aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " Language: Hindi 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 14 Jun 2023 · 1 min read काया की किताब ये काया पुरानी किताब सी है... पन्ने पल- पल गल रहे... डर है झुर्रियों में बसी कहानियाँ हो ना जाएं ,जाया कहीं... समय के दीपक की लौ में ये भोज... Poetry Writing Challenge 97 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 14 Jun 2023 · 1 min read अभिलाषा भाग जाना चाहती हूँ नफरत और यु्द्ध से भरे जहाँ से... जिसमे खुशबू नहीं उस हवा से... जिसमें रंग नहीं उस समाँ से... मुझे डूबने के लिए प्रदूषण रहित दिमागों... Poetry Writing Challenge 130 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 14 Jun 2023 · 1 min read पुनर्जन्म आज भी याद है वो पल मुझको... अपनी कोख से जब जाया था तुझको... उस वक्त केवल तू नहीं जन्मी थी... जन्म हुआ था एक माँ का भी... दर असल... Poetry Writing Challenge 1 235 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 6 Jun 2023 · 1 min read लौट आओ ना खिड़की से दिखता छायादार पेड़ अब भी वहीं खड़ा है वह हरा भी है और उसकी शाख पर झूला भी पडा़ है परन्तु हृदय व्यथित है सुबह सवेरे गोरैया का... Poetry Writing Challenge 1 259 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 6 Jun 2023 · 1 min read दौलत पर क्या मरना! ये तो जिंदगी की कहानी है हाथ का मैल है दौलत इसके लिए गुमान कैसा? पा जाने पर इतराना!!! आज आई है मगर कल शर्तिया जानी है... ये तो जिंदगी... Poetry Writing Challenge 3 256 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 6 Jun 2023 · 1 min read कैसी ये सोच है??? कैसी ये सोच है??? कैसा ये भाव !!! मानवीयता का, ऐसा कैसा अभाव!!! औरत को समझते हो क्यूँ, सिर्फ भोगने को एक शरीर??? कैसे बनते हो इतने जालिम, मर जाता... Poetry Writing Challenge 2 423 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 May 2023 · 1 min read बादल मुनि से धुनि रमाये बादल बैठे आसमान के आसन पर छिड़क छिड़क जल धरती पर आशीष लूटाते जाते हैं बंजर भूमि की तृषा मिटाने को आतुर अमृत की रसधार लुटाते... Poetry Writing Challenge 92 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 May 2023 · 1 min read चाँद से रिश्ता आज कितना सुभिता हो गया है, दुनिया के किसी भी कोने में हों हर शाम वीडियो काल करके अपने परायों से मिल, बात कर लो।,तब दूरभाष भी न था इंटरनेट... Poetry Writing Challenge 237 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 27 May 2023 · 1 min read गज़ल हमने चाहा था के रोशन रहे दिल की दुनिया तुमने दीपक को बुझाने की मुनादी कर दी। गुँचे खिल भी न पाए गुलशन में कुचली कलियाँ, बरबादी कर दी। मुहाफ़िज़... Poetry Writing Challenge 1 244 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 26 May 2023 · 1 min read शून्य का उद्भव सूर्य से विलग हो स्थापित हो गए अनगिनत पिण्ड इस संरचना को नाम मिला ब्रह्मांड हर पिण्ड का अपना- अपना गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बीच- बीच में रह गया कुछ स्थान भिन्न... Poetry Writing Challenge 1 87 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 26 May 2023 · 1 min read मेघ दूत आला सावन, आवन की पाती ले मेघदूत निकला दिशा- दिशा आतुर और द्वार- द्वार विकला अंबर भी स्वागत का थाल सजा बैठा दिग- दिगंत नेओढ़ा रगीं दुशाला स्वागत को निकल पड़ी... Poetry Writing Challenge 89 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 26 May 2023 · 1 min read चाहिए राष्ट्रभाषा पूरी करने को राष्ट्र की आशा हर देश को चाहिए निज की एक भाषा यह भाषा ही बुनती है तार बाँधने को देशवासियों के मन और भरने को उनमें झंकार... Poetry Writing Challenge 133 