संजय गुप्ता Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजय गुप्ता 14 Aug 2018 · 1 min read बदलता परिवेश मेरी कलम से....✍ कितना बदल गया ये परिवेश, कितना बदल गया मेरा देश। घर घर में है सन्नाटा और, हर घर में है आज क्लेश।। कितना बदल गया ये परिवेश,... Hindi · कविता 590 Share संजय गुप्ता 14 Aug 2018 · 1 min read साली आधी घरवाली (हास्य/व्यंग) मेरी कलम से....✍ एक शौहर को जब ये पता चला कि, साली तो होती है आधी घरवाली। तो मन में लड्डू फूटे और, छायी गालों पर लाली।। लेकिन ससुराल में... Hindi · कविता 1 486 Share संजय गुप्ता 14 Aug 2018 · 1 min read दबंग आशिक (हास्य रचना) मेरी कलम से....✍ आशिक भी बड़े गज़ब के होते हैं। तर्क भी बड़े अजब से देते हैं।। कभी तो वो खुद को...., प्यार में पागल बताते हैं। कभी वो माशूक... Hindi · कविता 513 Share संजय गुप्ता 14 Aug 2018 · 1 min read याद आई आज़ादी मेरी कलम से.....✍ तीन सौ चौंसठ दिन बीत गए, न याद रही कोई आज़ादी। मगर पंद्रह अगस्त आते ही, बरबस याद आई आज़ादी।। चलो भूले बिसरे ही सही, कम से... Hindi · कविता 256 Share संजय गुप्ता 23 Jul 2018 · 1 min read क्यूँ आता है बुढ़ापा मेरी कलम से.....!! बुढ़ापे का दर्द वही जान सकता है जिसपर बीती हो। इसी को मैंने कलम से पन्नों पर उतारने की एक कोशिश की है। ???? न जाने क्यूँ... Hindi · कविता 297 Share संजय गुप्ता 19 May 2018 · 1 min read तस्वीर-ए-दिलबर इस शहर की रंगीनियों में, खोए हुए दिलबर को ढूंढ़ता हूँ। दिल में तस्वीर लिए दिलबर की, हर किसी से उसका पता पूछता हूँ।। लोग कहते हैं आवारा पागल दीवाना... Hindi · कविता 255 Share संजय गुप्ता 4 Apr 2018 · 1 min read तुम गुलाब हो गुलाब की तरह हो तुम, खिलती महकती सी। आज़ाद परिंदे की मानिंद, आसमाँ में उड़ती सी।। वो तुम्हारी मस्त आँखें, वो तुम्हारा अल्हड़पन। वो अदाएं वो शोखियाँ, गजब का वो... Hindi · कविता 1 537 Share संजय गुप्ता 4 Apr 2018 · 1 min read वो पहली मुलाकात उस पहली मुलाकात की यादें, आज भी दिल में समाई हुई हैं। जब तुम पहली बार मुझे मिली थी, फिर वो मोहब्बत की कली खिली थी।। फिर हम चले थे... Hindi · कविता 1 1k Share संजय गुप्ता 4 Apr 2018 · 1 min read सिलसिला मुलाकातों का कोई अपना सा लगने लगा, सिलसिला मुलाकातों का चलने लगा। अपने हमख्याल का साथ पाकर गम खुशियों में बदलने लगा।। उनकी मीठी बातों में, अपनेपन का एहसास जगने लगा। मुझको... Hindi · कविता 1 1 243 Share संजय गुप्ता 19 Mar 2018 · 1 min read उस लाल की कुर्बानी मेरी कलम से.....✍ (एक छोटी सी श्रद्धांजलि उन माँ भारती के वीरों को, जिन्होंने शहादत देकर तिरंगा झुकने नहीं दिया। आइये नमन करते हैं उन रणबांकुरों को....) हवाएं बेकाबू हैं... Hindi · कविता 361 Share संजय गुप्ता 14 Mar 2018 · 1 min read पंजाबी कविता मेरी कलम से..... पंजाबी कविता। भाँवे जा इंग्लैंड हीरीये, भाँवे जा कनाडा। छेत्ती मुड़ के आजीं सोह्निये, दिल नी लगणा साड्डा।। तेरे नखरियाँ दी हुण तां, सानूं आदत जेही पै... Hindi · कविता 562 Share संजय गुप्ता 14 Mar 2018 · 1 min read क्योंकि...