Shyam Sundar Subramanian Tag: मुक्तक 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Sundar Subramanian 7 Dec 2021 · 1 min read सूक्तियाँ आत्मसम्मानविहीन संबंध समझौता है , परस्पर समर्पणभावविहीन प्रेम अनुबंध है , आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प एवं कर्मनिष्ठता , सफलता के सोपान है , लक्ष्यकेंद्रित शौर्य , आत्मबलिदानभाव , शूरवीरता की पहचान... Hindi · मुक्तक 4 12 201 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Dec 2021 · 1 min read सूक्तियाँ भाग्य अपेक्षित कर्मविहीन इच्छाओं ,अभिलाषाओं की परिणति निराशाजनक होती है, कर्म प्रधान जीवन चक्र निर्मित प्रारब्ध की अनुभूति आशाजनक होती है , भाग्य जीवन की बिसात पर बिछी हुई माया... Hindi · मुक्तक 3 6 157 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Oct 2021 · 1 min read कटु यथार्थ एक बचपन अभावों में घिरा , एक युवा उत्प्रेरित दिग्भ्रमित हुआ , एक नारी समझौतों की मारी बेचारी, एक व्यापारी जिसका धर्म मुनाफाखोरी , एक राजनेता चुनाव वादे कर भूल... Hindi · मुक्तक 4 4 289 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jun 2021 · 1 min read चंद एहसासात कहते हैं इरादे बुलंद हों ,और मशक्क़त का जज़्बा-ए-जुनून हो तो मंज़िल हासिल होती है , ग़र तक़दीर साथ न दे , तो तदबीर से खड़े किए महल भी खंडहर... Hindi · मुक्तक 5 8 443 Share Shyam Sundar Subramanian 22 May 2021 · 1 min read सूक्तियाँ भय , विपत्ति में धैर्य को बलहीन करता है , संशय , आत्मविश्वास हिला पथभ्रष्ट करता है , लालसा , मानसिक विकार पैदा करती है , स्वार्थ , अनीति की... Hindi · मुक्तक 4 12 286 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Jul 2020 · 1 min read प्यार प्यार किया नहीं जाता हो जाता है। दिल दिया नहीं जाता खो जाता है। दिल से दिल का सौदा होता नहीं। मोहब्ब़त की कोई तिजारत नहीं। ये तो आश़िकों के... Hindi · मुक्तक 13 20 651 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jul 2020 · 1 min read श़ायरी का आग़ाज़ दिल में जब दर्द उठता है तो ए़़हसास उभर आते हैं। बनते हैं ज़ब्त़े ग़म जज़्बात बन जाते हैं। उबलते जज़्बात अल्फ़ाज़ बन जाते हैं। इज़हारे अल्फ़ाज़ अश़आर बन जाते... Hindi · मुक्तक 5 10 265 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jul 2020 · 1 min read ज़माने की फ़ितरत ज़ालिम ज़माने की फ़ितरत को मैंने जान लिया है। दर्दे दिल को जज्ब़ कर मुस्कुराना सीख लिया है। दिल के ज़ख्म़ अम़ानत है जब से मैंने जाना है। ज़माने में... Hindi · मुक्तक 6 8 442 Share Shyam Sundar Subramanian 28 May 2020 · 1 min read च़ंद इज़हार जाने कब से ढूँढ रहा हूँ इंसान इन लोगों की भीड़ में , जो अब तक गुम़श़ुदा है। उसने मेरे दिल को सिर्फ दऱिया समझा , मेरे दिल में लहराते... Hindi · मुक्तक 9 13 272 Share Shyam Sundar Subramanian 19 May 2020 · 1 min read चंद अश़आर मेरी हस्त़ी की हक़ीक़त तब समझ आई है , जबसे मैंने अपने सोच के आईने पर पड़ी धूल हटाई है। उनकी आंखों में कुछ ऐसी अजीब सी क़शिश है ,... Hindi · मुक्तक 11 4 312 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Apr 2020 · 1 min read चंद इज़हार ज़माने की नज़रों में गिरने वाले गिरकर कभी ना कभी उठ जाते हैं , पर खुद की नज़रों से गिरने वाले कभी न उब़र पाते हैं । वो ज़माने को... Hindi · मुक्तक 8 8 490 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Apr 2020 · 1 min read कुछ विचार धन स्वार्थ को आकर्षित करता है जबकि व्यक्तित्व यथार्थ को आकर्षित करता है। अनजाने मे की गई भूल गलती होती है परंतु जानबूझकर की गई गलती अपराध की श्रेणी में... Hindi · मुक्तक 3 2 304 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Apr 2020 · 1 min read च़ंद अल्फ़ाज़ ग़ैरों को आईना दिखाने वालों ने शायद अपना चेहरा आईने में देखना छोड़ दिया है। जज्ब़ात की ऱौ मैं वो इस क़दर बह गए के क्या ग़लत क्या सही ये... Hindi · मुक्तक 6 4 515 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Apr 2020 · 1 min read च़ंद इज़हार पत्थरों को मैं पहचान नहीं पाया मेरी तो सोहब़त फूलों से थी। जान कर भी वो अनजान बन रहे हैं शायद उन्होंने दोस्तों के फ़रेब