Comments (13)
29 May 2020 10:07 AM
सुंदर सृजन।
Shyam Sundar Subramanian
Author
29 May 2020 10:14 AM
धन्यवाद !
29 May 2020 04:01 AM
बहत खूब
Shyam Sundar Subramanian
Author
29 May 2020 06:41 AM
श़ुक्रिया !
28 May 2020 03:58 PM
बहुत सुंदर
28 May 2020 03:57 PM
बक्तपर बहुत सुंदर भाव है आपको नमन
Shyam Sundar Subramanian
Author
28 May 2020 05:48 PM
धन्यवाद !
28 May 2020 02:27 PM
निश्नदेह, वह वक्त ही है जो सब कुछ निर्धारित कर रहा, अच्छा या बुरा ।
Shyam Sundar Subramanian
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28 May 2020 03:15 PM
वक़्त की गर्दिश के मारो को ये इल्म़ नहीं है , के वो जो कर रहे हैं अच्छा है या बुरा।
28 May 2020 11:36 AM
आपकी प्रस्तुति ?
वक्त का क्या वो तो हर पल बदलता है ,
इंसान ही तो है जो वक्त के लिए तरसता है ।
धन्यवाद महोदय जी ।
Shyam Sundar Subramanian
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28 May 2020 12:02 PM
वक्त मुट्ठी में ली हुई रेत की तरह होता है।
एक बार फिसल जाए फिर कभी ना हाथ आता है।
बहुत सुंदर श्याम जी बहुत सुंदर
धन्यवाद !