Posts Tag: तुकांत कविता 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Writer Ch Bilal 9 Mar 2025 · 1 min read कविता--डुबते समाज की जब अक्ल जिम्मेदारो की सो जाती हैं एकता उस घर की बिल्कुल खो जाती है सुनो मेरे बुजुर्गो जवांन साथियों तुम शांति करते करते महाभारत हो जाती है खुशबू सी... Hindi · कविता · तुकांत कविता · महाभारत कविता 1 43 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 12 May 2024 · 1 min read फल और मेवे गर्म हवा के थपेड़े हों या फिर शीत-लहर की ठिठुरन। हर ऋतु में प्रभावित होता है, हम सबका तन व मन। फल और मेवे पास रहे तो, सुहावना लगे हर... Poetry Writing Challenge-3 · आधुनिक कविता · कविता · तुकांत कविता · मौसमी फल · स्वास्थ्य 2 213 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 2 min read टैडी बीयर यहाॅं फरवरी आगमन के साथ ही, प्रेम के पंछी चहचहाने लगते हैं। प्रेम इस संसार का अनमोल रत्न, तथ्य संसार को बताने लगते हैं। चॉकलेट दिल की मिठास बने, गुलाब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · टैडी बीयर · तुकांत कविता · प्रेम कविता · वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता 2 196 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 2 min read साकार नहीं होता है हर साधक की इच्छाओं को, ससमय समुचित बल दिया है तुमने। इस कल्पना के प्रतिबिंब को, यों स्वरूप ही सकल दिया है तुमने। बिन इनके स्वप्न और इच्छा में, कोई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · जय मां शारदे · तुकांत कविता · रचनाधर्म · साहित्यकर्म 2 221 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 2 min read गले लगाना पड़ता है कपट दौड़े सरपट, छल जाता है उछल, जग को यह सब भाता है। भलाई, प्रेम, कृपा, त्याग जैसा भाव, किसी भी मन में न आता है। भोग-विलास करते इस जग... Poetry Writing Challenge-3 · असमंजस · कविता · जिंदगी · तुकांत कविता · सही-गलत की पहचान 1 375 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी! कभी निर्विरोध संग बन जाता, तो कभी ये प्रतिपल घोर संघर्ष है। कभी एकांतवास का क्रंदन है, तो कभी ये परिवार संग में हर्ष है। अमिट जोश, जुनून व जज़्बे... Poetry Writing Challenge-3 · असमंजस · कविता · जीवन · तुकांत कविता · मनोभाव 1 305 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read हार नहीं होती इस शीतलहर से लड़ते-लड़ते, सुगंधित कोंपलें भी खिल जाती हैं। कर्मठता से प्रयास करते रहिए, मंज़िलें तो एक दिन मिल जाती है। जिसका साहस व सामर्थ्य जीवित है, उसकी कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मनोविकार · वैचारिक मतभेद · साहस 2 164 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read रंगों का बस्ता इस काव्य कला में मन के भाव, कलम की नोंक से व्यक्त होते हैं। इस नृत्य शास्त्र में बनकर पूजा, ये हर दिशा में अभिव्यक्त होते हैं। ब्रश, पेंट, कलम,... Poetry Writing Challenge-3 · कलाकार · कविता · तुकांत कविता · रचनाकर्म · साहित्यकार 2 188 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read आसान नहीं ईश्वर ने सृष्टि सृजन के दौरान, इन्हें पुरुषार्थ वरदान में दिया था। हर कर्त्तव्य का निर्वहन करोगे, यह प्रण इनके प्राण में दिया था। ज्यों-ज्यों अन्य जीव निर्मित हुए, त्यों-त्यों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · दुविधा का दृश्य · लड़कों की मनोभावना 2 210 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read बहादुर बेटियाँ कभी सरोजनी नायडू बनकर, स्वर वाटिका में क्रीड़ा दिखाती हैं। कभी लता दीदी भावना लेके, इन कानों में मीठा गीत सुनाती हैं। कभी मणिकर्णिका बनकर, रणभूमि वीरांगना का रूप दिखाऍं।