Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next डी. के. निवातिया 15 May 2024 · 1 min read मुहब्बत भी करके मिला क्या दिन-दिनांक : बुधवार, १५ मई, २०२४ विद्या : ग़ज़ल विषय : इश्क/प्यार/मुहब्बत शीर्षक : मुहब्बत भी करके मिला क्या बह्र: बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 43 Share भरत कुमार सोलंकी 15 May 2024 · 1 min read भूल ना था भुल ना था पश्चाताप के आलम में मैअपना वजूद खोज रहा विग्रह् के मनोरम मे मै रख कलम कुछ सोच रहा क्यो मैं अपने मां बाप की भूल था उम्मीद... Hindi · ग़ज़ल 38 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2024 · 1 min read मुक्तक लगी होती है क्या दिल की इसे दिलबर ही समझेगा ये तन्हाई का आलम मील का पत्थर ही समझेगा ज़माना ये कहाँ समझेगा ये बेताबियाँ दिल की नदी बेचैन है... Hindi · ग़ज़ल · मुक्तक 35 Share Neelam Sharma 15 May 2024 · 1 min read बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है। #मतला कलम को ज़ाफरानी कर लिखा है। मिरा किस्सा कहानी कर लिखा है। #शेर सलौना सा सजन है और मैं हूँ, इश्क़ अपना रुहानी तर लिखा है। #शेर मुद्दतों बाद... Hindi · ग़ज़ल · बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन 44 Share Neelam Sharma 14 May 2024 · 1 min read अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ #मतला इक तेरी याद भुलाई न गयी। दास्तां दिल की सुनाई न गयी। #हुस्न-ए-मतला बात बिगड़ी थी बनाई न गयी । नफ़रतें दिल से मिटाई न गयी। #शेर तुहमतें खूब... Hindi · अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फ · ग़ज़ल 50 Share Neelam Sharma 13 May 2024 · 1 min read वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में #मतला मुहब्बत से भरे ख़यालों में। यूँ ही उलझे रहे सवालों में। #शेर मर्ज़ कुछ लाइलाज़ होते हैं लोग झुकते हैं जा मज़ारों में। #शेर उसने सूरज को क़ैद रक्खा... Hindi · ग़ज़ल 75 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read उम्र घटने लगी उम्र घटने लगी, साँस थामने लगी, है बची ज़िंदगी आखिरी ........ देव जाने नहीं, शास्त्र जाने नहीं, नहीं जानी गुरु की है, महिमा कभी, अब क्या होगा प्रभो, अब क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 23 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, ज़िन्दगी का फ़साना लिख दूँ, अवसर एक सुहाना लिख दूँ, खुशी का परवाना लिख दूँ ।। गुज़रा हुआ ज़माना लिख दूँ, रूठना और मनाना लिख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 21 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read पिता पिता समान न जग में कोई, पिता सभी की जान है, पिता नहीं तो कुछ भी नहीं है, पिता है तो जहान है।। पिता से ही दिन, पिता से ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 33 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read होली आई, होली आई, होली आई, होली आई, रंगों की सौगात है लाई।। ठंडक की हो गई विदाई, ग्रीष्म ऋतु की प्रभा है छाई। गुजिया और मिठाइयाँ खाई, मानवता की लौ है जलाई। होली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 31 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read बच्चे देश की शान हैं बच्चे देश की शान हैं, हमें उनपर अभिमान हैं, बच्चे मन के सच्चे हैं, सबकी आँखों के तारे हैं, बच्चे सबको भाते हैं, सबके मन को लुभाते हैं, देख-देख बच्चों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 28 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जले जब सारी धरती आन मिले, जब मानवता का स्नेह जगे, जब हर मानव बंधु-सा लगे, तब मन ही मन में दीप जले।। जब भाई-भाई के गले लगे, जब न रहीम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सूरज क्यों चमकता है? कविता-डॉ.