Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2024 · 3 min read

कहें सुधीर कविराय

******
सफलता
*******
यह जीवन अनमोल है, आप लीजिए जान।
सुख दुख इसके अंग हैं, करिए इसका मान।।

जीवन सस्ता है कहाँ, ये होता अनमोल।
हम सब निज संघर्ष से, रोज चुकाते मोल ।।

सुख पाना यदि आपको, करिए सतत प्रयास।
निज के ही सामर्थ्य से, अर्जित हो उल्लास।।

श्रम से है बनता सदा, सबका अपना भाग्य ।
सुख लाता है संग में, मानव का सौभाग्य।।

मेरी इतनी चाह है , खुशियां मिलें हजार।
सुरभित ही होता रहे, प्रेम प्यार व्यवहार।।

सत्य सदा ही खोजते, लोग सतत दिन रात।
जिसे सभी को प्रभू ने, मुफ्त दिया सौगात ।।
*******
विविध
**********
भाई भाई में हो रहा, युद्ध आज हर ओर।
अंधकार जब से हुआ , रिश्तों में घनघोर।।

कभी किसी का भी भला, मत करिएगा आप।
जब अपने ही स्वार्थ का, छिपा रखा हो पाप।।

हमने उसके दर्द को, जब से जाना यार।
मुझको ऐसा लग रहा, मुझे पड़ी है मार।।

किसको अपना हम कहें, किसको अपना जानें।
सबकी अपनी समझ है, माने या न मानें।।

आया सावन मास है, भक्तिभाव भरपूर।
कांवड़ लेकर जा रहे, भोला मस्ती चूर।।

उसने उसको दे दिया, अच्छा खासा घाव।
आखिर ऐसा क्या हुआ, गिरा आज जो भाव।।

जितना क़िस्मत में लिखा, मिल ही जाता यार।
किस्मत में‌‌ जो है नहीं, ख्वाहिश है बेकार।।

जिसने भी जाना नहीं, कभी किसी का दर्द।
समझ लीजिए आप भी, वो कैसा बेदर्द।।
*******
आधार
*******
ईश्वर ही है विश्व के, जीवन का आधार।
उसकी महिमा है बड़ी, अमिट अनंत अपार।।

नश्वर ये संसार है, जीवन का है सार।
बुद्धिमान वो है बड़ा, माने जो आधार।।

राजनीति की ओट ले, कुर्सी का आधार।।
जनता जाये भाड़ में, इनका असली सार।

लोकतंत्र इस देश में, जनमत का आधार।
हम सबको भी चाहिए, बनना भागीदार।।

भाईचारा ढोंग है, झूठा प्रेम आधार।
हमको तो है लग रहा, यह विचार बेकार।।

रिश्तों के आधार की, दरक रही है नींव।
समय चक्र के खेल में, भटक गए सब जीव।।
*******
शिव
******
करिए शिव आराधना, आया सावन मास।
इनके पूजा पाठ से , मिटते सब संत्रास।।

प्रलयंकारी रूप में, शिव शंभू नटराज।
तांडव जब शिव जी करें, प्रलय करे आगाज।।

नंदी जी के कान में, कहिए अपनी बात।
जाती शिव तक बात वो, बिना घात प्रतिघात।।

हर पल मन में हम रखें, शिव शंभू का नाम।
शिव शिव शिव रटते रहें, बन जाएंगे काम।।

भक्तों को शिव हैं प्रिए, शिव को पुत्र गणेश।
नन्दी जिनके शिष्य हैं, हरते शिव जग क्लेश।।

कांवड़ के जल से करें, जो शिव का अभिषेक।
पूरी हो हर कामना, चाहे रहें अनेक।।
*******
रावण
********
आज राम जी मौन क्यों, देते नहि अब ध्यान।
उत्पाती रावण करे, बढ़ चढ़ नित गुणगान।।

रावण अब मरता नहीं,कितने मारो बाण।
रावण जिद पर है अड़ा, नहीं छोड़ता प्राण।।

वह रावण जो था मरा, अब उसका क्या गान।
घर घर रावण कुछ बसे, कैसा बना विधान।।

मर्यादा लुटती रहे, आँखें रहतीं बंद।
रोती रहती यह धरा, हँसते है छल छंद।।
******
पावन
******
पावन जिसका नाम है, और अयोध्या धाम।
मर्यादा की सीख दे, कहते उसको राम।।

