ओमप्रकाश भारती *ओम्* Tag: कविता 83 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओमप्रकाश भारती *ओम्* 5 Feb 2025 · 1 min read अलबेला मंडला मंडला शहर बड़ा अलबेला आता निशदिन भक्तों का रेला लगता रहता कई तरह का मेला फिर भी नर्मदा जल न होता मैला Hindi · कविता 32 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 5 Feb 2025 · 1 min read माँ नर्मदा जयंती मना रहे जन मां नर्मदा जयंती पूरे भारत देश में जन सैलाब उमड़ा दर्शन को रंग-बिरंगे वेश में रेवा तट पर घाट घाट लगे विशाल मेले भक्तों के चले आ... Hindi · कविता 40 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Sep 2024 · 1 min read हरीतिमा हरियाली हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास नयनों को अति भा रहा यह नजराना खास पेड़ों की हरी पत्तियांँ लहराते ऊंचे-ऊँचे बाँस प्रकृति के आनंद को लेने करते रहें प्रयास प्रकृति... Hindi · कविता 119 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Sep 2024 · 1 min read होली में संग हो ली हे री सखी तू होली के दिन पिया के संग हो ली । पहले तू थी भोली भाली अब हो गई बड़बोली ।। पिया ने तेरे मुख पर मल दी... Hindi · कविता 162 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 26 Aug 2024 · 1 min read शिष्टाचार और सद्व्यवहार जिसके पास शिष्टाचार और सद्व्यवहार मिलता उसे सारी दुनिया का स्नेह प्यार फिर दुनिया की धन दौलत है सब बेकार ओम् उसका निश्चित ही हो जाता बेड़ा पार ओमप्रकाश भारती... Hindi · कविता 166 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 25 Aug 2024 · 1 min read चंचल मन हो गया बैरागी चंचल मन मेरा बड़ा बावरा कभी इधर तो कभी उधर पल में यहाँ और पल में वहाँ कभी दुनिया के इस कोने में कभी दुनिया के उस कोने में कहीं... Hindi · कविता 149 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Aug 2024 · 1 min read सागर में मोती अंबर में तारा सागर में मोती अंबर में तारा ऐसा है ये भारत देश हमारा चमकेगा जग में बनके सितारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा घर घर फहरा रहा तिरंगा हर हाथ लहरा रहा... Hindi · कविता 161 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 6 Aug 2024 · 1 min read हम भारिया आदिवासी हम भारिया आदिवासी रहे हैं कभी जंगल के वासी अब हो गये हैं गाँव शहर निवासी शीघ्र बनेंगे देश के स्वशासी भारिया नहीं माँगते कभी भिक्षा जड़ से दूर करेंगे... Hindi · कविता 207 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 2 Aug 2024 · 1 min read हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास नयनों को अति भा रहा यह नजराना खास पेड़ों की हरी पत्तियांँ लहराते ऊंचे-ऊँचे बाँस प्रकृति के आनंद को लेने करते रहें प्रयास प्रकृति... Hindi · कविता 94 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 25 Jul 2024 · 1 min read श्याम बदरा श्याम बदरा घनघोर मचाए शोर करे बर्षा चहुँ ओर चपला चमके चमाचम हो जगमग जग चहुँ ओर झमाझम बरसे बदरा जल प्लावन हो रहा चहुँ ओर होके मगन सनन सनन... Hindi · कविता 204 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 25 Jun 2024 · 1 min read वीरांगना दुर्गावती मुगलों से लोहा ली वीरांगना दुर्गावती देश के लिए लड़ते-लड़ते पाई वीरगति गोंडवाना राज्य की थीं वो महारानी सुनिये रणबाँकुरी की अमर कहानी Hindi · कविता 122 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 28 May 2024 · 1 min read मेरा देश विश्व गुरु मेरा देश नहीं बेगाना । पूरी दुनिया ने ये माना । विश्व गुरु है जग ने जाना । यह है ज्ञान खजाना । इस पर अभिमाना । लोहा माने जमाना... Hindi · कविता 1 126 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 23 May 2024 · 1 min read सांझ सुहानी मोती गार्डन की सांझ सुहानी मोती गार्डन की पश्चिम में आसमान की केसरिया रंगत सुंदर फूल सजीले , कलरव पंछियों का भ्रमण करते आबाल वृद्ध स्त्री पुरुष जलाशय में नौका बिहार का आनंद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 185 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 20 May 2024 · 1 min read बहू बेटी है , बेटी नहीं पराई मायके से एक बेटी बहू बनकर आई दोनों घरों में नहीं अब वह है बेटी पराई उसने माता-पिता का घर नहीं है छोड़ा उसने तो दो घरों को सदा के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 111 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 May 2024 · 1 min read संसार मेरे सपनों का संसार मेरे सपनों का कैसा हो मानव में मानवता रहे ऐसा हो बना रहे मानव में सद् व्यवहार सदा रहे संवेदनाओं का भंडार हर पल रहें करने सेवा को तैयार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 124 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 May 2024 · 1 min read योग-प्राणायाम योग करते रहें हम आम ओ खास सुंदर सार्थक स्वास्थ्यप्रद अभ्यास कोई रोग नहीं आएगा हमारे पास *ओम्* का है इस पर दृढ़ विश्वास साथ ही करें हम उत्तम प्राणायाम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 200 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read बाईसवीं सदी की दुनिया लगता है तकनीकी पहुंच गई अपने चरम पर देखा जाए तो इसकी अभी और लंबी है डगर मानव चांद पर पहुंचा है किंतु मंगल पर नहीं खोजना अभी बाकी है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 