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 25 May 2023 · 1 min read दर्द की आह दर्द की चुभन हो परिणत बनती आह दर्द से दग्ध हृदय संतप्त झेलता दावानल सा दाह रिसता हो रक्त खुला हो घाव भर जाता लेकर वक्त खेलती दवा जो अपना... Poetry Writing Challenge 2 152 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 24 May 2023 · 1 min read मैं और शहर अट्टालिकाओं से घिरे हैं ये शहर सिरफिरे हैं भीड़ बहुत है यहाँ पर आप अकेले निरे हैं. भोर की डोर थामे है चलना जरूरी सुरक्षा की जद से निकलना मजबूरी.... Poetry Writing Challenge 1 2 213 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 23 May 2023 · 1 min read खामोशी शोर के समन्दर में उठती गिरती लहरों के राज़ खामोश आँखें खोलती हैं ख़ामोशी बोलती है सुने, अनसुने हर एक शब्द के वजन को तोलती है और चुपके से छुपके... Poetry Writing Challenge 105 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 23 May 2023 · 1 min read प्रकृति की होली फिजाएं खेल रहीं होली.... फिजाएं खेल रहीं होली... झरें ओस के कण भिजायें धरती के दामन और चोली.. कमसिन शाखों पर रंग चढ़ा मस्तक पर शोभित फूलों की रोली.. फूली... Poetry Writing Challenge 313 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 23 May 2023 · 1 min read सीता- अनुसूया मिलन सिय सुकुमारी जनक दुलारी चित्रकूट वन- गमन पधारी... चरण पादुका हीन हार,न कर्ण फूल, कलाई आभूषण विहीन फिर भी न दिखती दीन... सिय को देख हुई बलिहारी कंचन बरन, कजरारे... Poetry Writing Challenge 1 3 225 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 18 May 2023 · 1 min read नफरत की आग न पालो यारों हवा दे दे कर गलत फहमियों को नफरत की आग न पालो यारों... धर्म की आड़ ले ले कर मुल्क पर खाक न डालो यारों... फ़ना की हैं जानें तो... Poetry Writing Challenge 123 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 18 May 2023 · 1 min read कैसी ये सोच है??? कैसी ये सोच है??? कैसा ये भाव !!! मानवीयता का, ऐसा कैसा अभाव!!! औरत को समझते हो क्यूँ, सिर्फ भोगने को एक शरीर??? कैसे बनते हो इतने जालिम, मर जाता... Poetry Writing Challenge 267 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 18 May 2023 · 1 min read कन्या की पुकार न पूजो पाँव तुम मेरे न मानो तुम मुझे देवी मगर इतना करम कर दो गला दो रूढी की बेडी मुझे वर्षों से आँका कम रखा दर्जे पर दोयम सजाया... Poetry Writing Challenge 171 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 18 May 2023 · 1 min read कागज और कलम कागज पर चलती कलम का वो मद्धम मद्धम साँसो का सा स्वर. .... .. वो रौशनाई की उभरती एक एक लहर. ...... जीवंत करती जाती है निर्जीव पन्ने को पहर... Poetry Writing Challenge 1 252 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 May 2023 · 1 min read भूखे का चाँद चांद का तकिया बना कर चैन की नींद सोने का ख्वाब देखने की जुर्रत वो कैसे करे.... जो फुटपाथ पर भूख से तिलमिलाता तिल तिल मरे... उसे चांद में तकिया... Poetry Writing Challenge 229 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 May 2023 · 1 min read किसान वो किसान और उसकी.किसानी ही है जिसका कोई सानी हो नहीं सकता पत्थरों को फोड़ कर धाराओं को मोड़ कर और कोई जीव को जीवन देने हेतु बीज बो नहीं... Poetry Writing Challenge 413 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Aug 2019 · 1 min read उद्धार एक भारत,नेक भारत यही सदा से हमारा नारा है, कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तलक एक एक इंच हमारा है । 