खाए हैं। क्यों कर पहली... Hindi · मुक्तक 3 4 234 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Apr 2020 · 1 min read चंद इज़हार उन्हें भुलाने की कोशिशें सब नाकाम हो गईं हैंं। कभी वो मेरे शेर बन उभरते हैं , तो कभी ज़ेहन पर नग़मा बनके छा जाते हैंं। जिंदगी इतनी दुश्वार न... Hindi · मुक्तक 8 10 434 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Apr 2020 · 1 min read च़ंद अंदाज़े ब़याँ तेरे प़ैकर से लिखे हुए ख़तों को जब खोल कर देखता हूं तो तेरे मोहब्ब़त की खुश़बू ज़ेहन पर ताऱी हो जाती है। हम तो समझे थे ऱाहे उल्फ़त फ़ूलों... Hindi · मुक्तक 3 2 364 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Mar 2020 · 1 min read चंद अल्फ़ाज़ कुछ सोचकर लफ्ज़े इज़हार जज़्ब कर लेता हूं के उन्हे ब़दग़ुमानी का ए़हस़ास ना हो जाए । मैं समझता था कि वो पत्थर दिल़ हैं पर मेरे सोज़े इश़्क ने... Hindi · मुक्तक 8 12 330 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Mar 2020 · 1 min read चन्द तंज़ आजकल हसीनाएं कुछ ज्यादा अक्लमंद हो गई है उन्हें सब आश़िक अक्ल़ से बीमार नज़र आते हैं। वो देख कर भी अनदेखा कर जाते हैं शायद उन्होंने मुझसे ज्यादा दौलत... Hindi · मुक्तक 3 398 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Feb 2020 · 1 min read च़न्द अल्फ़ाज़ सोचता हूं क्या भूल गया जो अब तक याद था मुझको। शायद तेरी चाहत में खुद को भी भूल गया हूं। इल्म़ की दौलत कभी लुटती नहीं। जितना भी बांँटो... Hindi · मुक्तक 2 416 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Feb 2020 · 1 min read च़न्द श़ेर इज्जत वो श़फ्फ़ाक चादर है जिसमें लगे हुए दाग़ ताउम़्र नहीं मिटते। अपनी खुदगर्ज़ी में इतना ना गिर जाओ कि खुद से श़र्मिंदा हो जाओ । मोहब्ब़त एक इब़ादत है... Hindi · मुक्तक 2 211 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Feb 2020 · 1 min read चन्द उद् गार इंसानिय़त के माय़ने मुझे अब समझ आने लगे हैं। जब जब मुझे अपनों ने गिराया तब तब गैरों नें बढ़कर मुझे थाम लिया। अपनी ज़िंदगी खुश़हाल बनाने का फ़न तो... Hindi · मुक्तक 3 2 372 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Feb 2020 · 1 min read इज़हारे अन्दाज़ व़हम एक नास़ूर है जिसका कोई इलाज नहीं होता । ये ज़ेहन में पलता है और द़िल तक को बीमार कर देता है। इश्क़ की च़ाहत में मैंने क्या क्या... Hindi · मुक्तक 1 2 333 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Feb 2020 · 1 min read चन्द अल्फ़ाज़ नेक़ी और ब़दी में बस फर्क यही है । एक दिल की उपज है तो दूसरी दिमाग़ की पैदावार है । उनके हुस्न ए मुजस्सिम़ का अस़र इस क़दर है... Hindi · मुक्तक 3 4 478 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jan 2020 · 1 min read चन्द अल्फ़ाज़ हमें जिन से ऱहम की उम्मीद थी उन्हीं ने सरे म़हफिल हमारी बेचाऱगी का मज़ाक बना डाला। उन दग़ाबाज दोस्तों से दुश्मन बेहतर है जो श़िद्दत से अपनी दुश्मनी तो... Hindi · मुक्तक 3 9 399 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2019 · 1 min read चन्द श़ेर ये मेरी नजरों का धोखा है या दिल का कुस़ूर है । जो उनकी बेवफाई पर भी दिल उन्हें बेवफ़ा नहीं मानता । उनके लुटने का तमाशा हम देखते रहे... Hindi · मुक्तक 2 2 231 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Dec 2019 · 1 min read चन्द श़ेर जब से हम उनके हमद़र्द बन गए। अपने सारे द़र्द हम भूल गए । तिश़नगी ए इश़्क बुझाए नहीं बुझती। लाख कोश़िश करो छुपाए नहीं छुपती। उल्फ़त जिनसे हो गई... Hindi · मुक्तक 1 267 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Dec 2019 · 1 min read चन्द मुक्तक युवा आज का युवा दिशाहीन, दिग्भ्रमित, त्रिशंकु की तरह. लटका हुआ । शिक्षक आज का शिक्षक जैसे साँपों के बीच तक्षक । नेता आज का नेता जिसकी अभिनय क्षमता पर... Hindi · मुक्तक 2 2 207 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Dec 2019 · 1 min read चन्द श़ेर मय़खाने में बैठे वो ग़म को ग़लत कर रहे थे । होश़ में जब आए तो पाया खुद ग़लत हो रहे थे । दौलत और श़ोहरत ज़िंदगी भर कमाई जब... Hindi · मुक्तक 1 181 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Nov 2019 · 1 min read इन्तज़ार दिल के दरवाज़ोंं को खोल कर तो देखो मो़हब्बत भरी सब़ा कब से इन्तज़ार कर रही है। Hindi · मुक्तक 2 245 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Oct 2019 · 1 min read बंद मुट्ठी जिंदगी को बंद मुट्ठी की तरह सहेज कर रखना कि सब समझें के उसमें हीरे मोती हैं ।