं, कभी-कभी सागर का साथ पा, साहिलों को डूबा देती हैं। नींद की आगोश, जो हर दर्द को... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 4 4 253 Share Manisha Manjari 10 Nov 2022 · 1 min read कैसे तय करें, उसके त्याग की परिपाटी, जो हाथों की लक़ीरें तक बाँट चली। कैसे तय करें, उसके त्याग की परिपाटी, जो हाथों की लक़ीरें तक बाँट चली। सपने तो उन आँखों में कभी आ ना सके, वो तो अपनी नींद भी, किसी की... Hindi · Daily Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · त्याग · मनीषा मंजरी 6 6 187 Share Previous Page 3 Next