Rajeev kumar Language: Hindi 62 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajeev kumar 6 Jul 2023 · 1 min read फितरत की तबियत लोग अक्सर किसी की कीमत देखते हैं, दोस्ती करने से पहले हम तो, फितरत देखते हैं। फितरत में किसी के कीमत की कोई जगह नहीं, हम तो फितरत में इंसानियत... Hindi 1 191 Share Rajeev kumar 6 Jul 2023 · 1 min read फितरत की दास्तान क्या करें अब उसकी रूसवाई जिसकी फितरत में है बेवफायी। फितरत देता नहीं इज़ाजत इसकी कि चाहा जिसने कभी, उसकी हो जगहँसाई। दिल काे तोड़ देना खेल होगा उन्के लिए,... Hindi 256 Share Rajeev kumar 6 Jul 2023 · 1 min read फितरत ऐसी भी कीमत पे ढलने वाले मुसीबत में टलने वाले फितरत कब हैं बदलने वाले। आपकी फितरत को ढाल बनाएंगे अपनी फितरत को सवाल बनाएंगे मुसीबत से नकलने की हैसियत नहीं उनकी,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 3 242 Share Rajeev kumar 6 Jul 2023 · 1 min read फितरत कीमत में आँकोगे तो बिक न पाएंगे, मुसीबत भी ला दोगे, तो झुक न पाएंगे, ग़ौर करोगे मेरी फितरत पे तब समझ में आएंगे। भले मिट्टी की है काया मगर... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 3 118 Share Rajeev kumar 6 Jul 2023 · 1 min read ये मेरी फितरत है उड़ा लेने दो उन्हें मेरी फितरत का मज़ाक ये मेरी फितरत ही है कि अब तक वो सलामत हैं । उन्को मोहब्बत होगी कीमत से हमको तो अपनी फितरत से... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 4 112 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read धीरज न खोना मन का धीरज सबसे कीमती खोने न देना इतनी है विनती । सफलता तक बचा लो उसके बाद भी सम्भालो धीरज है बड़ी चीज छोड़ना न इसे हरगीज । धीरज... Poetry Writing Challenge 131 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मन मेऱे हार न मान मन मेऱे हार न मान न मिली मंज़ील तो क्या खुद को गुनहगार न मान । सब कुछ भूल जा , सबक याद रख दिल में कसक को आबाद रख... Poetry Writing Challenge 124 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read यूं मंज़ील मिली सनक ने छोड़ा था साथ कसक ने थामा फिर हाथ और मंज़ील मिली । आग़ाज रहा लापरवाह अन्जाम की हुई परवाह और मंज़ील मिली । नाकामयाबीयों की लम्बी तादाद बस... Poetry Writing Challenge 119 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read बाँध तू मुट्ठी तुमसे ही बदलेगी तकदीर तेरी तुमसे ही टूटेगी जंजीर तेरी याद कर कसक ॰ हौसला रख तुमसे ही बदलेगी तदबीर तेरी । मिटा जो पाए अंधेरा मन का जगा जो... Poetry Writing Challenge 116 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read वतनपरस्ती का जज़्बा वतनपरस्ती का जज़्बा न हो कम इस जज़्बे में है बहूत ही दम वतनपरस्ती का जज़्बा सलामत जरूर है कि सलामत है वतन । यूं तो वतनपरस्ती नहीं है सस्ती... Poetry Writing Challenge 163 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read आज़ादी के परवाने आज़ादी के परवानों ने भारत के नवजवानों ने दुश्मनों पे बवाल मचा दी वतनपरस्ती की नई मिशाल बना दी । तुफान कहाँ रूकते हैं सख्त चट्टान भी टुटते हैं दुश्मनों... Poetry Writing Challenge 92 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read नव वर्ष बीते वर्ष की हो चुकी समीक्षा अब नए वर्ष में नई परीक्षा विकासरूपी रथ गतिशील हो धराशायी हो बाधाओं की इच्छा । करनी पड़े कितनी भी प्रतीक्षा सार्थी जब