नितेश शाह सूरज क्यों चमकता है? आग-सा क्यों दहकता है? चाँद क्यों दर-दर भटकता है? बादल क्यों बरसता है? क्यों बहती जलधारा है? क्यों दरिया इतना खारा है? क्यों नदियाँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read आँखें कुछ कहती हैं? आखें कुछ कहती हैं? सच को सच और झूठ को झूठ पढ़ लेती हैं, आखें कुछ कहती हैं? बंद आँखों से अपनेपन की बात वह समझती हैं आखें कुछ कहती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 31 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read कविता-निज दर्शन जल चन्दन अक्षत पुष्प को ले, अक्षय पद को पा न सके है, दीप, धुप, फल अर्घ्य भी ले, अनर्घ्य महल में जा न सके है, लाख बार नरभव को... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल 28 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read एक ज़माना ... एक ज़माना ... एक ज़माना था जब चिट्ठी-पत्री आती थी, तब पिय के मन की बात समझ में आती थी।। एक ज़माना था जब टेलीफोन पर गुफ्तगु होती थी, तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 22 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जलाएँ आओ मिलकर दीप जलाएँ, करुणा,दया, प्रेम दीपक में, स्नेहों का तेल चढ़ाएं... आओ मिलकर दीप जलाएँ ll भेदभाव की ना हो आँधी, राग-द्वेष की ना हो व्याधि, समता की सरिता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा, अलगाव की घटाएं हमको नहीं डिगांए, भाषा अनेक रंग भी हम एक हो मर जाएँ, पर मरते मरते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 23 Share Neelam Sharma 13 May 2024 · 1 min read बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया - सारा रदीफ़ - है #मतला कहे जाते वो रो-रो कर हमारा दिल तुम्हारा है । सभी से हँस के यूँ मिलना नहीं बिल्कुल गवारा है। #हुस्न-ए-मतला उसी का नूर है हर शय उसी को... Hindi · ग़ज़ल · बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ा 51 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले उलझन को सुलझाने निकले हम ख़ुद को दफ़नाने निकले नए नए अल्फ़ाज़ पहन कर कितने दर्द पुराने निकले राम-राज के धोबी सारे सबके मुँह से ताने निकले पुरस्कार समझा था... Hindi · ग़ज़ल 45 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read इतनी के बस ! जान देने की मेरी तैयारियाँ इतनी कि बस। और जीने की मेरी लाचारियाँ इतनी कि बस।। सबके होठों पे सजी है मुस्कुराहट देखिए, और आँखों में छिपी मक्कारियाँ इतनी कि... Hindi · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 35 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-सपेरे भी बहुत हैं ! गो ज़हर भरे नागों के डेरे भी बहुत हैं पर अपने इलाके में सपेरे भी बहुत हैं माना के सियह रात है क़ाबिज़ हैं अँधेरे हर रात के आँचल में... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 23 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-कुछ नहीं आता ! दिन-रात की आफत के सिवा कुछ नहीं आता चाहत में मुसीबत के सिवा कुछ नहीं आता लो चाय में भी चाय की पत्ती नहीं डाली तुमको तो मुहब्बत के सिवा... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 31 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-दिल में दुनिया की पीर दिल में दुनिया की पीर ज़िंदा है यानि मेरा ज़मीर ज़िंदा है कोई हिन्दू है कोई मुस्लिम है कैसे कह दूँ कबीर ज़िंदा है तुझको देखा तो बस यही सोचा... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 34 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 13 May 2024 · 1 min read "बेज़ारे-तग़ाफ़ुल" यूँ बहुत कुछ है भले, उसको सुनाने के लिए, गीत भी इक लिखा है, रूबरू गाने के लिए। मुझसे वो माँग भी कोई कभी तो रख देता, मैं तो तैयार... Hindi · ग़ज़ल 6 5 52 Share Neelam Sharma 12 May 2024 · 1 min read इशारा नहीं होता #मतला अगर आँखें नहीं होती तो इशारा नहीं होता । नज़र के तीर से घायल तु क्या यारा नहीं होता। #शेर बिछड़ कर जा रहा कोई ज़रा सी बात की... Hindi · ग़ज़ल 37 Share Neelam Sharma 12 May 2024 · 1 min read बह्र-2122 1212 22 फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन काफ़िया -ऐ रदीफ़ -हैं #मतला आजकल कम किसी से मिलते हैं। अब नहीं हर किसी से मिलते हैं। #हुस्न -ए-मतला सिलसिले दर्द के ही मिलते हैं। चाक-ए-दिल कब किसी के सिलते हैं। #शेर हम... Hindi · ग़ज़ल · बह्र-2122 1212 22 फ़ाइलातुन मु 45 Share Nitesh Shah 12 May 2024 · 1 min read माँ माँ की क्या मैं बात कहूँ, क्या उनसे फ़रियाद करूँ, इस जग में उसके जैसी, किसकी मैं पहचान करूँ, माँ के आगे नतमस्तक हो, जीवन यह साकार करूँ, तन, मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · दोहा · बाल कविता · मुक्तक 1 48 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read अपनी झलक ये जिंदगी दिखा दे अपनी झलक ये जिंदगी, देखा वो राहों में गुनगुनाए पड़ी देखो इधर उधर ढूंढा बहुत पर कम्बक्त है न साथ खड़ी, खेले लुक्का छिपाई, आंख मिचौली कर मुस्कुराए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · गीत · लेख · संस्मरण 1 39 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read नारी स्वाधीन बन नारी स्वाधीन बन, जब मन में धीर पन जीवन की छाया बन, समृद्धि की स्रोत बन सबका है साथी बन खुशियों की सावन बन, मन को मोह बनावन बन सबकुछ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल · गीत · लेख 1 30 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read दहेज मांग दस बीस, साठ सत्तर से लेकर, लाखों में बेच रहे लड़के हाय ये कितने भूखे नंगे हैं जो अपने बेटे तक को बेच रहे कहते पढ़ाया, स्नातक लगा पैसा इतना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · निबंध · लेख 1 28 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read अनंत प्रकृति का नव आगमन नव वर्ष आया द्वार है। दीप जले अंबर में, मंगल सारा संसार है,, आशाओं की धुन में गीत सुनाता नव वर्ष आया द्वार है। प्रकृति का भी नव आगमन लालिमा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल · मुक्तक 1 36 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read मन में रख विश्वास मन में रख विश्वास, तू करता रह प्रयास न हार अंत है जीवन का, अनंत करता रह प्रयास गिर गिर मकड़ी चढ़ती, फिर भी न माने हार बस तू अनंत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · लेख 26 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 2 min read जिंदगी तुझसे हार गया जिंदगी तुझसे वह हार गया, सहर्ष आत्महत्या स्वीकार गया, वह पंखे से है लटक गया, न जाने वह कैसे भटक गया, न थी कीमत उन नंबर की, जिन नंबर से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read मंजिल की चाह ये मंजिल को चाह है सताती बहुत है रुलाती बहुत है रुलाती बहुत है मिलेगी न चाहत, मिलेगी नसीहत करता है मेहनत तू करता जा बंदे अभी तेरी मंजिल में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · बाल कविता 39 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read इतना है अरमान हमारा जीवन गाड़ी ठीक चले बस इतना है अरमान हमारा सूरत अच्छी नहीं तो क्या है ? काम बने पहचान हमारा गुस्से में ही मर जाता है अंदर का इंसान हमारा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · ग़ज़ल · शिवनी · हमीरपुर 33 Share Neelam Sharma 12 May 2024 · 1 min read बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा मतला अश्क पीने पड़े दर्द छिपाना पड़ा। चेहरे पर मुखौटा लगाना पड़ा। ******** हुस्न-ए-मतला भूल बैठे उसे यूँ जताना पड़ा। झूठ का जाल ही यूँ बिछाना पड़ा। ******** गिरह ज़ख्म... Hindi · ग़ज़ल · बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ 40 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read हमारा चांद आया है श्रृंगार पर एक अदनी सी कोशिश हमारा चाँद आया है कि बागों में खिली कलियाँ बहारों ने सजाया है कि