370 और 35A के पाश की जकड़, आतंकवाद की पकड़,... Hindi · कविता 1 518 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Aug 2018 · 1 min read श्रद्धेय अटल जी को नमन इरादों पर अटल रहे हार हर्गिज नहीं मानी असंभव को संभव करने की रार जो ठानी काल के कपाल पर अमिट लेख लिख गये मेरे देश को कमतर समझने वालों... Hindi · कविता 262 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 1 Jul 2018 · 1 min read लहू का रंग केवल सैनिकों का लहू लाल होता है श्वेत रक्तधारियों की तो बस जिह्वा में उबाल होता है । अगर इन्हें विरोध करना हो सरकारी नीति का तो ये ही उल्लंघन... Hindi · कविता 416 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 11 Jun 2018 · 1 min read किसान वो किसान और उसकी.किसानी ही है जिसका कोई सानी हो नहीं सकता पत्थरों को फोड़ कर धाराओं को मोड़ कर और कोई जीव को जीवन देने हेतु बीज बो नहीं... Hindi · कविता 414 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 24 Mar 2018 · 1 min read लौट आओ ना खिडकी से दिखता छायादार पेड अब भी वहीं खडा है वह हरा भी है और उसकी शाख पर झूला भी पडा है परन्तु हृदय व्यथित है सुबह सवेरे गोरैया का... Hindi · कविता 290 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Mar 2018 · 1 min read कन्या की पुकार न पूजो पाँव तुम मेरे न मानो तुम मुझे देवी मगर इतना करम कर दो गला दो रूढी की बेडी मुझे वर्षों से आँका कम रखा दर्जे पर दोयम सजाया... Hindi · कविता 256 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 12 Mar 2018 · 1 min read बुलबुल एक सन्समरण निज अनुभव#१ अलस्सुबह रोजमर्रा के जरूरी काम निपटा कर विद्यालय जाने के लिये तैयार होने पीछे वाले कमरे में गई तो बाहर तार पर बैठी दो बुलबुलों के कलरव ने... Hindi · कहानी 2 369 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 21 Jan 2018 · 2 min read यादों का बसेरा" मेरे गाँव का बरगद यादों का बसेरा है उन हवा में हिलती जड़ों से झूूलता बचपन जी उठता है आज भी बेशक उम्र हो चली है पचपन इसकी छाँव में... Hindi · कविता 542 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 27 Dec 2017 · 1 min read जीवन! जीवन लगता है जी, वन सा रास्तों का कोई ठौर नहीं आये थे एक दम अकेले अंत में साथ जाएगा ऐसा भी दिखता कहीं कोई और नहीं ऐ, जी ,... Hindi · कविता 656 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Dec 2017 · 1 min read फागुन " जागे कृष्ण कन्हाई गोपियों की टोली आई खेलें सब जन होली अब झूम के गुल रंग उडायें गायें मस्त हवायें धानी वसन में धरा नाचे घूम के खेलें सब... Hindi · गीत 438 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Dec 2017 · 1 min read सूरज सूरज भैया केे टेस्ट ट्यूब में ं खदबदाता लावा यूँ तो आग का समंदर है अनगिनत दावानल समेटे अपने उदर के अन्दर है इन्हीं की प्रयोग शाला में रचे जाते... Hindi · कविता 282 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 14 Dec 2017 · 1 min read माँ को समर्पित(५ हाइकु) # १ वृक्ष सी छाया आँचल सरमाया माँ की माया। #२ बोल ना पाया मातृत्व समझाया क्षुुधा मिटाया। #३ कंचन काया आँगन महकाया माँ तेरा जाया। #४ कान्हा का खेला... Hindi · हाइकु 245 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Nov 2017 · 1 min read रिफ्यूज सिर पर उलझे हुए बालों का टोकरा.... सिर से निकाल कर जूँ मारती,अपने में खोई कभी हँसती,कभी बिसुरती और कभी खुदसे बातें करने में मशगूल, बडे बाग के दढियल आम... Hindi · लघु कथा 565 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 3 Nov 2017 · 2 min read समय का फेर आज सालों बाद पैतृक गाँव आना हो पाया,विदेश में जन्मे बढे बच्चों को अपनी जमीन से जो मिलाना था।