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · बेटियां · भारतीय नारी 2 156 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read एक पुष्प स्वर्ग के देवियों व देवताओं का, अमिट अभिनंदन बन जाता हूॅं। किन्तु पृथ्वी लोक में आते ही, मात्र एक मनोरंजन बन जाता हूॅं। मैं तो केवल एक पुष्प मात्र हूॅं,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · पुष्प · वनस्पति · व्याख्या 2 206 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read हिमनद यहाॅं कोई भी कार्य विशेष, मानव के सामर्थ्य से बड़ा नहीं होता। जहाॅं हौंसले टिक जाते हैं, वहाॅं पर व्यर्थ संशय खड़ा नहीं होता। जिन्होंने मुट्ठी में क़ैद कर ली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · परिवर्तन · भौतिक अवस्थायें · हिमनद 2 197 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read पिताजी हमारे गर्मियों का पंखा व सर्दियों का कंबल हैं पिताजी हमारे। समस्त परिवार का शक्तिशाली संबल हैं पिताजी हमारे। खुशियों व उपहारों से भरा कोई पल हैं पिताजी हमारे। बीता कल,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · दिल के रिश्ते · पिताजी · समर्पण 2 255 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read भारत का बजट भारत के संवैधानिक खाँके में, हर समस्या का समाधान रहता है। वित्तीय फैसलों के लागू होने में, एक बजट का प्रावधान रहता है। हर वर्ग, हर क्षेत्र को छूते हुए,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · बजट · भारतीय अर्थव्यवस्था 2 202 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 3 min read संस्कृतियों का समागम जो सारे मनोभाव उद्वेलित कर दे, उसे ही हम सब स्मृति कहते हैं। जो उद्वेलित भाव प्रत्यक्ष दर्शाए, उस प्रक्रम को संस्कृति कहते हैं। ज्यों सारा ब्रह्माण्ड, विभिन्न आकाशीय पिण्डों... Poetry Writing Challenge-3 · अनेकता में एकता · कविता · तुकांत कविता · भारतीय संस्कृति · भाव अभिव्यक्ति 2 175 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read फूल चुन रही है शरद की ठण्ड जब हुई प्रचंड, तब तो सूर्य के दर्शन भी दुर्लभ हुए। ऋतुराज का आगमन होते ही, प्रकृति के सारे दृश्य भी सुलभ हुए। खुशी में गाते सब... Poetry Writing Challenge-3 · ऋतु परिवर्तन · कविता · तुकांत कविता · पुष्प चयन दृश्य · बसंत ऋतु 2 254 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read शिवाजी १६६४ को मुगल अधीन भारत में, यों ऐसा कार्य भी नेक हुआ था। जिस रोज़ मराठा साम्राज्य में, शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। वे शस्त्र के संग में जानते थे,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · छत्रपति शिवाजी महाराज · तुकांत कविता · देशभक्ति · मराठा वंश 2 228 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read मेरा घर जैसे ही मनोभाव साझा होते हैं, दिल से दिल बात करने लगता है। एकांत की बेड़ियां तोड़कर, पंछी ख़ुद को आज़ाद करने लगता है। भाव हर मन के पास यूं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मनोवृत्ति · वसुधैव कुटुंबकम् · संसार 2 252 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read ओ चंदा मामा! चंदा मामा, ओ चंदा मामा!, आप तो कितने प्यारे हो? चमक-दमक से भरे हुए, तुम तो जग के उजियारे हो। चंदा मामा, ओ चंदा मामा!, आप तो कितने प्यारे हो?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चंद्रमा · तुकांत कविता · प्रकृति · रात्रि वर्णन 1 182 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read बहुत याद आता है हर भूख को पल में शांत करे, यहाॅं हर माँ के हाथों में जादू भरा है। स्वाद, सुगंध व पोषण का रंग, इनके पकाए हर व्यंजन पे चढ़ा है। मैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · ममत्व · माँ की यादें · स्मृति 1 239 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read गूॅंज जो गौर किया तब यही पाया, ये प्रकृति निष्पक्ष व्यवहार करती है। नीति-रीति या प्रीति-प्रतीति, ये सभी प्रकृति की हुंकार से डरती हैं। कर्म, धर्म और मर्म सबको, निश्चित क्रमानुसार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मानवता · वसुधैव कुटुंबकम् · वैश्विक सम्बन्ध 1 203 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read काव्य कुछ वर्षों पूर्व मेरे जीवन में, एक अद्भुत परिवर्तन शुरू होने