Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

कैसी ये सोच है???

कैसी ये सोच है???
कैसा ये भाव !!!
मानवीयता का,
ऐसा कैसा अभाव!!!

औरत को समझते हो क्यूँ,
सिर्फ भोगने को एक शरीर???
कैसे बनते हो इतने जालिम,
मर जाता है क्यूँ ज़मीर???

हाथ भी जरा सा ना काँपते!
ना कदम ही डगमगाते हैं!!
कैसा नशा है ये ताकत का!
मासूमों की इज्जत को धज्जियाते हैं!!

वो कहते हैं,
बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ…
कोई तो बताओ, नर पिशाचों से,
बेटी किस तरह बचाओ…

कितने अरमानों से सपनों को,
परवान चढ़ाया होगा।
उंगली थाम- थाम के,
डग भरना सिखाया होगा।

पर नराधम ,
तुझे तो लाज भी नहीं आई।
कुचल मासूम कली,
चेहरे पे मुस्कान छाई।

सीने में दिल है या के है पत्थर ,
कैसी मोटी है खाल बेदर्दी।
देव भूमि को भी लजाया तूने,
बेशरमी की इंतेहा करदी।

कर्ज तो तुम चुका ना पाओगे,
नर्क में भी जगह ना पाओ तुम।
मौत भी तुमको छूने पाए ना,
हर घड़ी शूल, हर पहर खार चुभते पाओ तुम।

Language: Hindi
238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जाने बचपन
जाने बचपन
Punam Pande
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
Subhash Singhai
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
नौजवान सुभाष
नौजवान सुभाष
Aman Kumar Holy
"जीवन का सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
कि हम हुआ करते थे इश्क वालों के वाक़िल कभी,
कि हम हुआ करते थे इश्क वालों के वाक़िल कभी,
Vishal babu (vishu)
चलो , फिर करते हैं, नामुमकिन को मुमकिन ,
चलो , फिर करते हैं, नामुमकिन को मुमकिन ,
Atul Mishra
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
सौंदर्यबोध
सौंदर्यबोध
Prakash Chandra
मेहनत और अभ्यास
मेहनत और अभ्यास
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
विनोद सिल्ला
अजनबी !!!
अजनबी !!!
Shaily
बिना रुके रहो, चलते रहो,
बिना रुके रहो, चलते रहो,
Kanchan Alok Malu
2651.पूर्णिका
2651.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
ख़ान इशरत परवेज़
सब्र रख
सब्र रख
VINOD CHAUHAN
अलविदा कहने से पहले
अलविदा कहने से पहले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फादर्स डे ( Father's Day )
फादर्स डे ( Father's Day )
Atul "Krishn"
ताजन हजार
ताजन हजार
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
गांव के छोरे
गांव के छोरे
जय लगन कुमार हैप्पी
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
💐प्रेम कौतुक-520💐
💐प्रेम कौतुक-520💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
#ऐसी_कैसी_भूख?
#ऐसी_कैसी_भूख?
*Author प्रणय प्रभात*
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
कवि रमेशराज
Loading...