लंबरदार की हवेली पर नजर पडते ही पल भर में अपना सारा... Hindi · लघु कथा 459 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 Sep 2017 · 1 min read आत्मविश्वास' (मेरेअंदर का आकाश) मेरे अंदर मेरा अपना निजी आकाश है. वो बहुत विशाल,वृहद, अनंत और विराट है . मेरी अपनी आकाश गंगा में चमकते हैंं अनगिनत सितारे, सोच के सितारे चाहत के नक्षत्र... Hindi · कविता 1 401 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 26 Sep 2017 · 2 min read धरोहर रेशम ने बड़ी मेहनत से प्रोजेक्ट तैयार किया,कई दिनो की अथक मेहनत के फलस्वरूप बेहतरीन परिणाम निकल कर आया था, इंटरनेट का पेट खंगाल खंगाल कर जानकारियाँ एकत्रित कर कंप्यूटर... Hindi · लघु कथा 614 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Sep 2017 · 1 min read चाहिए राष्ट्रभाषा पूरी करने को राष्ट्र की आशा हर देश को चाहिए निज की एक भाषा यह भाषा ही बुनती है तार बाँधने को देशवासियों के मन और भरने को उनमें झंकार... Hindi · कविता 266 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Sep 2017 · 1 min read "सिय ,पिय की बाट जोहती" . कंकेली छाँह बैठ सिय ,पिय की बाट जोहती आवें प्रिय ,हो रसकेली स्वप्न मधुर टोहती बीतें बिछोह के पल निष्ठुर गूँजें केली के सुर सुमधुर, हिय, सिय का हो... Hindi · कविता 2 549 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Sep 2017 · 1 min read आँसू आँसुओं की अपनी ही जुबान होती है, हर आँसू के दिल में छिपी इक दा्स्तान होती है, माँ की आँख से ढलhके ममत्व का सागर, बहन के नयन से छलके... Hindi · मुक्तक 394 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Sep 2017 · 2 min read शिक्षक शिक्षक जो स्वयम् को जला कर, स्वयम् को गला कर जहाँ को रौशन करे शिक्षक को मै ऐसी मोमबत्ती हर्गिज़ नहीं कहूँगी. .... पर सच कहती हूँ ताउम्र मैं मेरे... Hindi · कविता 270 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Sep 2017 · 1 min read स्त्री/ पुरुष रोहिणी के आफिस में आज वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन उसी के जिम्मे था ,पूरे दफ्तर में उसकी कार्यकुशलता के चर्चे थे,थक कर शरीर चूर था परन्तु बेस्ट वर्कर... Hindi · लघु कथा 1k Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 22 Aug 2017 · 3 min read १-- वो कुत्ता ही था ? हम लोगों ने बहुत से जानवरों को बहुत करीब से देखा है ,कभी कभी उनका व्यवहार हमारी समझ से बाहर होता है नििश्छल और निष्कपट । कुछ देखे सुने अनुभव... Hindi · कहानी 683 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Aug 2017 · 1 min read " क्यों" आज संभाग में कठपुतली चंद जी का वार्षिक दौरा था,उनके पहुँचने में चंद लम्हे बाकी थे पर तैयारी पूरी हो चुकी थी। सब चाक चौबंद,सफाई ऐसी जैसे कभी गंदा था... Hindi · लघु कथा 369 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Aug 2017 · 1 min read कुल दीपक निरंजन की पडोस वाली भाभीजी आज जैसे तय करके आईं थी कि उसे समझा कर ही जायेंगी ,बेटी कैसी हो? अरे निरंजन भई तुम्हारी बेटी के बारे में सारा मुहल्ला... Hindi · लघु कथा 455 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 2 Aug 2017 · 1 min read "मानवता" कौन कहता है कि मानवता मिट चुकी है कहीं कहीं पर ये सो गई है खास कर इन्सानों में ज़रूरतों,जज्बातों,जिम्मेदारियों की परतों में दब कर खो गई है फिर भी... Hindi · कविता 739 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 14 Jul 2017 · 1 min read मेरा पुनर्जन्म आज भी .याद है वो पल मुझको अपनी कोख से जब जाया था तुझको उस वक्त केवल तू नहीं जन्मी थी जन्म हुआ था ऐक माँ का भी दरअसल.मेरा पुनर्जन्म... Hindi · कविता 385 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 13 Jul 2017 · 1 min read सौभाग्य" (लघु कथा) आज बेटे की ईन्जिनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने पर उसके दीक्षान्त समारोह में उपस्थित माँ अपने अतीत में गोते लगाने लगी।आज उसे देखने लड़का व उसका परिवार आ रहा था,खबर... Hindi · लघु कथा 420 Share Page 1 Next