लगा। हिंदी साहित्य के प्रति मेरा चाव, कभी शिष्य-कभी गुरु होने लगा। भाव के लगाव से आया बदलाव, आज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · रचनाकर्म · रचनाकार · साहित्य प्रेम 1 257 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read अहंकार अच्छे-बुरे में निरंतर होती लड़ाई, हमको केवल यही सीख देती है। नियति से हम जो कुछ छीनें, वो उससे भी बढ़कर वापिस लेती है। कोई भी कुछ संग न ले... Poetry Writing Challenge-3 · अहंकार · कविता · तुकांत कविता · मनोभाव · विकृति 1 177 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read मित्र होना चाहिए हमारे इस अनिश्चित जीवन में, ढ़ेर सारी परिस्थितियाॅं विकट होंगी। कभी रिश्ते दिल से दूर होंगे, कभी मुलाक़ातें दिल के निकट होंगी। जो सुलभता से घुल-मिल जाए, व्यवहार में ऐसा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · परिस्थितियाँ · मित्रता · सम्बन्धों का वर्णन 1 180 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read स्वयं को सुधारें अलग है सुर-ताल, फिर भी हो रहे कमाल, यही जीवन का राग है। सबमें कुछ-न-कुछ कमियाॅं बसीं, भला कौन शक्स यहाॅं बेदाग़ है? दूर दिख रहे लक्ष्य की ओर बढ़ें,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चिंतन · तुकांत कविता · मंथन · स्व-आंकलन 1 156 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 21 Apr 2024 · 1 min read देख तो ऋतुराज रिमझिम फुहारों के गुज़रते ही, शीत की लहर का आगमन हुआ। शरद की बर्फीली हवाओं का, हर नगर व कस्बे तक भ्रमण हुआ। शीत के ऐसे ज़ुल्म को देखकर, यहाँ... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ऋतुराज · कविता · तुकांत कविता · मनोभाव · संवेदना 2 169 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 21 Apr 2024 · 1 min read कब तक चाहोगे? ये कलम निरंतर चलती रहे, भला तुम कब तक चाहोगे? साहित्यिक सेवा करती रहे, भला तुम कब तक चाहोगे? मस्तिष्क सदा विचरता रहे, भला तुम कब तक चाहोगे? सोच को... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · तुकांत कविता · मनोभाव · संवेदना 1 196 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read अंतिम पड़ाव हो बचपन-यौवन या समृद्ध-वृद्ध, सब समय के चक्र का हिस्सा है। ये पर्वत घाटी या हरी-भरी थाती, सब पृथ्वी के वक्र का किस्सा है। शरद चाॅंदनी में वृक्षों से हर... Poetry Writing Challenge-2 · तुकांत कविता · मनुष्य का जीवन चक्र · वृद्धावस्था के मनोभाव · वृद्धि का क्रम · व्यक्तिगत प्रसंग 6 2 227 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 1 min read आत्मघाती हमला सेना की गतिविधियाँ देखकर, बहुत सारे आतंकी डर से फरार थे। उन्हें खोजने निकले वाहन में, भारतीय सेना के कई वीर सवार थे। आंतरिक सुरक्षा परखते हुए, शुरू सुरक्षा का... Poetry Writing Challenge-2 · आतंकवाद · तुकांत कविता · देशांतर मुद्दा · पुलवामा की पुण्यतिथि · सैन्य बलिदान 4 269 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 1 min read गौरी सुत नंदन इनके सब सम्मानित भक्तजनों को, पुराणों में मिल जाता वर्णन। एक उज्ज्वल छवि प्रत्यक्ष आती है, जब देखते हैं धर्म का दर्पण। इनका चरित्र यों महकता है, ज्यों उपवन में... Poetry Writing Challenge-2 · तुकांत कविता · धार्मिक वर्णन · पिता का क्रोध · माता का ममत्त्व · संतान का कर्त्तव्य 4 267 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read मोबाइल प्रदूषण से घिरे इस परिवेश में, कोई प्रकृति का इशारा नहीं बनता। स्वार्थ को आतुर इस दुनिया में, कोई बेबस का सहारा नहीं बनता। आज निराशा का काला बादल, सबकी... Poetry Writing Challenge-2 · 21वीं सदी · आधुनिक यंत्र · तकनीकी हस्तक्षेप · तुकांत कविता · मोबाइल का प्रभाव 5 308 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 1 min read पापियों के हाथ ज्यों एक शिशु ने भ्रूण बनकर, एक जननी के गर्भ में प्रवेश किया। चिकित्सा और जाँच के नाम पर, परिवार ने हर दिन क्लेश किया। डॉक्टर भी पेशे से गद्दारी... Poetry Writing Challenge-2 · कन्या भ्रूण हत्या · तुकांत कविता · पुरुष प्रधान सोच · महिलाओं की भूमिका · सामाजिक कुरीति 4 323 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read परिवार होना चाहिए जैसे हर एक कड़ी के जुड़ने से, अटूट श्रृंखला का निर्माण होता है। ठीक वैसे प्राणियों के संवाद से, जीवित सभ्यता का भान होता है। यहाँ हर व्यक्ति के जीवन... Poetry Writing Challenge-2 · अपनापन · तुकांत कविता · पारिवारिक जुड़ाव · समूह ही शक्ति है · सम्बन्धों का वर्णन 5 1 371 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read पर्वत दे जाते हैं दृढ़ता से सीधे खड़े एक पर्वत ने, भारतवासियों को संदेश दिया है। इच्छा, सुरक्षा, साहस व प्रतीक्षा, पर्वत ने इन सबका भेष लिया है। इनके अटूट साहस की कथा, चलो... Poetry Writing Challenge-2 · तुकांत कविता · परिवर्तन की गति · पर्वतों की पीर · पर्वतों के उपकार · प्राकृतिक वर्णन 4 252 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read गुलाब के काॅंटे जग सवालों का बंद पिटारा है, यहाँ जवाब बनना आसान नहीं है। बाग़ में सख़्त काॅंटे भरे पड़े, कोमल गुलाब बनना आसान नहीं है। मैंने जिनकी राह पर फूल बिछाए,... Poetry Writing Challenge-2 · गुलाब और काॅंटे · तुकांत कविता · प्रेम प्रसंग · प्रेम में धोखा · प्रेमियों की अनबन 4 205 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 3 min read पराठों का स्वर्णिम इतिहास हमें तो एक रोटी और पराठे में, केवल यही एक अन्तर दिखता है। एक बस तवे के ऊपर ही रहे, तो दूजा तवे के बिना ही सिकता है। सही कहा... Poetry Writing Challenge-2 · तुकांत कविता · प्रासंगिक वर्णन · मनपसंद आहार · वैश्विक पैठ · स्वादिष्ट आहार 4 239 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read गले लगा लेना प्यार में झगड़े होना स्वाभाविक, इसमें परेशान होने की बात नहीं। जो प्रेम साथ रहकर न लड़े, समझो वो मुश्किल में देगा साथ नहीं। जो तुम रूठे तो मैं मनाऊंगा,... Poetry Writing Challenge-2 · तुकांत कविता · प्रेम प्रसंग · प्रेमी युगल · भावनाओं का प्रपात · शृंगार रस 5 374 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read टिमटिमाता समूह जब भी चंद्र का प्रकाश खिले, सूर्य का अधिकार समाप्त होता है। भव्य चाॅंदनी की छटा के बीच, श्वेत रंग चारों तरफ़ व्याप्त होता है। काले गगन श्वेत तारों से... Poetry Writing Challenge-2 · खगोलीय घटनाएं · तारामंडल · तुकांत कविता · धार्मिक वर्णन · प्रेम प्रसंग 4 316 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read चॉकलेट प्रेम की खट्टी मीठी यादों का, मिला-जुला स्वाद होती है चॉकलेट। कौन सच्चा?, कौन झूठा?, प्रेम का यही विवाद होती है चॉकलेट। नई ज़िंदगी का प्रारंभ, प्रेम संबंधों का शंखनाद... Poetry Writing Challenge-2 · चॉकलेट · तुकांत कविता · प्रेम प्रसंग · भेंट उपहार · शृंगार रस 4 424 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 3 min read शॉल (Shawl) कुछ अलग और अच्छा खरीदने, एक बार मैं निकल पड़ा बाज़ार। बाज़ार तक पहुॅंचने से पहले ही, मुझे दूर से चीज़ें दिख गईं हज़ार। एक बार में सारा बाज़ार खरीद... Poetry Writing Challenge-2 · ऐतिहासिक टिप्पणी · तुकांत कविता · परिधान · वर्णनात्मक प्रसंग · व्यक्तिगत प्रसंग 4 216 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 1 min read ऋतुराज रिमझिम फुहारों के गुज़रते ही, शीत की लहर का आगमन हुआ। शरद की बर्फीली हवाओं का, हर नगर व कस्बे तक भ्रमण हुआ। शीत के ऐसे ज़ुल्म को देखकर, यहाँ... Poetry Writing Challenge-2 · तुकांत कविता · प्रकृति · बसंत ऋतु · मनोभाव · मौसम परिवर्तन 4 286 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 16 Feb 2024 · 2 min read अधूरी दास्तान प्रेम प्रसंग का परिणाम देखो, सफल वही प्रेम जिसमें सम्मान रहे। नित्य समर्पण की मांग करतीं, समस्त मर्यादाओं का भी भान रहे। किसी के लिए ईश्वर की आस्था, किसी के... Poetry Writing Challenge-2 · तुकांत कविता · पौराणिक · प्रेम के स्वरूप · प्रेम प्रसंग · व्याकुलता 4 265 Share