Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read श्रीराम कृपा रहे श्रीराम विष्णु के अवतार है, श्रीराम जीवन के आधार हैं। मात कौशल्या पिता दशरथ, राम का स्मरण है सुन्दर पथ।। श्रीराम जी भक्त हितकारी है, वो सुनते अरज नित हमारी... Poetry Writing Challenge 2 37 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read वो आंगन ढूंढ रहा हूं आज फिर वो आंगन ढ़ूंढ रहा हूँ, जो न जाने कहाँ गुम हो गया है। बहुमंजिल कंक्रीट जंगल में, या ऊंचे फ्लेटों में लुप्त हो गया है। वह आंगन के... Poetry Writing Challenge 1 52 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read गरीबी जीवन की है वह अवस्था, जीवन की एक अवस्था। उससे बदत्तर कुछ नहीं है, जीवन की वही दुरावस्था। गरीबी हरपल मारती है, विकट स्थितियाँ लाती है। क्या है करवाती जीवन... Poetry Writing Challenge 1 36 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मर्यादा है उत्तम कौशल्या सुत श्रीराम है विश्वास सबकी आस।। अयोध्यापति दशरथ नन्दन जन वंदन।। प्रभु श्रीराम सबके हैं ईश्वर है सर्वेश्वर।। मानव रूप मर्यादा के अवतार पाप संहार।। रामायण में मर्यादा है... Poetry Writing Challenge 2 35 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read श्रीराम स्तुति-वंदन हे श्रीराम रघुपति, कौशल्या नन्दन है। दशरथ घर जन्में, करै जगत वन्दन है।। श्रीराम भक्त रक्षक, संतन के हितकारी है। आश करै पूरी नित, करते अर्ज संसारी है।। ऋषि मुनि... Poetry Writing Challenge 2 38 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read पहला प्यार सुकून था संग घबराहट थी, लगे वो प्यार की आहट थी। सोच रहा दिन-रात वही मैं, हृदय में एक सनसनाहट थी।। हालत दिल ए बेकरार था, नित मुझे कोई इंतजार... Poetry Writing Challenge 1 33 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read तुम्हीं सदगुरु तारणहार प्रातःकाल स्मरण करता, श्रीचरणों मैं नित पड़ता। युक्ति मुक्ति दे सदगुरु जी, ह्रदय से मैं विनती करता।। कुल रक्षक श्रीविष्णु एक, सदगुरु आप कर्या अनेक। मेहर सदा श्रीजम्भगुरु की, है... Poetry Writing Challenge 2 35 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read चँदा मामा नहीं दूर के चंदा मामा चंदा मामा, प्यार प्यारे चंदा मामा। दूर नभ में रहते हो, *लगते प्यारे मामा।।* जो दूर भरपूर थे, सोचे हम जरूर थे। घर जो नहीं आते थे, *छुपते... Poetry Writing Challenge 2 35 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read श्रीराम ही सहारे राम सबके मन हो उजियारे है, हम सबके श्रीरामजी रखवारे हैं। करे दूर सब अज्ञान अंधियारे है, पालनहार श्रीराम राखनहारे हैं। अब घर घर में मंगल छाएगा, राम नाम आनन्द... Poetry Writing Challenge 1 37 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read हमेशा की नींद सुला दी गयी बेटी के, सम्भलने से पहले, उसे पराया धन कहा गया। उसके पढ़ने और आगे बढ़ने से पहले, उसकी शादी की चिन्ता हो गई, तुरन्त वर देखा और शादी कर दी... Poetry Writing Challenge 1 43 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read महिला प्रतीक है स्वाभिमान का मेरी भारत माँ धर्म धरा रही है, यहाँ नारी सम्मान परंपरा रही है। यह नारी सम्मान में कविता है, नारी आदर-मान मे कविता है।। भारतीय इतिहास है सम्मान का, महिला... Poetry Writing Challenge 1 20 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read बेटी किस्मत से घर पर आई बेटी, खुशियां घर पर लाई है बेटी। जीवन की ये शुरुआत है बेटी, खुशहाली का प्रभात है बेटी।। करती सुन्दर बड़े काम है बेटी, प्रिय... Poetry Writing Challenge 1 33 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मां की अभिलाषा माँ आनन्द का वटवृक्ष है, माँ की अभिलाषा दक्ष है। माँ परिवार की मूल होती, माँ बालक सर्वोपरि पक्ष है।। माँ संतान का होवै मूल है, माँ घर के बाग... Poetry Writing Challenge 1 29 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read महबूब स्वर्ग से आई इन्द्राणी है महबूब। सर्वोपरि यह सुंदरी मेरी महबूब।। चढ़ा अंग अंग प्यार रंग बदन में। प्यार