बना... Poetry Writing Challenge 76 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read बीज मिट्टी में दफन बीज कभी रही न नाचीज । ऊँची बहूत मुंडेर वाला बन गया पेड़ । पथिक और भूखा पाता सहारा डूबता जैसे पा जाए किनारा । फलदार और... Poetry Writing Challenge 84 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read घबराना नहीं नाकामयाबी से घबराओगे तो कहो कामयाबी कैसे पाओगे गुम होने से ही घबराओगे तो एक दिन जाने कैसे जाओगे । कामयाबी का जश्न मनानेवाले मुश्किलों से कब घबराते हैं जो... Poetry Writing Challenge 85 Share Rajeev kumar 15 Jun 2023 · 1 min read आज़ादी के मतवाले आज़ादी के मतवाले थे शोलों काँटों पे चलने वाले थे पिछे नहीं हटने वाले थे उनको रोक सका था कौन उनको बाँध सका था कौन । बाधाएं बन उनकी संगिनी... Poetry Writing Challenge 176 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read फूल तोड़ लिया माली ने देव पे दिया चढ़ाए फेंका नहीं क्यों उस पथ जिस पथ वीर जाए । कुचला जाता मसला जाता लेता वीरों की चरण धुली गजरा माला में... Poetry Writing Challenge 165 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read समय का पहिया समय का पहिया गति नियंत्रित समय के साथ जो न चला उसकी गति अनियंत्रित । परिक्षा भी समयानुकूल परिणाम भी समयानुकूल तुम पर अगर प्रतिकूल तो तुम नहीं अनुकूल ।... Poetry Writing Challenge 167 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read आत्मविश्वास भले ही प्रयास परिणाम न पाए मगर कभी आत्मविश्वास न लड़खड़ाए कुछ बाधाएँ होती बड़ी पोशक आत्मविश्वास को श्वास दे जाए। आत्मविश्वास ही है धन बड़ा सफलता का यही साधन... Poetry Writing Challenge 1 193 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read आशा की किरणें आशा की किरणें हताशानाशी इसका नरम स्पंदन सफलता अधिशासी । इन किरणों का वसन वाण करता हताशा का परित्राण इन किरणों का अवशोषण जितना मानव सफल और महान । आशा... Poetry Writing Challenge 92 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read मेरे खेवइया भँवर मे जब फँसे नइया तब आना मेरे खेवइया । जीवन का सहारा एक मात्र तु बनने न देना अनहोनी का पात्र तु । आपकी कृपादृष्टि सबसे बड़ी संतुष्टि ।... Poetry Writing Challenge 138 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read मन से न हार तन से हारे मन से न हारे वो तोड़ लाए तारे जब वो विचारे । असफलता हल्की सफलता भारी खुद को तौल पाए तो जीत तुम्हारी । असफलता ने न... Poetry Writing Challenge 82 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read विनाश चाहे नदी की धारा तोड़ किनारा मुड़ना चाहे। गाँव के विनाश हेतू तोड़ने बसोबास हेतू जनजीवन से जुड़ना चाहे । बाढ़ की मनमानी जनजीवन की हानि जलधारा न समझना चाहे ।... Poetry Writing Challenge 94 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read जीद्द जीद्द ने थामा उम्मीद का दामन हौसलों ने पतवार दिया । हिचकोले खाता रहा लहरों के इशारे पुरा मझधार जिया । दुरी नाप ली साहिल से साहिल तक नुक्ताचीं की... Poetry Writing Challenge 208 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read जीते हुओं से मंज़ील नहीं छुटती मुश्किलों से यारी रखना सफर पे चलने की तैयारी रखना । बढ़ते कदम जब मजबुर न होंगे फिर देखना मंज़ील दूर न होंगे । हौसलों की उफान को कम न... Poetry Writing Challenge 