Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2023 · 1 min read

ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है

ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है
एक तरफ़ है भूख और ग़रीबी की ज़ंजीर है ।
कोशिश जितनी कर लो पर आख़िर तो तक़दीर है
ज़िन्दगी झुका दे तब कौन राजा, कौन फ़क़ीर है।
ज़रूरत और ज़मीर के बीच बारीक़ सी लकीर है
हारना नहीं, कर ले जो हो सके तदबीर है।
लड़ती रहे हालात से वो साँस कैसी वीर है
पीछे से जो वार हुए अपनो के ही तीर हैं।
चोट खा कर भी हँसे वो शख़्स कितना अमीर है
बिन उफ़्फ़ किये ही मिट गया क़ुर्बानी की तहरीर है।

181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
नूरफातिमा खातून नूरी
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
नेताम आर सी
हिंदू कौन?
हिंदू कौन?
Sanjay ' शून्य'
खाक मुझको भी होना है
खाक मुझको भी होना है
VINOD CHAUHAN
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
मैं उसी पल मर जाऊंगा ,
मैं उसी पल मर जाऊंगा ,
श्याम सिंह बिष्ट
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2682.*पूर्णिका*
2682.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अंधेरों रात और चांद का दीदार
अंधेरों रात और चांद का दीदार
Charu Mitra
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
मेरे हिस्से सब कम आता है
मेरे हिस्से सब कम आता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
gurudeenverma198
"परवाज"
Dr. Kishan tandon kranti
हम वीर हैं उस धारा के,
हम वीर हैं उस धारा के,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
Shashi kala vyas
मेरे पिता मेरा भगवान
मेरे पिता मेरा भगवान
Nanki Patre
मैं प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
मैं प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
Anil chobisa
सितारों को आगे बढ़ना पड़ेगा,
सितारों को आगे बढ़ना पड़ेगा,
Slok maurya "umang"
कभी-कभी
कभी-कभी
Ragini Kumari
■ जय हो।
■ जय हो।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...