shashisingh7232 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid shashisingh7232 20 Mar 2025 · 1 min read प्यारी गौरैया। छोटा सा है पेड़ हमारा, देता गौरैया को सहारा। चीं-चीं करती जब गौरैया, चहके तब आंगन हमारा।। मेरे घर नित आती गौरैया, चुन-चुन दाना खाती गौरैया। पानी पीकर हर्षाती गौरैया,... 17 Share shashisingh7232 15 Mar 2025 · 1 min read रंग भरी होली आई। नन्हे-मुन्ने की टोली आयी, रंग भरी पिचकारी लायी। हुरियारों की टोली आयी, मस्ती लेकर होली आयी।। रंग,अबीर, गुलाल उड़ाओ, गुझियांँ, शक्कर पारे खाओ। मिल-जुलकर होली मनाओ, ब्रज के सब रसिया... 19 Share shashisingh7232 3 Mar 2025 · 1 min read मेरी प्यारी माँ शिशु को जन्म देकर, बड़ा करती है माँ। अच्छे संस्कार हमें, सिखाती है माँ।। बच्चों की प्रथम, गुरु होती है मांँ। फर्ज सारे बखूबी, निभाती है मांँ। बच्चे की ग़लती... 26 Share shashisingh7232 2 Mar 2025 · 1 min read निपुण बनेंगेहम। बच्चे रोज विद्यालय आयेंगे , तो जरूर निपुण हो जाएंँगे। माता-पिता,शिक्षक भी जब, बखूबी अपना फर्ज निभाएँगे।। सभी दक्षिताएंँ प्राप्त करके, निपुण लक्ष्य प्राप्त कर पाएँगे। कक्षा एक दो निपुण... 30 Share shashisingh7232 6 Feb 2025 · 1 min read क्या-क्या होता है गोल। चमकीला चन्दा है गोल, कल आधा था आज गोल। दिन में कहाॅं छुप जाता बोल, कुछ तो बोल कुछ तो बोल।। उगता लाल सूरज गोल , पूरव का दरवाजा खोल।... 1 40 Share shashisingh7232 6 Feb 2025 · 1 min read अगर यह सब ना होते। अगर ना होता चाॅंद सुनहरा, रात चाॅंदनी करता कौन। अगर ना होता सूरज तारा, दिन को रोशन करता कौन।। कल-कल बहती नदी ना होती, निर्मल नीर फिर लाता कौन। अगर... 1 44 Share shashisingh7232 6 Feb 2025 · 1 min read बसंत ऋतु आयी। सुहानी वसंत ऋतु आयी, मलय समीर संग लायी। सरसों के दल ऐसे फूले, टेसू राजा ने आरती गायी। आम्र तरू बोरों से भर गयी, कचनार कली मुस्करायी। पवन चली जब... Hindi 1 45 Share shashisingh7232 28 Jan 2025 · 1 min read मेरा प्यार बस्ता मेरा प्यार प्यार बस्ता, सबसे सुंदर न्यारा बस्ता। इसमें रहती किताब कांपियां, खाने को चाकलेट, टोफियां। इसमें प्यारा पेंसिल बॉक्स है, सुंदर सा एक लंच बॉक्स है। एक बोतल पानी... 1 33 Share shashisingh7232 21 Jan 2025 · 1 min read दिनांक 12/07/2024 दिनांक 12/07/2024 शीर्षक* *जल प्रवाह सा मेरा जीवन* *कविता -* जल प्रवाह सा मेरा जीवन, बहता ही रहा, बहता ही रहा।। टस से मस न हुए कुछ रिश्ते, मैंने उनके... 30 Share shashisingh7232 19 Jan 2025 · 1 min read नर से भारी नारी *शीर्षक -नर से भारी नारी* एक नहीं दो-दो मात्राऐं, नर से है भारी ये नारी। पुरुष प्रधान ये समाज, समझता फिर भी उसे बेचारी। नारी ने इस जगत में, कार्य... 1 39 Share shashisingh7232 18 Jan 2025 · 1 min read चलो चले हम महाकुम्भ में, चलो चले हम महाकुम्भ में, करें भोले बाबा का ध्यान। डुबकी मारें संगम तीरे, करें पवित्र संगम में स्नान। महाकुंभ स्नान का, मिलता ऐसा वरदान। प्रयागराज की पावन धरा, लगती... Hindi · कविता 41 Share