Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2023 · 1 min read

बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन।

तन्हा शामों की तारीफ़ ना बन,
तकलीफें पसंद है मुझे, तू चैन की ताबीर ना बन।
खामोश गीतों के लब्ज़ ना बन,
दुआएं लगती नहीं मुझे, तू अनजाने में सही मेरा फ़र्ज़ ना बन।
नासूर से मर्ज़ों की दवा ना बन,
खुदगर्ज़ हीं रहने दे मुझे, तू खुद्दारी का मेरे सबब ना बन।
तूफ़ानी बारिशों की सुहानी सुबह ना बन,
परछाईओं में खोने दे मुझे, तू इस भीड़ में मेरा हमसफ़र ना बन।
भूली ख़्वाबों का मेरे असर ना बन,
नम एहसासों में सोने दे मुझे, तू जागती आँखों का मेरे नज़र ना बन।
भटकती राहों का मेरे शहर ना बन,
कारवाओं में हीं चलने दे मुझे, तू मेरा खोया हुआ वो घर ना बन।
अकेले चमकते हुए उस चाँद का सहारा ना बन,
टूटकर क्षितिज़ पर बिखरना है मुझे, तू मेरा आसमां सारा ना बन।
डूबती हुई कश्ती का मेरे किनारा ना बन,
बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन।
अधूरी साज़ों का मेरे तर्ज ना बन,
कहानियाँ भाती नहीं मुझे, तू आयतों में साथ लिखा नाम यारा ना बन।

1 Like · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
"खुद्दारी"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
Ranjeet kumar patre
जाति आज भी जिंदा है...
जाति आज भी जिंदा है...
आर एस आघात
संकल्प
संकल्प
Naushaba Suriya
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
खंजर
खंजर
AJAY AMITABH SUMAN
कहती गौरैया
कहती गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
Shankar N aanjna
"प्यासा"-हुनर
Vijay kumar Pandey
দারিদ্রতা ,রঙ্গভেদ ,
দারিদ্রতা ,রঙ্গভেদ ,
DrLakshman Jha Parimal
रिश्ते फीके हो गए
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
विश्वास🙏
विश्वास🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
Maroof aalam
आपको जीवन में जो कुछ भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार करते हुए उसका
आपको जीवन में जो कुछ भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार करते हुए उसका
Tarun Singh Pawar
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
Bodhisatva kastooriya
आने जाने का
आने जाने का
Dr fauzia Naseem shad
कर रही हूँ इंतज़ार
कर रही हूँ इंतज़ार
Rashmi Ranjan
Second Chance
Second Chance
Pooja Singh
कुंडलिनी छंद ( विश्व पुस्तक दिवस)
कुंडलिनी छंद ( विश्व पुस्तक दिवस)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
समाज को जगाने का काम करते रहो,
समाज को जगाने का काम करते रहो,
नेताम आर सी
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
*वहीं पर स्वर्ग है समझो, जहाँ सम्मान नारी का 【मुक्तक】*
*वहीं पर स्वर्ग है समझो, जहाँ सम्मान नारी का 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
3079.*पूर्णिका*
3079.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बस चार है कंधे
बस चार है कंधे
साहित्य गौरव
एक शब के सुपुर्द ना करना,
एक शब के सुपुर्द ना करना,
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...