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Comments (13)

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10 Feb 2021 11:42 AM

बहुत सुंदर श्याम जी बहुत सुंदर

10 Feb 2021 02:17 PM

धन्यवाद !

29 May 2020 10:07 AM

सुंदर सृजन।

29 May 2020 10:14 AM

धन्यवाद !

29 May 2020 06:41 AM

श़ुक्रिया !

बक्तपर बहुत सुंदर भाव है आपको नमन

28 May 2020 05:48 PM

धन्यवाद !

28 May 2020 02:27 PM

निश्नदेह, वह वक्त ही है जो सब कुछ निर्धारित कर रहा, अच्छा या बुरा ।

28 May 2020 03:15 PM

वक़्त की गर्दिश के मारो को ये इल्म़ नहीं है , के वो जो कर रहे हैं अच्छा है या बुरा।

28 May 2020 11:36 AM

आपकी प्रस्तुति ?

वक्त का क्या वो तो हर पल बदलता है ,
इंसान ही तो है जो वक्त के लिए तरसता है ।

धन्यवाद महोदय जी ।

28 May 2020 12:02 PM

वक्त मुट्ठी में ली हुई रेत की तरह होता है।
एक बार फिसल जाए फिर कभी ना हाथ आता है।

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