Neelam Sharma Tag: ग़ज़ल 36 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 4 Jun 2024 · 1 min read बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन #मतला ज़मीं में उगती या आसमाँ से। ये हसरतें आईं किस जहाँ से। #शेर जो नाम तेरा पुकारती थी, वो इक सदा आई किस मकां से। #शेर सफ़र नया था... Hindi · ग़ज़ल · बहर- 121 22 121 22 अरकान- 91 Share Neelam Sharma 4 Jun 2024 · 1 min read बहर- 121 22 121 22 ये दिल परिंदे सा फड़फड़ाए। क़फ़स से लेकिन निकल न पाए। सुबह ने आ कर मुझे सुलाया, हज़ार सपने मुझे दिखाए। कि रुख हवा का जा रोको कोई, अँधेरी शब... Hindi · ग़ज़ल · बहर- 121 22 121 22 92 Share Neelam Sharma 4 Jun 2024 · 1 min read वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है एक झटपट #मैगी जैसा प्रयास😃 बात -बातों में सताना भी बुरा लगता है। वो अगर रूठे मनाना भी बुरा लगता है। जो कहो बात सही तो हैं बुरा मानते वो,... Hindi · ग़ज़ल · वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) 121 Share Neelam Sharma 17 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बह्र - 2122 1212 22 काफ़िया - ओं रदीफ़ - का #मतला हुस्न की आब नूर ख्वाबों का। सिर से पा तक शजर गुलाबों का। #हुस्मन-ए-तला ना ही मेलों का... Hindi · ग़ज़ल 1 113 Share Neelam Sharma 16 May 2024 · 1 min read वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन तला हम आशिक़ हैं मक़्तल में नाम करेंगे । ये हुस्न के चर्चे तुझे गुलफाम करेंगे। #शेर महफ़िल में हमारी तेरा जब ज़िक्र चलेगा, हम इश्क़ में महफिल वो तेरे... Hindi · ग़ज़ल · वज़्न ---221 1221 1221 122 ब 1 1 152 Share Neelam Sharma 15 May 2024 · 1 min read बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है। #मतला कलम को ज़ाफरानी कर लिखा है। मिरा किस्सा कहानी कर लिखा है। #शेर सलौना सा सजन है और मैं हूँ, इश्क़ अपना रुहानी तर लिखा है। #शेर मुद्दतों बाद... Hindi · ग़ज़ल · बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन 140 Share Neelam Sharma 14 May 2024 · 1 min read अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ #मतला इक तेरी याद भुलाई न गयी। दास्तां दिल की सुनाई न गयी। #हुस्न-ए-मतला बात बिगड़ी थी बनाई न गयी । नफ़रतें दिल से मिटाई न गयी। #शेर तुहमतें खूब... Hindi · अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फ · ग़ज़ल 131 Share Neelam Sharma 13 May 2024 · 1 min read वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में #मतला मुहब्बत से भरे ख़यालों में। यूँ ही उलझे रहे सवालों में। #शेर मर्ज़ कुछ लाइलाज़ होते हैं लोग झुकते हैं जा मज़ारों में। #शेर उसने सूरज को क़ैद रक्खा... Hindi · ग़ज़ल 209 Share Neelam Sharma 13 May 2024 · 1 min read बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया - सारा रदीफ़ - है #मतला कहे जाते वो रो-रो कर हमारा दिल तुम्हारा है । सभी से हँस के यूँ मिलना नहीं बिल्कुल गवारा है। #हुस्न-ए-मतला उसी का नूर है हर शय उसी को... Hindi · ग़ज़ल · बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ा 147 Share Neelam Sharma 12 May 2024 · 1 min read इशारा नहीं होता #मतला अगर आँखें नहीं होती तो इशारा नहीं होता । नज़र के तीर से घायल तु क्या यारा नहीं होता। #शेर बिछड़ कर जा रहा कोई ज़रा सी बात की... Hindi · ग़ज़ल 108 Share Neelam Sharma 12 May 2024 · 1 min read बह्र-2122 1212 22 फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन काफ़िया -ऐ रदीफ़ -हैं #मतला आजकल कम किसी से मिलते हैं। अब नहीं हर किसी से मिलते हैं। #हुस्न -ए-मतला सिलसिले दर्द के ही मिलते हैं। चाक-ए-दिल कब किसी के सिलते हैं। #शेर हम... Hindi · ग़ज़ल · बह्र-2122 1212 22 फ़ाइलातुन मु 160 Share Neelam Sharma 12 May 2024 · 1 min read बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा मतला अश्क पीने पड़े दर्द छिपाना पड़ा। चेहरे पर मुखौटा लगाना पड़ा। ******** हुस्न-ए-मतला भूल बैठे उसे