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कर्म को जितने सुंदर भाव से श्री कृष्ण जी कह कर गए हैं,उसके बाद भी हम अँधेरे में ही भटक रहे हैं,तो यह सिर्फ स्वार्थ के आगे नतमस्तक हो ने कारण ही है!ईश्वर पुुुनःराह प्रशस्त करें,जय सीयाराम !
निष्काम कर्म ही हमें उस निराकार परब्रह्म से जोड़ कर हमारे भौतिक जगत से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।
कर्म को जितने सुंदर भाव से श्री कृष्ण जी कह कर गए हैं,उसके बाद भी हम अँधेरे में ही भटक रहे हैं,तो यह सिर्फ स्वार्थ के आगे नतमस्तक हो ने कारण ही है!ईश्वर पुुुनःराह प्रशस्त करें,जय सीयाराम !
निष्काम कर्म ही हमें उस निराकार परब्रह्म से जोड़ कर हमारे भौतिक जगत से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।