बागों में खिली कलियाँ हंसीं चेहरो की दुनिया में मेरा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · ग़ज़ल · शिवनी · हमीरपुर 33 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read कोई और नहीं यादों में रहना, सीखना बाकी है, रक्त कि स्याही से इतिहास लिखना बाकी है। यूं फर्ज तो छोटू सा है, तू जो करेगा उससे बढ़कर कोई और नही, जो सोचेगा... Poetry Writing Challenge-3 · *जीवन का सत्य* · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · बाल कविता 35 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read बोलो हां कर दोगी ना जिस्म की रूह , बेखयाली में ख्याल, नींद में हो सपने ,तुम गैर होके भी अपने । क्या हॉल तुम्हारा बयां तो करो, खामोश लब, मुस्करा लेगें फिर से ,... Poetry Writing Challenge-3 · *जीवन का सत्य* · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · संस्मरण 33 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी, खानदानी खून है, यूं झुकेंगे थोड़ी...!! आंखों में जूनून है, कुछ पाने का, पास पहुंचकर अपने लक्ष्य को छोड़ेंगे थोड़ी...!! ज़ालिम है ये... Hindi · ग़ज़ल 33 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read टुकड़े-टुकड़े दिन है बीता, धज्जी-धज्जी सी रात मिली टुकड़े-टुकड़े दिन है बीता, धज्जी-धज्जी सी रात मिली, जिसका जितना दामन था, उसको उतनी सौगात मिली!! बीते हुए उन सालों से पूछो, किसको कितना प्यार हुआ, थोड़ी ही खुशियों की... Hindi · ग़ज़ल 35 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मौसम बहुत सर्द है, आओ कुछ ख़्वाहिशों को आग लगाई जाए!! दिन है तन्हा, रात है तन्हा, चलो कोई दर्द भुलाई जाए, मौसम बहुत सर्द है, आओ कुछ ख़्वाहिशों को आग लगाई जाए!! बिन तुम्हारे कभी नहीं आई, चलो मेरी नींद... Hindi · ग़ज़ल 30 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी जीने को कुछ वक्त बाकी है!! क्या बयां करूं, गर्दिश-ए-हालात में, ज़िंदगी जीने को कुछ वक्त बाकी है!! मैं सोचता बहुत हूं, मगर ये भी न सोचूं, अंधेरों में चराग़ जलाना अभी बाकी है!! मंजिलें कुछ... Hindi · ग़ज़ल 21 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ, पर मानवता की डोर ना छूटे!! 'उस' ओर पहुंचने की चाहत में तुमसे तुम्हारा इस ओर ना छूटे!! हमारा उम्र भर का साथ जो ठहरा,... Hindi · ग़ज़ल · शेर 24 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मेरी वो हसरत, जो हमेशा टूट जाती है मेरी वो हसरत, जो हमेशा टूट जाती है, मेरी क़िस्मत ही मुझसे यूं रूठ सी जाती है!! प्यार हो जाना, जैसे ख़ुदा की इबादत हो गई, इक ज़िंदगी से नई... Hindi · ग़ज़ल · शेर 21 Share Diwakar Mahto 12 May 2024 · 1 min read उस चाँद की तलाश में होगी कोई प्रेम कहानी हमारी भी , बस इसी की आस में । मैं चल पड़ा इस सफर पर तन्हा , उस चाँद की तलाश में ।। कब तलक रहोगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · शेर 35 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read कहानी न पूछो बुझी आग से जिंदगानी न पूछो। लहर से कदम की निशानी न पूछो। किया कत्ल जिसने गले से लगा कर- उसी से प्रणय की कहानी न पूछो। लहर ने जगाया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 31 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read क्या मिला तुझको? ऐ दिले नादान आखिर क्या मिला तुझको। हर सजा दे दी मुझे फिर भी गिला तुझको।। छोड़कर जाना सही इक सोच हो लेकिन, सालता होगा तुम्हारा फैसला तुझको। गलतियाँ मुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 22 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read बुलाकर तो देखो मिलेंगे खुदा बस बुलाकर तो देखो। खुदी में भरोसा जगाकर तो देखो।। दुआ से भरे भव खजाने तुम्हारे, गिरे को जरा सा उठाकर तो देखो। किसी आँख से अश्क बनकर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 2 35 Share Previous Page 5 Next