Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2018 · 1 min read

बुलबुल एक सन्समरण

निज अनुभव#१
अलस्सुबह रोजमर्रा के जरूरी काम निपटा कर विद्यालय जाने के लिये तैयार होने पीछे वाले कमरे में गई तो बाहर तार पर बैठी दो बुलबुलों के कलरव ने ध्यान खींच लिया।वो इतनी तेजी से चटर पटर कर रहीं थीं मानो समय कम है और बातें ज्यादा,मुझे ऐसा लगा कि सखियाँ शायद ज्यादा दिन बाद मिली है,शिकायतों का दौर चल रहा है।
हैरानी तब हुई जब दोपहर बाद वापस आई तो देखा दोनो चिडियाँ वहीँ जमी हैं और शोर पहले से भी ज्यादा मचा रखा है।
मेरी बेटी ने बताया कि पीछे स्टोर में छोटा चिडिया का बच्चा सामान में फँसा है ।
मैं निकालने पहुँची तो दोनो मुझ पर झपटीं पर शायद उन्हें समझ आ गया कि मैं मदद करना चाहती हू ँवो शान्त हो तार पर बैठ गई ं।
रूमाल में आराम से पकड बच्चे को मैंने जैसे ही बाहर छोडा एक बुल बुल ने इतने मीठे स्वर में कुछ कहा जैसे आभार प्रकट करती हो।
आज सब काम छोड मै अभिभूत हो उनका क्रिया कलाप ही देखती रह गई शाम ढलने से पहले उन्होने बच्चे को उडना सिखा दिया।
कच्चे पंखों में जान फूँक वे अपने आशियाने की ओर उड चले।
आज महसूस हुआ..कि

भावनाओं का समंदर
ठाठें मार रहा
हर छोटे से छोटे जीव के अंदर
इसी लिए शायद
लगता ये जहाँ बेहिसाब सुन्दर।।
अपर्णाथपलियाल”रानू”

Language: Hindi
2 Comments · 320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
Dr MusafiR BaithA
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
"विकृति"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन का रंगमंच
जीवन का रंगमंच
Harish Chandra Pande
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3066.*पूर्णिका*
3066.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पानी में हीं चाँद बुला
पानी में हीं चाँद बुला
Shweta Soni
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
कान्हा भजन
कान्हा भजन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
........,,?
........,,?
शेखर सिंह
"बिन स्याही के कलम "
Pushpraj Anant
"धन्य प्रीत की रीत.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
देश और जनता~
देश और जनता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
*पिता*...
*पिता*...
Harminder Kaur
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब तू मिलती है
जब तू मिलती है
gurudeenverma198
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
Damodar Virmal | दामोदर विरमाल
بدل گیا انسان
بدل گیا انسان
Ahtesham Ahmad
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
बड़ी बात है ....!!
बड़ी बात है ....!!
हरवंश हृदय
दरिया का किनारा हूं,
दरिया का किनारा हूं,
Sanjay ' शून्य'
किसी के प्रति
किसी के प्रति "डाह"
*Author प्रणय प्रभात*
*सपने कुछ देखो बड़े, मारो उच्च छलॉंग (कुंडलिया)*
*सपने कुछ देखो बड़े, मारो उच्च छलॉंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कोई नयनों का शिकार उसके
कोई नयनों का शिकार उसके
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अपने वीर जवान
अपने वीर जवान
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...