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12 May 2024 · 1 min read

मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो

मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
तुम्हारे दांँतों की चमक से
मेरी आँखें खुल जाती हैं !
-आकाश अगम

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