171 Share Rajeev kumar 13 Jun 2023 · 1 min read कलम जो चली कलम जो चली तो मची खलबली इसकी चपेट में आ गए क्रुर बाहुबली । भ्रष्टाचारी हुए बेनकाब उन्की हालत हुई खराब सबके ऊपर गिरी गाज़ चाहे बैठें हो जिस पद... Poetry Writing Challenge 461 Share Rajeev kumar 13 Jun 2023 · 1 min read धरती का काव्य धरती का काव्य पंक्तियाँ हरियाली इसका सृजन बढ़े उपजाऊपन । रचियता भगवान संचियता किसान धरती के काव्य की यही समीक्षा बंजर न रहे खेत खलिहान । मेघ करता संरक्षण अर्पित... Poetry Writing Challenge 105 Share Rajeev kumar 13 Jun 2023 · 1 min read बचपन के खेल निराले बचपन के खेल निराले फिर कब हैं लौटने वाले । उस क्षण का है महत्व विशेष जिसकी है आज स्मृति शेष। स्मृति की वो लहरियाँ रमणिक है तो क्या हुआ... Poetry Writing Challenge 100 Share Rajeev kumar 13 Jun 2023 · 1 min read जीवन दीन क्षीण हीन स्वर्ण पींजड़ा चमकविहीन। महसुस करता पंखविहीन। नभ पे डालता दृष्टि कितनी अनुपम सृष्टि गृह शोभा को बंधे कुल महत्वहीन। दुःख व्याप्तिकरण रोष प्रकटिकरण मन मलिन । भाग्य का योग परिवार... Poetry Writing Challenge 166 Share Rajeev kumar 13 Jun 2023 · 1 min read जीवन संध्या का क्षण जीवन संध्या का क्षण कितना मार्मिक कितना विलक्षण। यकायक प्रतयक्ष हो गईं स्मृतियाँ सुख और दुख की कई आकृतियाँ। घटनाओं का जीवन में जो सरोकार रहा भले ही कुछ पे... Poetry Writing Challenge 254 Share Rajeev kumar 13 Jun 2023 · 1 min read जीवन संध्या का क्षण जीवन संध्या का क्षण कितना मार्मिक कितना विलक्षण। यकायक प्रतयक्ष हो गईं स्मृतियाँ सुख और दुख की कई आकृतियाँ। घटनाओं का जीवन में जो सरोकार रहा भले ही कुछ पे... Hindi 275 Share Rajeev kumar 13 Jun 2023 · 1 min read कभी न होता बेखौफ कभी जीना नहीं होता जो सीमा पर तैनात सीना नहीं होता । अगर न होता वतनपरस्तों का पतझड़ तो हमारी जिन्दगी में बसंत का महीना नहीं होता । सरहद... Poetry Writing Challenge 156 Share Rajeev kumar 14 Apr 2023 · 1 min read दिल के आईने में वतन का चेहरा दिल के आईने में वतन का चेहरा चमकता रहे हरदम बन कर जीने का आसरा । दिल वही जो देखे वतन का ख्वाब सुनहरा दिल वही जो वतनपरस्ती की राह... Hindi 224 Share Rajeev kumar 14 Apr 2023 · 1 min read वतन का कर्ज वतन के कर्ज की हिमायती जिन्दगी वतनपरस्ती के आगे न कीमती जिन्दगी । सारी ख्वाहिशें कुर्बान वतन पर वतनपरस्ती की हद तक सिमटी जिन्दगी । आज़ादी के दिवानों के थे... Hindi 300 Share Rajeev kumar 24 Mar 2023 · 1 min read जब दे दिया दिल राही न बदला राहें न बदली न बदली मंज़ील जब दे दिया दिल । माना कि आसान नहीं फिर भी नहीं मुशिकल चाहे कोई भी मंज़ील जब दे दिया दिल... Hindi · कविता 107 Share Rajeev kumar 24 Mar 2023 · 1 min read प्रेम हायकु १ पुछ रहे वो दिल का हाल युं ही दर्द देकर । २ आगाज़ सुना दिल के अंज़ाम का सुना न गया । ३ मुझ से बाँधी प्रित की ढिली... Hindi · हाइकु 115 Share Rajeev kumar 28 Feb 2023 · 1 min read वतन दिल के आइने में वतन का चेहरा चमकता रहे हरदम बन कर जीने का आसरा । दिल वही जो देखे वतन का ख्वाब सुनहरा जिस्म वही जो वतनपरस्ती की राह... Hindi 172 Share Rajeev kumar 21 Jan 2023 · 1 min read संसार संसार मे कितनी खुशियाँ व्याप्त थीं । संसार सुहानापन और अपनापन लिए था । गोमती अपने पति से कहती ॑ ऐसा लगता है कि संसार के सारे लोग हमारी मदद... Hindi 109 Share Rajeev kumar 14 