के नशे में ये मेरी महबूब।। होती ना आँखों से औझल... Poetry Writing Challenge 1 36 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read जुदाई जुदाई हो ना फ़ासला देना। हर वक्त साथ हौंसला देना।। नजदीक या तुम दूर रहो। पर कभी जुदाई नहीं सहो।। जुदा जो वही जुदाई दर्द जाने। वे बिना शर्त जुदाई... Poetry Writing Challenge 1 28 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read प्रीति निभाना प्रीत की रीत को समझे जो, वे प्रीत को निभाना जानेगा। दिल पर चोट ली हो जिसने, वो नैना नीर बहाना जानेगा।। प्रीत की रीत बड़ी निराली है, आसानी से... Poetry Writing Challenge 1 42 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मोर मेरा प्यारा मौर है, पेहुं पेहुं ये शोर है। बड़ा प्यारा प्यारा देख करना गौर है।। सुंदर बड़ा मुख है, लंबी बड़ी पंख है। पीठ पर चढ़े चंदा, बोल बजाए... Poetry Writing Challenge 1 23 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read स्वच्छता विष्णु सिद्धि स्वच्छ सदन, निवावां जम्भ गुरु नै शीश। काव्य कला गुरु जम्भ देवै, गुरु जम्भेश्वर की बख्शीश।। गुरु गणपति नै सिर निवावां, करें वन्दन हम शारदा मात। विघ्न हरण... Poetry Writing Challenge 1 34 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read धूम्रपान ना कर सच से कदै ना डर, धूम्रपान नहीं कर। होती है बीमारी कई, धूम्रपान ना कर।। ये खुशी चली जायेगी, धूम्रपान नहीं कर। जिंदगी रंग लायेगी। धूम्रपान ना कर।। वक्त का... Poetry Writing Challenge 1 26 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read चिड़िया आई सब बच्चों सुणल्यो ध्यान से, करते प्रार्थना हैं भगवान से। छोटी सी एक चिड़िया आई। गौरैया जिसका नाम है भाई।। आ फुदकती मेरे आंगन में, छुप जाती पेड़ के दामन... Poetry Writing Challenge 1 42 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read नित नित पेड़ लगाता चल पर्यावरण शुद्ध बनाने को, नित नित पेड़ लगाता चल। शुद्ध प्राणवायु नित पाने को, नित नित पेड़ लगाता चल।। बिदरंग गर्माते ब्रह्मांड हित। वृक्ष लगा धरा हरी बनाता चल।। नित... Poetry Writing Challenge 1 32 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read वृक्ष महिमा पीपल नीम अर खेजड़ी, वटवृक्ष भी होता खास। आक्सीजन व लकड़ी दे, छाया में करावै निवास।। अमरलोक से ये परगटे, सबको स्वास्थ्य देवण देव। वेद-शास्त्र गुण पावै नहीं, जन्म जन्म... Poetry Writing Challenge 1 20 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read धरा हरी बनाने को पेड़ लगाओ धरती रा रंग हरा हो ज्यासी, थे वृक्षारोपण अब शुरू करो। डांगर ढ़ौर निहाल हो ज्यासी, थे वृक्ष लगाना सब शुरू करो।। वृक्ष काटणिया थक ज्यासी, वनस्पति बचाणी शुरू करो।... Poetry Writing Challenge 1 28 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read ज्ञान प्रकृति का हम पाएं आओ बच्चों बात बतायें। ज्ञान प्रकृति का हम पायें।। चाँद और सूरज नित आ, दुनिया में प्रकाश फैलाये।। नभ में यदि चाँद न होता, दिशा ज्ञान हम पाते कैसे ?... Poetry Writing Challenge 1 40 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read वृक्ष लगाना भी जरूरी है आक्सीजन चाहिए तो वृक्ष लगाना भी जरूरी है। छाया हमें चाहिए तो, वृक्ष बचाना भी ज़रुरी है।। जीव दया पालणी, नहीं रूंख काटना ज़रूरी है। जहाँ भी जगह मिलै वहीं,... Poetry Writing Challenge 1 32 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 29 Mar 2021 · 1 min read तेहि पर चढ़ा रंग गुलाल बसंत के समीप आया पर्व यह, प्रेम से सब मिलकर खेलो फाग। ईर्ष्या-द्वेष न त्यागो भाई आज, तेरे सम्पूर्ण भाग जायेंगे जाग।। सुन्दर हो आचार विचार सब, सबसे मधुर बोलो... Hindi · कविता 1 2 651 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 26 Feb 2021 · 1 min read फ़र्ज निभाकर चले गए तुमने हंसते हुए दिखाई वीरता, पाक आतंकी ठिकाने लगाये थे। प्राण हथेली पर लेकर गये वीर, ह्रदय आतंकियों के कंपाये थे।। आज के दिन ही हमारी वायुसेना ने, किए जब... Hindi · गीत 1 373 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 