Posts Tag: दोहा 3k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 4 Feb 2024 · 1 min read जनता मुफ्त बदनाम अपनी रोटी सेंकना नेताओं का काम। आका लूटे देश को, जनता मुफ्त बदनाम। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 95 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read हटा 370 धारा भारत माँ के शीश से, हटा पुरातन पीर। लहर तिरंगा कह रहा,अपना है कश्मीर।। सपना अखण्ड हिन्द का , अब होगा साकार। आज राष्ट्र को मिल गया, इक नूतन आकार।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 94 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 3 Feb 2024 · 1 min read बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे *150 बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150* *दोहा प्रदत्त शब्द-भुन्नाने /भुन्नानें (क्रोधित)🌹 *संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'* आयोजक जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ प्राप्त प्रविष्ठियां :- *1* भन्नानें नइँयाँ कभउँ,जीवन भर दव प्यार।... Bundeli · Bundeli Doha · Poem · दोहा · बुंदेली · राजीव नामदेव राना लिधौरी 1 64 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read सर्जिकल स्ट्राइक बंद कलम को मिल गई, ताजी नई खुराक। कानों में जैसे पड़ा, छप्पन इंची धाक।। मंगल ही मंगल रहा, शुभ मंगल है आज। गढ़ दुश्मन का हिल गया, ढ़ाया कहर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 72 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 2 min read पुलवामा अटैक आँखों से आँसू बहे, कलम रक्त की धार। हुआ आज कश्मीर में, वीरों का संहार।। काँप रहा धरती गगन, चहुँ दिश हाहाकार। रँगा हिमालय रक्त से,गूंज उठा चित्कार।। टोली वीर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 81 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 3 Feb 2024 · 1 min read बसंत आएगा फिर से वही, खुशियों भरा बसंत। महकेगा सारा चमन, भरमाएगा कंत। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 72 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read माँ भारती की पुकार उठो वीर जागो सुनो,माँ की करुण पुकार। तड़प-तड़प माँ भारती,तुम से करे गुहार।। अब रणभेरी बज उठी,चिर निन्द्रा को त्याग। माँ की पीड़ा बढ़ रही,देशभक्त अब जाग।। उठो त्याग आलस्य... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 72 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 2 Feb 2024 · 1 min read मेखला धार चंचल चपला चमक रही, बीच मेघ बन नार। धरा बावरी झूमती, देख मेखला धार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 51 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 1 Feb 2024 · 1 min read हिन्दी दोहा-पत्नी हिन्दी दोहे -विषय - पत्नी #राना जीवन में सदा, पत्नी है सौगात | वामअंग कहते उसे , होती नवल प्रभात || मेघ बनी रस डालती , सुंदर रखती गेह |... Poetry Writing Challenge-2 · Doha · Wife · दोहा · पत्नी · राजीव नामदेव राना लिधौरी 1 84 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 1 Feb 2024 · 1 min read हिन्दी दोहा-विश्वास *हिंदी दिवस , विषय - विश्वास* जिनको जीवन में मिला, #राना शुचि विश्वास | उनको कभी न भूलना , रखना दिल के पास || चलते है विश्वास से , राना... Poetry Writing Challenge-2 · Doha · Rajeev Namdeo Rana LidhorI · दोहा · राजीव नामदेव राना लिधोरी · विश्वास 1 65 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 1 Feb 2024 · 1 min read दोहे-मुट्ठी *हिंदी दोहा- विषय मुठ्ठी* मुठ्ठी में है संगठन , ताकत का प्रतिमान | इसको #राना जानिए ,यह जीवन में भान || #राना मुठ्ठी बाँधकर , जहाँ उठाते लोग | दिखे... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Doha · Rajeev Namdeo Rana LidhorI · दोहा · मुट्ठी · राजीव नामदेव राना लिधोरी 1 69 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 1 Feb 2024 · 1 min read दोहे-बच्चे *हिंदी दोहा - विषय - बच्चे* #राना बच्चे जानिए , होते पुष्प सरोज | प्यार उसे घर के करें , देते उसको ओज || #राना बच्चे मानिए , घर के... Poetry Writing Challenge-2 · Doha · Rajeev Namdeo Rana LidhorI · दोहा · बच्चे · राजीव नामदेव राना लिधौरी 1 82 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 1 Feb 2024 · 1 min read हिंदी दोहा- अर्चना *हिंदी दोहा -अर्चना* #राना करता अर्चना , सदा हाथ को जोड़ | जो जीवन में दें सदा ,सत्य न्याय का मोड़ || श्री गणेश की अर्चना , प्रथम पूज्य में... Poetry Writing Challenge-2 · Doha · Rajeev Namdeo Rana LidhorI · अर्चना · दोहा · राजीव नामदेव राना लिधौरी 1 83 Share RAMESH SHARMA 1 Feb 2024 · 1 min read मनमुटावका आपका ये कैसा अंदाज मनमुटाव का आपका, ये कैसा अंदाज । छोड़ दिया है आपने , होना ही नाराज ।। रमेश शर्मा.. Hindi · दोहा 1 127 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read हम कितने आजाद आजादी के पर्व पर,सुन माँ की फरियाद। चीख-चीख कर कह रही, हम कितने आजाद।। पूर्ण रूप से है नहीं, अभी देश आजाद। जाति-धर्म के नाम पर, दंगा कहीं फसाद।। तड़प... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 73 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read आजादी दिवस आया आजादी दिवस, है आज पन्द्रह अगस्त। भेद-भाव को भूल कर, हो जाये सब मस्त।। जन-गन-मन के गान से, झंकृत मन का तार। आज सजी माँ भारती, कर सोलह श्रृंगार।