Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2023 · 1 min read

प्रेम हायकु

१ पुछ रहे वो
दिल का हाल युं ही
दर्द देकर ।

२ आगाज़ सुना
दिल के अंज़ाम का
सुना न गया ।

३ मुझ से बाँधी
प्रित की ढिली डोरी
तुमने तोड़ी ।

४ दिल दरिया
बुझी सबकी प्यास
खुद प्यासा ।

५ दिल दरिया
लगे गोते हजार
कोई न डुबा ।

६ सदा थी आई
मुसाफिर पे नैन
दिल बेचैन ।

७ मन गागर
भरकर छलके
प्रेम सागर ।

८ ठग लेते हैं
आँखें मिला वो ॰ झुका
लूट लेते हैं ।

९ हद न देखे
नज़र का दायरा
पसंद जो आए ।

१० जान पे बनी
देख तो कुछ देर
आँखें न फेर ।

Language: Hindi
82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajeev kumar
View all
You may also like:
किस क़दर आसान था
किस क़दर आसान था
हिमांशु Kulshrestha
"सावित्री बाई फुले"
Dr. Kishan tandon kranti
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
Sahil Ahmad
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
कोरा संदेश
कोरा संदेश
Manisha Manjari
सीपी में रेत के भावुक कणों ने प्रवेश किया
सीपी में रेत के भावुक कणों ने प्रवेश किया
ruby kumari
दर्द ए दिल बयां करु किससे,
दर्द ए दिल बयां करु किससे,
Radha jha
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
“ ......... क्यूँ सताते हो ?”
“ ......... क्यूँ सताते हो ?”
DrLakshman Jha Parimal
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
Ajay Kumar Vimal
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
Suryakant Dwivedi
::बेवफा::
::बेवफा::
MSW Sunil SainiCENA
समझदार बेवकूफ़
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
3214.*पूर्णिका*
3214.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपने हाथ,
अपने हाथ,
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
रिश्तों में...
रिश्तों में...
Shubham Pandey (S P)
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
Ravi Prakash
क्या कहें?
क्या कहें?
Srishty Bansal
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
साईकिल दिवस
साईकिल दिवस
Neeraj Agarwal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🙅चुनावी पतझड़🙅
🙅चुनावी पतझड़🙅
*Author प्रणय प्रभात*
किसे फर्क पड़ता है
किसे फर्क पड़ता है
Sangeeta Beniwal
" मानस मायूस "
Dr Meenu Poonia
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Loading...