16 Feb 2021 · 1 min read प्रकृति का यौवन बसंत ऋतुओं का राजा आया है, वो बसंत की बहार लाया है। ऋतुओं की जवानी ले संग, देश धरा मंडल महकाया है।। बसंत ने आ धरातल पर आज, हरियाली कण कण... Hindi · कविता 1 470 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 6 Feb 2021 · 1 min read नारी भारत माता धर्म धरा रही है, यहाँ नारी सम्मान परंपरा रही है। यह नारी सम्मान में कविता है, नारी आदर-मान मे कविता है।। भारतीय इतिहास है सम्मान का, महिला प्रतीक... Hindi · कविता 3 3 503 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 4 Feb 2021 · 1 min read प्यार के ख़त ख़त और प्यार मिलकर खड़े हैं, ये तो आपस में सदियों से जुड़े हैं। ख़त का महत्व सदियों पुराना है, प्यार सही इसी से ही जाना है। अक्षर अक्षर में... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 40 536 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 3 Feb 2021 · 1 min read बेटी किस्मत से घर पर आई बेटी, खुशियां घर पर लाई है बेटी। जीवन की ये शुरुआत है बेटी, खुशहाली का प्रभात है बेटी।। करती सुन्दर बड़े काम है बेटी, प्रिय... Hindi · गीत 3 4 433 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 26 Jan 2021 · 1 min read आओ ध्वज लहराते हैं आओ लहरायें तिरंगा प्यारा, भारत देश है सबसे न्यारा। आओ बच्चो खुशी से गाएं, भारत माता के गीत गाएं।। छब्बीस जनवरी आई है, प्यार शहीदों का लाई है। सारा देश... Hindi · गीत 3 315 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 24 Jan 2021 · 1 min read बेटियों से धरा खुशहाल धरा पर बेटियाँ है बमिसाल, इन्हीं से ये धरा है खुशहाल। बेटियों बारे अब बदलो सोच, लगे न काँटा आये न मोच।। बनो मार्गदर्शक बेटियों के, संवारों भविष्य बेटियों का।।... Hindi · कविता 4 1 311 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 24 Jan 2021 · 1 min read बेटी के संभलने से पहले बेटी के, सम्भलने से पहले, उसे पराया धन कहा गया। उसके पढ़ने और आगे बढ़ने से पहले, उसकी शादी की चिन्ता हो गई, तुरन्त वर देखा और शादी कर दी... Hindi · कविता 1 525 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 23 Jan 2021 · 1 min read पौधारोपण अंदर ही अंदर मत घुटो भाई, वृक्ष करे आक्सीजन सप्लाई। सबको मुफ्त बाँटते प्राणवायु, वृक्ष संरक्षण हेत करें अप्लाई।। पौधारोपण हुआ बड़ा जरूरी, पौधे तो नित निरंतर रोप लो। पौधारोपण... Hindi · कविता 1 418 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 23 Jan 2021 · 1 min read हे प्राणी विष्णु विष्णु तू भज रे प्राणी। कर्म उत्तम ही तू कर रे प्राणी। धर्म धारण नित कर रे प्राणी। मात-पिता सेवा कर रे प्राणी। गऊ संभाल तू कर रे प्राणी।... Hindi · गीत 1 1 503 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 23 Jan 2021 · 1 min read शिक्षाएं नेताजी की महान है वे भारत माँ के स्वाभिमान है। शिक्षाएं नेताजी की महान है।। वीरता भारतीय इतिहास है। श्रद्धा को नेताजी सुभाष है।। याद 23 जनवरी हर वर्ष है। देश में बढ़ता प्रेम... Hindi · कविता 2 302 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 23 Jan 2021 · 1 min read भारत माता के सच्चे सपूत थे आज महान देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 124वीं जयंती पर विशेष काव्य रचनाः- 'भारत माता के सच्चे सपूत थे' नेताजी महान क्रांतिकारी थे, वे स्वतंत्रता सेनानी भारी... Hindi · कविता 2 632 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 13 Jan 2021 · 1 min read बच्चे प्यार के अवतार हैं बच्चे। सुन्दरत्तम संसार है बच्चे।। पढ़ाई में बड़े व्यस्त बच्चे। खेल में भी हैं मस्त बच्चे।। सबसे करते हैं प्यार बच्चे। प्यार के होते यार हैं... Hindi · कविता · बाल कविता 2 3 456 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 10 Jan 2021 · 1 min read जरूरी क्या है ? जरूरी क्या है? बिन मजबूरी घर से न निकले, जीवन से अधिक जरूरी क्या है? पग पग कोरोना मौत बना है, मौत से मिलना मजबूरी क्या है? बिन हाथ धो... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 13 368 Share