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16 Apr 2020 · 1 min read

कुछ विचार

धन स्वार्थ को आकर्षित करता है जबकि व्यक्तित्व यथार्थ को आकर्षित करता है।

अनजाने मे की गई भूल गलती होती है परंतु जानबूझकर की गई गलती अपराध की श्रेणी में आती है।

पाप और पुण्य का आकलन मंतव्य से होता है न कि मात्रा से।

संस्कारी व्यक्ति वह कमल होता है जो पाप के कीचड़ में भी अपने व्यक्तित्व को निरापद रखता है।

सच्चा गुरु वह प्रकाश पुंज है जो जीवन के अंधकार में पथ प्रदर्शक बनता है।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 302 Views
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