133 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read वृक्षारोपण ज्यों ज्यों होता रहेगा *वृक्षारोपण* त्यों त्यों शुद्ध होता रहेगा पर्यावरण प्रदूषण द्विजारेय (CO2) का होगा अवशोषण स्वस्थ रहेगा *ओम्* जन-जन का तन मन ओमप्रकाश भारती ओम् बालाघाट मध्यप्रदेश Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 112 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read बचपन बनाम पचपन किस्सा सुनिए बचपन का और साथ ही पचपन का खेलो खाओ बचपन में बेफिक्री है बचपन में बच्चों सा है पचपन में अच्छों सा है पचपन में माता-पिता का लाड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 202 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read नूतन वर्ष अभिनंदन नूतन वर्ष तुम्हारा , सादर वंदन है , अभिनंदन है मलयागिरि की मंद सुगंध बयार , शीतल चंदन है मन का राग , द्वेष , छल, छद्मवेष , अभिमान त्याग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 113 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read होली बुरा ना मानो होली है यह हमरे दिल की बोली है लेकर आई होली , जब वसंत के रंग क्यों न खेलें हम सभी , प्रकृति के संग छोड़ें रासायनिक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 91 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read कविता कविता भी होती सरल जैसे जल होता तरल पढ़ मन न होता विह्वल दिल करे पढ़ने हर पल मिलन हो जाता सरल गर कविता न होती सरल *ओम्* कैसे पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 108 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 May 2024 · 1 min read गर्म जल कुंड मंडला-जबलपुर सड़क मार्ग पर स्थित नर्मदा किनारे दूरी मात्र है सोलह किलोमीटर मंडला नगर से हमारे प्रकृति का अनोखा स्थल यह गर्म जल कुंड गूंँजता कलरव पंछियों का दिखते उनके... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 186 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 May 2024 · 1 min read अनहोनी समोनी छिंदवाड़ा जिले में अलबेली अनहोनी समोनी जहां भू-गर्भ से निरंतर निकलता है गर्म पानी युक्ति उत्तम है शरीर के चर्म रोग हटाने की स्नानकर गंधकयुक्त पानी से मुक्ति पाने की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 130 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 May 2024 · 1 min read कविता बिन जीवन सूना कविता है तो जीवन सरस कविता बिन जीवन नीरस कविता जीवन में खुशियांँ भर देती कविता जीवन के गमों को दूर कर देती कविता जवानों में जोश भर देती कविता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 150 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 9 May 2024 · 1 min read नर तन में जतन नर तन पाया जतन कर ले बंदे वरना पड़ेगा पछताना चार दिनों का मेहमान है जग में फिर वापस घर को जाना इस दुनिया में आया है तो कर ले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 163 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 9 May 2024 · 1 min read शाकाहार स्वस्थ आहार जग में सर्वोत्तम शाकाहार इससे न दूजा स्वस्थ आहार जब भी आता व्रत त्यौहार प्रथम श्रेणी में लें जलाहार द्वितीय श्रेणी में रसाहार तृतीय श्रेणी में हो फलाहार शाकाहारी बनेगा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 125 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 7 May 2024 · 1 min read जवान और किसान जय जवान और जय किसान का नारा सबसे प्यारा दोनों ही हम सबके रक्षक ऐसा हिंदुस्तान हमारा एक करे सरहद की रक्षा दूजा करे जीवन की रक्षा जवान को हिम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 98 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 May 2024 · 1 min read करो देश से प्यार करो देश से प्यार साथियों कभी न छोड़ो घर बार अपने गांव शहर देश में ही करें रोजगार व्यापार वरना हजारों किलोमीटर पैदल चल घर वापस आना पड़ेगा दूर विदेश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 116 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 May 2024 · 1 min read सखि आया वसंत सखि वन में खिले अमलतास खुशबू उनमें है खास रंग उसका सुनहरा पेड़ है हरा भरा नाच उठा मन भ्रमरा टूट गया भ्रम हमरा सखी उपवन में गुलमोहर की बहार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 160 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 May 2024 · 1 min read भक्ति में शक्ति भक्ति में शक्ति , शक्ति में भक्ति न मानी तो हो जाएगी विरक्ति वेदांत में सिद्धांत , सिद्धांत में वेदांत न माना तो हो जाएगा अंत अच्छाई में सच्चाई ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 167 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 2 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य की खोज के तरीके अनेक आईए जाने उनमें से कोई एक ईश्वर है इस बात को कसौटी में कसें जब हम कभी किसी संकट में फंसें हमने उससे उबरने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 266 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 25 Mar 2024 · 1 min read ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार ईश्वर ने दिया प्रेम यह वह उपहार है प्रेम ही प्रेम है इसमें न जीत है न हार है प्रेम से रिश्ता मजबूत होता है जैसे मीठा सा शहतूत