मैं लेखक हूँ। मेरी कलम से..... मैं लेखक हूँ, कवि हूँ, शायर हूँ। मैं लिखता हूँ अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए, मन में छिपे कुछ मौन शब्दों को कहने के लिए।... Hindi · कविता 227 Share संजय गुप्ता 8 Mar 2018 · 1 min read ज़िन्दगी के रंग मेरी कलम से..... कभी हम भी हँसा करते थे, कुछ दोस्तों के संग.....! समय बदला मौसम बदले, बदल गए सब रंग.….!! सब कुछ छूटा, ज़िम्मेदारियों ने... ख्वाहिशों को लूटा! न... Hindi · कविता 195 Share संजय गुप्ता 5 Mar 2018 · 1 min read मोहब्बत बेबस नहीं मेरी कलम से.... चांदनी का यौवन खिल रहा है, देखो चाँद चकोरी से मिल रहा है। आओ उनके मधुर मिलन के, हम भी गवाह बन जाएं। ये मोहब्बत बेबस नहीं... Hindi · कविता 279 Share संजय गुप्ता 28 Oct 2017 · 1 min read देखो आ गई सर्दी अपना रंग दिखा कर, गर्मी अब बूढ़ी हो गई। सर्दी ने जवानी की, दहलीज़ पर रखा कदम, और वो नवयौवना हो गई।। अब जायके का दौर, शुरू हो जाएगा। मूंगफली,... Hindi · कविता 242 Share संजय गुप्ता 19 Oct 2017 · 1 min read सिर्फ चार आना। *सिर्फ चार आना* बूढ़े पिता ने खांसते हुए कहा, क्या था वो हमारा ज़माना। तीज त्योहार की हर खुशी, मिलती थी सिर्फ चार आना।। एक कमाता था दस खाते थे,... Hindi · कविता 390 Share संजय गुप्ता 19 Oct 2017 · 1 min read एक और दीवाली *एक और दीवाली* अब एक और दीवाली आ गई, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी, दीवाली का दिल से स्वागत है। मुझे पता है मुझे दीवाली के स्वागत में,... Hindi · कविता 459 Share संजय गुप्ता 19 Oct 2017 · 1 min read जीवन की परिभाषा कवि संजय गुप्ता कभी सजना कभी संवरना, कभी मायूस हो जाना। कभी धूप की तपिश, सुनहरे सपनों की आशा। यही तो है जीवन की परिभाषा।। कभी हंसना कभी रोना, कभी... Hindi · कविता 913 Share संजय गुप्ता 17 Oct 2017 · 1 min read तन्हा सफर ज़िन्दगी रचनाकार, कवि संजय गुप्ता। मैं चला था अकेला सफर में, पहुँच गया एक अनजान शहर में। कुछ चेहरे नए और अजनबी से, कुछ प्यारे तो कुछ मतलबी से।। अजनबियों के... Hindi · कविता 332 Share संजय गुप्ता 4 Oct 2017 · 1 min read एक प्यारी सी सुबह मेरी कलम से........ आज तुमसे पहले मैं जाग गया, खिड़की के परदे को हटाया। तो सूरज की सुनहरी किरणों ने, तुम्हारे चेहरे पर चुम्बन किया। तुम्हारा मुखमण्डल सुनहरी किरणों से,... Hindi · कविता 265 Share संजय गुप्ता 26 Sep 2017 · 1 min read काश! मैं परिंदा होता। मेरी कलम से....... संजय गुप्ता *काश! मैं परिन्दा होता* काश! मैं परिंदा होता, जिसका न कोई जाति मज़हब होता। धर्म के नाम पर न बंटा होता, ईमान अपना कभी न... Hindi · कविता 344 Share संजय गुप्ता 9 Mar 2017 · 1 min read अरमान पूरे हुए दिल के मेरी कलम से.......(संजय) " अरमान पूरे हुए दिल के " एक मुद्दत के बाद एक लम्हा मिला, जिसमें ख्वाबों को सजाने का मौका मिला । धड़कते दिल को सीने में... Hindi · कविता 481 Share संजय गुप्ता 26 Jan 2017 · 1 min read अधूरे ख्वाब अपनी मायूसी छिपाने के लिये, हंसी चेहरे पर दिखाता रहा । दिल पर चोटें लगी बहुत, मगर जख्मों को छिपाता रहा ।। रोशनी से डर जाता हूं मैं अक्सर, इसलिये... Hindi · कविता 333 Share संजय गुप्ता 22 Jan 2017 · 1 min read जीवन एक संघर्ष मुश्किलें तो आती है जीवन में, मगर रास्ते भी बन जाते हैं। डटकर सामना करते हैं जो मुश्किलों का, सच्चे योद्धा वही कहलाते हैं।। जीवन एक संघर्ष है मुश्किलों से... Hindi · कविता 5k Share