Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन

दिली जज़्बात सारे खोलते हैं।
ज़बाँ चुप है इशारे बोलते हैं ।

भरी महफ़िल रहे ख़ामोश थे जो
वो ख्वाबों में हमारे बोलते हैं।

सुनूँ साँसों में मैं आवाज़ जिस की
वही दिल में हमारे बोलते हैं।

बता कैसे छुपेगा इश्क जग से
ज़मीं ज़र्रात सारे बोलते हैं ।

धरा बंजर सदानीरा भी सूखी
बचाओ जल के नारे बोलते हैं।

किसी की भी कभी सुनते नहीं जो
सदा उनके सितारे बोलते हैं।

भला ‘नीलम’ समुंदर क्या डुबोए
भँवर को हम किनारे बोलते हैं ।

नीलम शर्मा ✍️

Language: Hindi
1 Like · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अगर किसी के पास रहना है
अगर किसी के पास रहना है
शेखर सिंह
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
रिश्तो से जितना उलझोगे
रिश्तो से जितना उलझोगे
Harminder Kaur
★SFL 24×7★
★SFL 24×7★
*Author प्रणय प्रभात*
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
जब एक ज़िंदगी है
जब एक ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
राजनीति के क़ायदे,
राजनीति के क़ायदे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" सर्कस सदाबहार "
Dr Meenu Poonia
3443🌷 *पूर्णिका* 🌷
3443🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
फकत है तमन्ना इतनी।
फकत है तमन्ना इतनी।
Taj Mohammad
भ्रम
भ्रम
Dr.Priya Soni Khare
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
नारी शक्ति.....एक सच
नारी शक्ति.....एक सच
Neeraj Agarwal
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
Akash Agam
रिश्तों में परीवार
रिश्तों में परीवार
Anil chobisa
सज़ल
सज़ल
Mahendra Narayan
मेरे जीवन के इस पथ को,
मेरे जीवन के इस पथ को,
Anamika Singh
कभी उसकी कदर करके देखो,
कभी उसकी कदर करके देखो,
पूर्वार्थ
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
Paras Nath Jha
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
దేవత స్వరూపం గో మాత
దేవత స్వరూపం గో మాత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
Poonam Matia
"होली है आई रे"
Rahul Singh
"लक्ष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
मन
मन
Punam Pande
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
इंसान
इंसान
Bodhisatva kastooriya
माना के तुम ने पा लिया
माना के तुम ने पा लिया
shabina. Naaz
Loading...