होता... Hindi · कविता 197 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 24 Mar 2024 · 1 min read सत्य कहाँ ? देखने सुनने पढ़ने से सत्य खोज ना पाएंगे ध्यान योग के सप्त चक्रों से सदा सत्य ही पाएंगे सत्य सनातन , सदा पुरातन वह मंथन के योग्य सत्य एक ,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 254 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read बारिश का मौसम निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की घनन घनन हवाओं की सनन सनन भंवरों की गुनगुन पंछियों का कलरव कोयल की कुहू कुहू पपीहा... Hindi · कविता 253 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read हम शिक्षक गर्व करें हम हैं भारत के शिक्षक हम राष्ट्र संस्कृति सभ्यता के रक्षक हम सभी शिक्षक क्रांतिवीर अशिक्षा मिटाने सदा अधीर समाज में ज्ञान के दीप जलाते बच्चों को नैतिकता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 173 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read निरोगी काया ढूंढ रहे आज सब निरोगी काया पर प्रकृति के संग रहना ना आया दिनचर्या कर ली है अस्त-व्यस्त बताइए अब कैसे रहेंगे स्वस्थ देरी से जागना और देरी से सोना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 294 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read पर्यावरण प्रदूषित हो रहा दुनिया का पर्यावरण अब नहीं सुरक्षित पृथ्वी का आवरण अतः क्यों न जाएं हम प्रकृति की शरण तभी रुकेगा सजीव निर्जीवों का क्षरण मानव अपना लो अब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 157 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 Feb 2024 · 1 min read बारिश बादल गरजे , बिजली चमके , झमाझम बरसे पानी , यही बारिश कहलाए ताल तलैया जल भरपूर , नदियों में आ जाती पूर , खेत गली पानी सब दूर ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 212 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 Feb 2024 · 1 min read फागुन की अंगड़ाई मधुमास की खुशबू बिखरने लगी है किंशुक कुसुम से चमकने लगी है आमों की बौरों से गमकने लगी है कोयल की कूक से चहकने लगी है सखी साजन अभी तक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 278 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन और पचपन उमर पचपन की और दिल बचपन का यादों में बसा है मेरे वह दिन बचपन का कोई लौटा दे मुझे वह दिन बचपन का बड़ा ही अलबेला है ये दिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 222 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read होली का त्यौहार देखो आ गए हैं हुरियार खेलने होली का त्यौहार करने रंगों की बौछार तुम सब हो जाओ तैयार गालों पर मल दो तुम गुलाल मिटा दो मन के सब मलाल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 242 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read रिश्ते-नाते वह रिश्ते-नाते , जो सबको भाते दूर हैं जो अपने , पास उनको बुलाते स्वागत सत्कार करें , घर में जो भी आते नैनों में ओम अश्रु , भर आए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 197 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बारिश का मौसम यह है बारिश का मौसम सुनिए इसके अनुपम स्वर निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की गर्जन हवाओं की सनसन भंवरों की गुनगुन पंछियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 208 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read पथ प्रदर्शक पिता पिता हमारा जीवन दाता वह हमें इस संसार में लाता पिता बिना जीवन असंभव करते वह सब कुछ संभव पिता विशाल बरगद की छांँव जिसकी छाया में हमारा ठाँव पिता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 214 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read वसंत पंचमी ऋतु बसंत के आते ही वसंत पंचमी आ गई धरती में छाया वसंती रंग भीनी सुगंधी छा गई आम बौरा गए कोयल की मीठी धुन गूंज गई पीला बसंती रंग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 170 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read आजादी की कहानी देश प्रेम से अमर हो गए भारत मां के बलिदानी आजाद भगत सुखदेव गुरु थे वे राष्ट्र अभिमानी लक्ष्मीबाई से बापू तक योद्धा थे अनगिन महावीर देकर अपना लहू लिख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 147 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read मां नर्मदा प्रकटोत्सव माघ शुक्ल सप्तमी प्रकटोत्सव मां नर्मदा का प्रतिवर्ष होता यह महोत्सव मां नर्मदा का प्रकटी अमूरकोट से संग साथी सोन मुड़ा आप पश्चिम चलीं साथी पूर्व की ओर मुड़ा मध्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 680 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read बचपन निश्छल मन भोली बातें और आकर्षण चमत्कारी हर मां अपने बच्चों के ऐसे बचपन पर जाती वारी ओम दुख भूल जाती माँ सुन बच्चों की बातें प्यारी कपट,पाखंड, झूठ, सुख-दुःख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 308 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read ओम के दोहे रामलला की मंगल मूरत , मोहित सब नरनार । अवधपुरी में ओम सा , आनंदमयी संसार ।। उमड़ पड़ा सरयू तट पर , जनसैलाब अपार । दर्शन करने राम का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 218 Share Page 1 Next