रिश्ता भाई बहन का, पावन और पवित्र।
सभी चाहते हैं सदा, बना रहे ये चित्र।।

पावन जब तक आपका, रिश्तों का आधार।
मर्यादा की छांव में, बना‌ रहेगा प्यार।।

पावन जिनका नाम है,बसे अयोध्या धाम।
मर्यादा की सीख दे, कहें उन्हें हम राम।।

गंगा मैय्या पावनी, मान रहे हम आप।
हम ही मैली कर रहे, करते कैसा पाप।।

सबके मन को कीजिए, प्रभु जी पावन आप ।
धरती पर नहि हो कभी, किसी तरह का पाप।।

पावन मेरा नाम है, और सुघड़ सब काम।
फिर भी कोई प्यार से, लेता कब है नाम।।
*******
मित्र, मित्रता
*******
मित्र आप हैं जानते, किसको कहते मित्र।
खींच सके जो आपका , जैसा होये चित्र।।

सोच समझ कर कीजिए, आज मित्रता आप।
कहीं मित्र ही नहि बने, जीवन का अभिशाप।।

कभी मित्र के मध्य में, उठे नहीं दीवार।
जब तक मन में मित्र के, जन्म न ले कुविचार।।

आज मित्रता हो रही, स्वार्थ छिपाकर यार।
मित्र भागता दूर है , करके बंटाधार।।

आज मित्रता का दिवस, खुश रहना तुम मित्र।
मेरी भी है कामना, अति सुंदर हो चित्र।।

हर रिश्ते में हो सदा, मित्रों जैसा भाव।
सच मानो तब मित्र के, दिखे न कोई घाव।।

भ्रात बहन की मित्रता, बनती सदा मिसाल।
अब तो आपस में लड़ें, आंख दिखाते लाल।।
*****
सूझ बूझ
******
हल हो जाते हैं सभी, सबके सारे कष्ट।
सूझ बूझ से काम लो,होगी मुश्किल नष्ट।।

सूझ बूझ से ही करें, अपने सारे काम।
मिल जायेंगे हल सभी, और मिले आराम।।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
49 Views

You may also like these posts

नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अभिमान है हिन्दी
अभिमान है हिन्दी
अरशद रसूल बदायूंनी
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
जीना सीखा
जीना सीखा
VINOD CHAUHAN
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
Mamta Rani
मां की ममता
मां की ममता
Shutisha Rajput
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
पं अंजू पांडेय अश्रु
रंगों को मत दीजिए,
रंगों को मत दीजिए,
sushil sarna
मुफ़्तखोरी
मुफ़्तखोरी
SURYA PRAKASH SHARMA
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
🙅अजब संयोग🙅
🙅अजब संयोग🙅
*प्रणय*
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
Vijay kumar Pandey
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
श्रीकृष्ण शुक्ल
"फर्क"
Dr. Kishan tandon kranti
दाता
दाता
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
Empty love
Empty love
Otteri Selvakumar
जीवंत हो तभी भावना है
जीवंत हो तभी भावना है
goutam shaw
Casino 23Win mang đến không gian giải trí hiện đại với hàng
Casino 23Win mang đến không gian giải trí hiện đại với hàng
23Win
पीठ पर लगे घाव पर, मरहम न लगाया मैंने।
पीठ पर लगे घाव पर, मरहम न लगाया मैंने।
श्याम सांवरा
सहयोग
सहयोग
Rambali Mishra
मुक्तक
मुक्तक
surenderpal vaidya
हर मुश्किल का हल निकलेगा..!
हर मुश्किल का हल निकलेगा..!
पंकज परिंदा
रंगीली होली
रंगीली होली
Savitri Dhayal
हर किसी पे भरोसा न कर ,
हर किसी पे भरोसा न कर ,
Yogendra Chaturwedi
गुड़िया
गुड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
Shweta Soni
Loading...