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 46 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read तिरंगा तीन रंग से है सजा,अपना राष्ट्र निशान। केसरिया सफेद हरा,है इसकी पहचान।। केसरिया मस्तक सजा,अध्य हरा का रंग। श्वेत हृदय के मध्य में,अशोक चक्र के संग।। केसरिया बलिदान का,सत्य शांति... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 61 Share Ravi Prakash 1 Feb 2024 · 1 min read *सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)* *सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)* _________________________ 1) सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम तन-मन सुरभित हो गया, हृदय अयोध्या धाम 2) मन क्यों भूला राम को, भज... Hindi · Quote Writer · दोहा · राम 72 Share लक्ष्मी सिंह 31 Jan 2024 · 2 min read भारत देश बसा प्रकृति की गोद में,भारत देश महान। जिसके पावन भूमि पर,जन्म लिये भगवान।। सागर धोता है चरण, बना हिमालय ताज। ऐसे भारत देश पर, हमे बड़ा है नाज़।। गंगा ,जमुना,प्रेममय... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 1 73 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 31 Jan 2024 · 1 min read झूठ रहा है जीत लूटेंगे अपने यहाँ, गैर निभाएं प्रीत। मतलब के संसार में, झूठ रहा है जीत। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 105 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read माँ सच्ची संवेदना... माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास। मेरे जीवन-पुष्प में, माँ खुशबू का वास।। रंग भरे जीवन में जिसने, महकाया संसार। पाला पोसा जानोतन से, दिया सुघड़ आकार। खुश रहे जो... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा · मुक्तक 1 105 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 30 Jan 2024 · 1 min read मोल जीवन की गाड़ी चले, बिन डीजल पेट्रोल। श्रमजीवी ही जानता, दो रोटी का मोल। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 54 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jan 2024 · 1 min read बलिदान मातृ भूमि के वास्ते , हो जाऊँ कुर्बान। कफन तिरंगा से बने, इतनी-सी अरमान।। जो करते हैं देश हित, सुख सुविधा बलिदान। ऐसे वीर जवान से, भारत बना महान।। हर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 73 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2024 · 1 min read वीर-जवान जब भी आया देश में,आतंकी तूफान। माँ की रक्षा के लिए,हुए वीर कुर्बान।। रणभेरी बजते उठे,मोह निद्रा को त्याग। चले वीर सन-सन करें, देश-भक्ति की आग।। "भारत ही सर्वस्व मम”,कहकर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 1 121 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2024 · 1 min read सीमा प्रहरी सरहद जिसका घर बना, जंग बना त्योहार। माथे मिट्टी का तिलक,करे शत्रु संहार।। सरहद पर तैनात है,खोए अपना चैन । नींद त्याग कर जागते, सैनिक सारी रैन।। रहते सरहद पर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 77 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2024 · 1 min read जाति-धर्म अलग-अलग हर खोपड़ी, बोल रहा इक मंत्र। सब धर्मों को मान दो,तभी देश गणतंत्र।। अपना ये संसार है, अपने हैं सब लोग। फिर क्यों अंतस में भरा, भेद-भाव का रोग।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 100 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2024 · 1 min read सरहद विहग पवन स्वच्छंद है, और नदी की धार । खींच लिये खुद ही मनुज,सरहद की दीवार।। दो देशों के बीच में,खींची एक लकीर। जिसका सरहद नाम है,मानवता का पीर।। सरहद... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 113 Share Godambari Negi 27 Jan 2024 · 1 min read 'दोहे' काल चक्र घूमे सदा, करता नहीं विश्राम। हानि-लाभ क्या सोचना, सतत कीजिए काम।।1 सरल रहें व्यवहार में, शुद्ध रखें आचार। क्रोध लोभ मद छोड़ दें, हृदय रखें सुविचार।।2 मन की... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 75 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 27 Jan 2024 · 1 min read बदला सा व्यवहार बदली सी फितरत रही, बदला सा व्यवहार। झूठी बातों से फले, उनका कारोबार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 70 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2024 · 1 min read गणतंत्र आज बहुत पावन दिवस, आया है गणतंत्र। अमर तिरंगा देश का,गाओ गौरव मंत्र।। आज दिवस गणतंत्र है, जिस पर हमको गर्व। देशभक्ति बलिदान की ,यह वीरों का पर्व।। हम सब... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 94 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 26 Jan 2024 · 1 min read श्री राम जी अलौकिक रूप अद्भुत अलौकिक अनुपम,है माता का रूप भू-,धरा से निकल पड़ी, चमत्कार रही खुब। अद्भुत अलौकिक अनुपम,सिया राम के रूप आदि ब्रह्म विराट रूप, अनुभव किया द्वी भुप अवधपुरी और जनक... Hindi · दोहा 102 Share RAMESH SHARMA 26 Jan 2024 · 2 min read अपना ये गणतंत्र कहलाता गणतंत्र का, दिवस राष्ट्रीय पर्व ! होता है इस बात का , …हमें हमेशा गर्व !! ————————————————- रचें सियासी बेशरम,जब -जब भी षडयंत्र । आँखे मूँद खड़ा विवश, दिखा... Hindi · दोहा 2 1 105 Share Ravi Prakash 25 Jan 2024 · 1 min read *धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)* *धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)* _________________________ 1) धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान श्याम वर्ण भाता रहे, मनमोहक मुस्कान 2) नेत्रों में तुम... Hindi · Quote Writer · दोहा · राम 70 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read ठंडक ठंडक भी सौतन हुई, खुल कर करती वार। इक तो कांपे तन घना, दूजा वह उस पार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 97 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read मोल चंदन सी खुशबू रहे, चीनी सा हो घोल। जून पड़े सब मानते, पाहन का भी मोल। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 60 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read दो धारी तलवार दो धारी तलवार से करो नहीं तुम वार। मीठे वचनों से बने सुखी सकल संसार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 67 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read दिल से करो पुकार खामोशी को तोड़कर, दिल से करो पुकार। नंगे पांव दौड़़ कर, आएंगे सरकार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 72 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read कौन सुने फरियाद चमचे मौजी बन गए, कौन सुने फरियाद। आका लूटे देश को, जनता है बरबाद। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 85 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read शीतलहर शीतलहर बढ़ने लगी, जीना हुआ दुश्वार। दिनकर भी दिखते नहीं, हुए सभी लाचार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 87 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read बलबीर तरकश सब खाली हुए, कुंद पड़ी शमशीर। नई चाल चलने लगा, झुका हुआ बलबीर। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 72 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read वार नयनों का धनु साध कर, करते छिप कर वार। बिन बोले ही कर रहे, तीर जिगर के पार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 47 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 25 Jan 2024 · 1 min read कारोबार उसकी बातों से रहा, बस मुझे सरोकार। मतलब से चलता रहा, उसका कारोबार। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 66 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2024 · 1 min read देश- विरोधी तत्व साँप-सपोलों की तरह, देश विरोधी लोग। करो शीघ्र उपचार कुछ, खतरनाक यह रोग।। खत्म जड़ों से कीजिये,देश विरोधी तत्व। धर्म जाति के नाम पर, मिटा रहे अपनत्व।। देश विरोधी तत्व... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 90 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2024 · 2 min read भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन भाव, ताल औ”राग से, निकला भारत देश। आज बना है इंडिया, बदल गया परिवेश।। देवों ने जिसको रचा, अपना भारत धाम। बदल दिया अंग्रेज ने, रखा इंडिया नाम।। भारत भावों... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 77 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read इंटरनेट इंटरनेट का ये जहाँ, लगे हुए सब लोग| आँखों पर ढक्कन लगा, हुए करोड़ों रोग|१| खाना सोशल मीडिया, वॉट्सैप है नीर। रिश्ते-नाते खो दिये,हालत है गंभीर|२| मिलना जुलना बंद अब,... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 84 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read चलो चलाए रेल। सब मिल जुल कर खेलते, इक सुंदर सा खेल। कांधे ऊपर हाथ रख, चलो चलाए रेल। आगे हो सबसे बड़ा, छोटा पीछे खेल। धीरे-धीरे सब चलो, करो न पेलम पेल।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 65 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read नम्रता पर दोहे नम्रता पर दोहे सुशील शर्मा सच्चा सद्गुण नम्रता ,है अमूल्य यह रत्न। नम्र सदा विजयी रहे, व्यर्थ अहं के यत्न। नम्र सदा हरि प्रिय रहें ,नम्र आत्म का रूप। नम्र... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 129 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read गणपति दोहे गणपति प्रथम पूज्य गिरजा तनय,कोटि सूर्य सम आभ। विघ्नविनाशक आप हैं,जीवन के शुभ लाभ। लंबोदर गजकर्ण का,विघ्नविनाशक रूप। सिद्ध सभी कारज करें,पावन रूप अनूप। शंकर सुत हे विश्वमुख,हे गणराज... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 48 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read बस्ता हिन्दी दोहे बस्ता बस्तों में सपने लिए,पढ़ते सारे छात्र। कुछ पीछे हैं छूटते, कुछ होते हैं पात्र। बस्ता में पुस्तक रखें, मन में रखें उमंग। विद्यालय भरता सदा, जीवन में... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 42 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read नवसंवत्सर पर दोहे नवसंवत्सर पर दोहे सुशील शर्मा चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा ,सूर्य भ्रमण हो मेष। नवसंवत्सर हो शुरू ,हर्ष विमर्श अशेष। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा,मधुर हर्षमय भोर। नव संवत्सर आ गया ,मधुमय... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 55 Share Previous Page 4 Next