जिसकी इंतिहाँ के इंतजार में सब रहें कि वह कब खुले और उन्हें... Hindi · मुक्तक 2 251 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Oct 2019 · 1 min read दो पल खुशी के चलो रंजिशें भुलाकर हँस खेलकर दो पल बिता लें। वरना रंजिशें निभाने के लिये ज़िन्दगी पड़ी है। Hindi · मुक्तक 2 378 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read दीपावली नवदीप ज्योति , नव आभरण परिपूर्ण मंगलमय बेला के आगमन से संचारित चर्मुत्साह का वातावरण। सुख समृद्धि की कामना उत्प्रेरित करता हुआ नवजीवन का प्रादुर्भाव । सुखद अनुभूति से जीवन... Hindi · मुक्तक 243 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read राह अपनी राह खुद ढूँढने वाले ही कामयाबी की मंज़िल तक पहुंच पाते हैं । व़रना औरों के नक़्शे क़दम पर चलने वालों को अक़्सर राह भटकते देखा है। Hindi · मुक्तक 2 195 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read अ़सर ग़र्म चट्टानों पर गिरती बरसात की बूँदें जिस कदर बेअ़सर होकर फ़ुँगा बन जातीं हैं। उसी तरह मज़लूमों के आँसुओं का पत्थर दिल ज़ालिमों पर अ़सर नहीं होता। Hindi · मुक्तक 2 2 233 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read ख्याति विद्वान की सादगी एवं सरल जीवन उसकी ख्याति को और बढ़ाते हैं। जिस प्रकार सुन्दर फूल मे समाहित सुगंध उसकी मोहकता को और बढ़ा देते हैं। Hindi · मुक्तक 1 285 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Oct 2019 · 1 min read ग़म लाख कोश़िश करो ग़म नही छुपता है। दर्दे दिल नज़रों मेंं छलकता है। Hindi · मुक्तक 348 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Oct 2019 · 1 min read च़िराग हम सब हवाओं के दोस पर रक्खे च़िराग हैंं । हवाओं का रुख़ न जाने कब बदल जाये । और ऱोशनी भरी श़ुआएँ अन्धेरों मेंं खो जाएँ । Hindi · मुक्तक 1 197 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Oct 2019 · 1 min read तक़दीर कभी खुद को आइने मे देखकर सँवरता था। अब तो खुद को मिटाकर भी तक़दीर सँवरती नही। Hindi · मुक्तक 238 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read दौलत मैने तुम्हारे खतों को सम्भाल कर रक्खा है। यही वो दौलत है जो मैने तुम्हारे प्यार मे कमाई है। Hindi · मुक्तक 1 469 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read पहुँच किश्ती पर सवार मुसाफिरों की मंज़िल तक पहुँच माँझी तय करता है। ज़िन्दगी की मंज़िलों के मुका़म तक पहुँच खुदा तय करता है। Hindi · मुक्तक 195 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read फ़िक्र अपनी फ़िक्र करना अब छोड़ दिया है दूसरों को खुश देखकर अब ताज़ा दम़ हो जाता हूँ Hindi · मुक्तक 431 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read दाग़ त़ाउम्र दूसरों के दाग़ ढूँढता रहा। पलटकर देखा तो मेरे द़ामन में बेश़ुमार दाग़ नज़र आये। Hindi · मुक्तक 206 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read नज़र और हुऩर रास्ते के पत्थरों को तऱाश कर श़ाहकार बनाया जा सकता है। सिर्फ एक पारखी नज़र और हुऩर की श़िद्दत चाहिये। Hindi · मुक्तक 476 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read यादों का खज़ाना धन जितना भी कमाओ आखिर छोड़ के जाना है। प्यार इतना कमाओ कि लोगों के दिलों में यादों का ख़जाना छोड़ जाना है। Hindi · मुक्तक 422 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read जीवन स्वतंत्रता किसान नहीं होता तो अन्न नहीं होता। और अन्न बिना जीवन नही होता। सीमा पर जवान नही होता तो आजादी नही होती और मनुष्य पशुतर जीवन जीने के लिये बाध्य... Hindi · मुक्तक 1 2 203 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read दूरियाँ दूरियाँ तो एहसास में बसतीं हैं । पास होने पर भी हम कितनों को अपने से दूर पाते हैं। और बहुत दूर होने पर भी हम अपनों को अपने दिल... Hindi · मुक्तक 236 Share