Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2017 · 1 min read

मेरा पुनर्जन्म

आज भी .याद है वो पल मुझको अपनी कोख से जब जाया था तुझको
उस वक्त केवल तू नहीं जन्मी थी
जन्म हुआ था ऐक माँ का भी
दरअसल.मेरा पुनर्जन्म था वो
रात भर की असहनीय पीड़ा पर
भारी था तेरे दीदार का इन्तज़ार
तेरी पहली किलकारी के साथ
अपने पूर्ण होने का अहसास
. हुआ था उसी पल पहली बार
गुलाबी मलमल में लिपटे
मक्खन सी तेरी मखमली काया
परिचारिका ने तुझे मेरी बगल में लिटाया
सम्पर्क मे आते ही तूने मेरी
कनिष्ठा उंगलि को मद्धम सा दबाया
सच उसी वक्त तूने मेरे अन्तस को पिघलाया
वो तरल आज भी मेरे ह्रदय में
तरंगित हो हिलोरें मारता है
तेरी वो पहली छुवन आज भी
उतनी ही मादक और ताज़ा है
जब भी तुझे सोचती हूँ
वो ही नैसर्गिक आनन्द आता है
आज भी .याद है वो पल मुझको
अपनी कोख से जब जाया था तुझको
उस वक्त केवल तू नहीं जन्मी थी
जन्म हुआ था ऐक माँ का भी
दरअसल.मेरा पुनर्जन्म था वो .

अपर्णाथपलियाल”रानू”
२५.०२.२०१७

Language: Hindi
357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
Er. Sanjay Shrivastava
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
दोस्तों की कमी
दोस्तों की कमी
Dr fauzia Naseem shad
गोस्वामी तुलसीदास
गोस्वामी तुलसीदास
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
तारीफ किसकी करूं
तारीफ किसकी करूं
कवि दीपक बवेजा
"सुपर स्टार प्रचारक" को
*Author प्रणय प्रभात*
प्रणय 9
प्रणय 9
Ankita Patel
मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है
मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
ऐसे दर्शन सदा मिले
ऐसे दर्शन सदा मिले
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
आज के माहौल में
आज के माहौल में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*नुक्कड़ की चाय*
*नुक्कड़ की चाय*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
नाथ सोनांचली
Emerging Water Scarcity Problem in Urban Areas
Emerging Water Scarcity Problem in Urban Areas
Shyam Sundar Subramanian
"साहस"
Dr. Kishan tandon kranti
विद्या देती है विनय, शुद्ध  सुघर व्यवहार ।
विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
Rj Anand Prajapati
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
GOVIND UIKEY
नैन
नैन
TARAN VERMA
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
मुस्कान
मुस्कान
Santosh Shrivastava
2512.पूर्णिका
2512.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं भी कवि
मैं भी कवि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है
ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है
पूर्वार्थ
* संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 6 अप्रैल
* संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 6 अप्रैल
Ravi Prakash
Loading...