यूँ जताना पड़ा। झूठ का जाल ही यूँ बिछाना पड़ा। ******** गिरह ज़ख्म... Hindi · ग़ज़ल · बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ 116 Share Neelam Sharma 11 May 2024 · 1 min read बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## चुप्पियाँ (इयाँ) रदीफ़ ## बिना रदीफ़ 2122 2122 2122 212 गिरह रोज़ हम तो हैं सुलाते देके ग़म को थपकियाँ। बेबसी की सिसकियों में गूँजती सी चुप्पियाँ । १) देखकर ख़ामोश लहरें और सागर चुप्पियाँ। आज... Hindi · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 2122 212 फ़ाइ 1 119 Share Neelam Sharma 11 May 2024 · 1 min read बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है गिरह चाहत की बानगी से अपना बना रहा है। १) देखो वो जा रहा है। झगड़ा मिटा रहा है। २) वादा किया जो उसने पूरा निभा रहा है। ३) हाथों... Hindi · ग़ज़ल · बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊल 2 137 Share Neelam Sharma 11 May 2024 · 1 min read वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ गिरह जान का रोग है बला है इश्क़ मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ। १)इश्क़ के मर्ज़ में जो जुदा न हुआ। क्या कहूँ तुमसे मैं कि क्या न... Hindi · ग़ज़ल · वज़्न - 2122 1212 22/112 1 65 Share Neelam Sharma 8 May 2024 · 1 min read बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आ रदीफ़ ## कुछ और है गिरह इश्क़ से बढ़कर बताओ क्या सज़ा कुछ और है। जिन्दगी में शायरी हो तो मज़ा कुछ और है । १) साथ तेरे गुनगुनाने का मज़ा कुछ और है ।... Hindi · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 2122 212 फ़ाइ 1 122 Share Neelam Sharma 8 May 2024 · 1 min read सब तमाशा है । दिल ये कहता है सब तमाशा है । जिंदगी क्या है बस तमाशा है । आदमी है ख़ुदा की कठपुतली देख दुनिया ग़ज़ब तमाशा है । जा उठा करके देख... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · सब तमाशा है । 1 83 Share Neelam Sharma 7 May 2024 · 1 min read बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे गिरह आपकी तुहमत हमारे आँसुओं में कैद है, गर्दिशों के दौर में हम हँसते मुस्काते रहे। १) क्यों हमारे इश्क़ को वो रोज़ अजमाते रहे। कौन सा है यह चलन... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 2122 212 फ़ाइ 3 234 Share Neelam Sharma 7 May 2024 · 1 min read मांँ १) जिसे माँ की दुआएँ मिल गई हैं। उसे रब की सदाएँ मिल गई हैं। २) ख़ुशी ने ख़ुद लिखा मेरा मुकद्दर मुझे जन्नत की राहें मिल गई हैं। ३)... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · माँ 1 85 Share Neelam Sharma 6 May 2024 · 1 min read प्यार के काबिल बनाया जाएगा। मापनी-2122,2122,212 प्यार के काबिल बनाया जाएगा। पत्थरों को दिल बनाया जाएगा। इश्क में तेरे फना हम हो गए मेरा भी किस्सा सुनाया जाएगा। आह निकले ना कहीं फिर दर्द से... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 212 2 107 Share Neelam Sharma 6 May 2024 · 1 min read बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू गिरह रंग औ नूर करिश्मा या इनायत रब की, आज भी क़ैद है चंदन के शज़र की ख़ुशबू । १) तेरी बाहों में गुजा़री शब- सहर की ख़ुशबू, है हवाओं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान- 1 204 Share Neelam Sharma 4 May 2024 · 1 min read रज के हमको रुलाया रज के हमको रुलाया सुनो अपने खाब टूटे सही लेकिन अच्छा हुआ। दूर तक ढूँढती हैं निगाहें तुम्हें धुँध बढ़ने लगी लेकिन अच्छा हुआ। हमसे आखिर जुदा आप हो ही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 104 Share Neelam Sharma 4 May 2024 · 1 min read हुआ क्या है 3/5/22 कुछ हुआ है मगर हुआ क्या है। बेरुखी का मुकालिमा क्या है । पिंजरे में जो कैद है मुझ सी, उसके इस दर्द का पता क्या है। ये जिगर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 91 Share Neelam Sharma 3 May 2024 · 1 min read बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफ़िया -आर रदीफ़ - से 2122 2122 212 गिरह- आ रही ठंडी हवा उस पार से। हो गए मौसम भी कुछ बीमार से। १) दिल लगाया भी तो इक अय्यार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन 2 103 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़ काफिया - "आये" की बंदिश रदीफ़ - बहुत ग़ज़ल 21 2 2 2122 212 ख़्वाब बनकर याद वो आये बहुत। अश्क़ आँखों से छलक जाये बहुत। दूरियाँ तो रास अब... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल · वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - 1 106 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन अब हमारी है तुम्हारी रोज़ शब। बस ख़ुमारी है तुम्हारी रोज़ शब। हो भला कैसे मुकम्मिल आप बिन, बेमुरव्वत है हमारी रोज़ शब। चंद यादें चंद वादे और ग़म, ज़ीस्त... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 212 78 Share Neelam Sharma 1 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन दिली जज़्बात सारे खोलते हैं। ज़बाँ चुप है इशारे बोलते हैं । भरी महफ़िल रहे ख़ामोश थे जो वो ख्वाबों में हमारे बोलते हैं। सुनूँ साँसों में मैं आवाज़ जिस... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 93 Share Neelam Sharma 6 Feb 2024 · 1 min read बेजुबान तस्वीर बेज़ुबां होती कहाँ तस्वीर है। बोलती तस्वीर की तहरीर है। सोच ना कमज़ोर औरत को कभी फूल सी नाज़ुक मगर शम़शीर है। आज हिम्मत कर ज़रा औ तोड़ दे बेबसी... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 111 Share Neelam Sharma 4 Feb 2024 · 1 min read बस यूँ ही... बस यूँ ही 🤗 दिल में तेरे भी क्या बेक़रा़री सी है। उस मुलाक़ात की यादग़ारी सी है। जानलेवा रही है मुहब्बत सदा साँस जो चल रही तेज आरी सी... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 155 Share Neelam Sharma 30 Jan 2024 · 1 min read इश्क समंदर मुहब्बत का समंदर देख लेना। मिरी आँखों के अंदर देख लेना। बड़ा मुश्किल है प्यारे पार पाना, कभी तुम दिल लगाकर देख लेना। तमन्ना है अगर मिलने की मुझ से,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 133 Share Neelam Sharma 29 Jan 2024 · 1 min read तहरीर लिख दूँ। बह्न :- बह्र-ए-रमल मुसद्दस सालिम अर्कान :- फ़ाइलातुन् फ़ाइलातुन् फ़ाइलातुन् वज़्न :- 2122 2122 2122 रदीफ़ :- लिख दूँ काफ़िया-ईर गीत ग़ज़लों में तेरी तस्वीर लिख दूँ। लफ्ज़ में ढलती... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 226 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल इश्क मैं छटपटाने से क्या फायदा। बाद यूं तिलमिलाने से क्या फायदा। लिख ले अरकान तू फाइलुन फाइलुन बे-बहर गुनगुनाने से क्या फायदा। चुग गई खेत सारा तेरी गलतियां बाद... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 130 Share Neelam Sharma 25 Jan 2024 · 1 min read शादाब रखेंगे बह्र 👉👉 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया 💕 आब रदीफ़ 💕 रक्खेंगे 1222 1222 1222 1222 गुज़ारे साथ जो लम्हें बनाकर ख्वाब रक्खेंगे। निगेंबां आप ही... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 179 Share Neelam Sharma 7 Jun 2023 · 1 min read कल चमन था कल चमन था आज सब वीरान है। हर गली तन्हा पड़ी सुनसान है। दर्द - ए- दिल रोज़ ही बढ़ता गया, अब मिरा ख़ुद पे नहीं इम्कान है। अब कहाँ... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 2 4 340 Share Neelam Sharma 29 May 2023 · 1 min read रदीफ़ -ओर है छोटी बह्र की ग़ज़ल, वज़्न-2122 212 रदीफ़ -ओर है बस ग़मों का शोर है ख़ौफ का सा दौर है चीखती तन्हाइयाँ क्यों? अमा घनघोर है इश्क को भरमा रहा फेसबुकिया... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 1 387 Share Neelam Sharma 29 May 2023 · 1 min read छोटी बह्र 212 मनचले तन चले हैं सभी दिल जले इश्क में ग़म पले इश्क से दम चले इश्क में रम चले साथ में यम चले क्यों हवा नम चले साथ मिल... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 281 Share