Jan 2023 · 1 min read चेहरा बनुुँ चेहरा बनुुँ किस्मत के खेल का मोहरा बनुँँ बेहतर है कि चेहरा बनुँ । समझ के मुझको कोई रास्ता पा जाए मुझसे सबक पा जाए कोई आसरा बनुँ । शवब... Hindi 145 Share Rajeev kumar 25 Sep 2022 · 1 min read हाइकू वीर जवान देश की सुरक्छा को लूटा दे प्राण. समय धारा बदलाव की नदी कहीं न रूकी . देश विभुति देश सेवा को तैयार प्राण आहुति . जीवनदायी उफनती नदीयाँ... Hindi · हाइकु 1 2 250 Share Rajeev kumar 3 Sep 2022 · 1 min read नार परायी नई सी लगे नार परायी नई क्यों लगती है उसकी आफजायी नई क्यों लगती है यहाँ तो हर चेहरे पर मीठी सी नजाकत है अपनी फीकी , ग़ैर की मीठाई रसमयी क्यों लगती... Hindi 314 Share Rajeev kumar 2 Jul 2022 · 1 min read ज़िन्दगी वक़्त के रेत फिसल ही जाते हैं लोग गिरकर सम्भल ही जाते हैं मुश्तैद हो बुरा दौर चाहे कितना भी लोग उस दौर से निकल ही जाते हैं न खुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 163 Share Rajeev kumar 29 Jun 2022 · 1 min read सन्नाटा दरो दिवार पे पसरा सन्नाटा क्यों दिल को मेरे घेरा सन्नाटा महफिल में अपनी कद्र न जानकर रूसवा हो वहाँ से लौटा सन्नाटा बेकली लाता यादों के लहर लाता और... Hindi · Ghazal 172 Share Rajeev kumar 15 Jun 2022 · 1 min read दिल दरिया . सावन सुना साजन वगैर तो जीवन सुना । 2. मन मंदिर देवता नदारद प्रेम बेहद । 3. दाना न डाल कोई दुःख नहीं जाल न फेंक । 4. सावन... Hindi 311 Share Rajeev kumar 13 Jun 2022 · 1 min read जीन्दगी खुशी की राहों में बसर को तरसे घर में रहे और घर को तरसे यूं भी हुआ कि फेर ली नज़र जमाने ने अपनों की एक नज़र को तरसे रफ्ता... Hindi 152 Share Rajeev kumar 13 Jun 2022 · 1 min read पिता का पुरस्कार परमपिता ने ऐसा किसी को पैदा किया ही नहीं जो अपने लिए कभी जीया ही नहीं मार कर अपनी इच्छाएं बच्चों के लिए ही जीता है हर घर में ऐसा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 4 3 169 Share Rajeev kumar 4 Jun 2022 · 1 min read पिता विशेष पिता का प्रेम हर मुशकिल में काम आता है । पिता का साया डर है घबराया ठहरा नहीं । पास संपत्ती पिता की अभिव्यक्ति समय साथ । हद से ऊँची... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · हाइकु 3 4 341 Share Rajeev kumar 3 Jun 2022 · 1 min read पिता घर की खुशहाली पिता दुर करते तंगहाली पिता ख़ुद जीते बदहाली पिता परिवार उपवन और माली पिता तरक्की की सीढ़ी पिता पुजे गए हर पीढ़ी पिता घर रौशन और रौशनी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 211 Share Rajeev kumar 3 Jun 2022 · 1 min read पिता सागर की गहराई और हिमालय का सीना सा पिता शरद की ठीठूरती रातें और चिलचिलाती धुप का महीना सा पिता भले ही हो दीना सा पिता गृहरूपी अँगूठी का नगीना... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 285 Share Rajeev kumar 23 Apr 2022 · 1 min read ज़रूरी है ज़रूरी है उम्र के इस पड़ाव पर शुकुन ज़रूरी है ज़िंदगी जीने के लिए जूनून ज़रूरी है खाली लिफाफा से काम नहीं चलता पढ़ने के लिए मज़मून ज़रूरी है ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share Rajeev kumar 4 Mar 2022 · 1 min read हवा का रू आज हवा का रूख दिवार सा है लहरों का सा भाव है, मझधार सा है ये तो अभी किनारा है,जाना तो दूर है दिल मेरा हर दिवार गिराने को तैयार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share Page 1 Next