DR.MDHU TRIVEDI Tag: मुक्तक 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DR.MDHU TRIVEDI 6 Feb 2022 · 1 min read लता जी को विनम्र श्रद्धांजलि हो नहीं जहाँ में, फिर भी सुर जिंदा है गाये गीत यहाँ जो , अब वो पुर जिंदा है याद सदा करेगा तुमको यह जहाँ अब क्योंकि गायकी कंठ अंकुर... Hindi · मुक्तक 63 684 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Oct 2021 · 1 min read कालरात्रि माँ भय से मुक्त कर दो हे काल रात्रि माँ शनि प्रभाव से मुक्त करे जन्म दात्री माँ शुभफल दायिनी शुभकंरी नाम तुम्हारा करे पूजा तेरी हम सब हर नवरात्रि माँ Hindi · मुक्तक 81 655 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Oct 2021 · 1 min read कात्यायनी माँ ऋषि कात्यायन की पुत्री माँ तुम करती हो बेड़ा पार धरा पर ले अवतार करो कलियुगी दानवों का संहार हो रही हर पल धर्म की हानि चोर उचक्के करते राज... Hindi · मुक्तक 80 1 650 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Oct 2021 · 1 min read स्कन्द माता माँ स्कन्दे तुमको प्रणाम अराधना से बनते काम शुभ फल की दात्री माँ देवगण भजे सुब्होशाम Hindi · मुक्तक 80 453 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Oct 2021 · 1 min read चन्द्रघंटे कुष्मांडा माँ घंट रूप में अर्ध चन्द्र सोहे भाल तुम्हारे कण्ठ विभूषित श्वेत पुष्प की माल तुम्हारे चन्दघंटा और कुष्मांडा माते दो रूप तेरे आये साधना के नौ दिन हरसाल तुम्हारे Hindi · मुक्तक 80 652 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Sep 2021 · 1 min read राष्ट्र बोध जिस माटी में जन्मे उसके लिए बलिदान करे । हो बात वतन की तो वतन पर अभिमान करे ।। शहीदों ने खुद को खोया कुछ हम भी खोये । कर... Hindi · मुक्तक 81 1 629 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2021 · 1 min read देखों कैसी मस्तियाँ देखों कैसी मस्तियाँ यहाँ सजती कैसे शरबती आँखों से कश्तियाँ हरती मैं तो मौन भाव से परख रहा तारूण्यता ऐसे वो मेरी जिन्दगी की फलवारी में फबती Hindi · मुक्तक 81 1 452 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Aug 2021 · 1 min read अजब ज़िन्दगी अजब ज़िन्दगी के तो अजब नजारे है कुछ इस ठिकाने कुछ उस ठिकाने हैं बात संस्कृति मूल्यों की हो धरा पर तो असत् छोड़ सत्य से ही तो ज़माने है Hindi · मुक्तक 79 1 365 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read अयोध्या में मच रही है धूम अयोध्या में मच रही है धूम पड़े पग निकले ध्वनि झूम कर रहे कलरव खगवृन्द होती पावन अयोध्या भूमि Hindi · मुक्तक 78 1 379 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jul 2021 · 1 min read गुरू आये जब आषाढ तो, गुरू पुर्णिमा जान आदि गुरु का अवतरण, जिसे सदा ही मान वेदों का लेखन किया , ऐसा है विश्वास गुरू शिरोमणि बढ़ाये, गुरू जनों की शान Hindi · मुक्तक 76 1 413 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Jul 2021 · 1 min read जब सूरत आयने संवारी है जब सूरत आयने संवारी है नैनों में तस्वीर तुम्हारी है मेरी तेरी ऐसा कुछ न कहो घर में अब हर चीज हमारी है Hindi · मुक्तक 76 634 Share DR.MDHU TRIVEDI 29 Jun 2021 · 1 min read मिले जब बाहु की कैद मिले जब कैद बाहों की मजा क्या बिना इसके दिखेगी अदा क्या सदा ही जिन्दगी ऐसे चले जब यही है आज जीने की कला क्या Hindi · मुक्तक 76 487 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Jun 2021 · 1 min read शब्द मेरे शब्द मेरे बन गये , धार और आधार भी शब्द मेरे तैरते से , काव्य की पतवार भी शब्द बिन तो लेखनी , भी हो गई है मौन सी शब्द... Hindi · मुक्तक 78 2 718 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Jun 2021 · 1 min read शब्द शब्द जो धारदार होता है बस वही आर पार होता है मर्म दिल का समझ न पाये जो वह न पटु शिल्पकार होता है Hindi · मुक्तक 73 679 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Feb 2021 · 1 min read आलिंगन दिवस मना आलिंगन दिवस को,करूँमीत को प्यार प्रेम फलेगा नित्य जो ,जीवन लगता यार सारे वादे जब निभाऊँ, जीना हो खुशहाल छायेगी मन उमंग तब , आये बसंत बहार Hindi · मुक्तक 76 515 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Jan 2021 · 1 min read ध्वज मुक्तक शहीदों को मिल याद हम सब करेंगे दिया है लहू याद कर फिर लड़ेगे मुहब्बत का पैग़ाम दे ध्वज हमारा नमन उसको करने सभी हम झुकेंगे Hindi · मुक्तक 73 1 399 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Dec 2020 · 1 min read जी ले वन्दे जी ले वन्दे जी ले दो पल सुकून के रख ले वन्दे रख ले दो पल मनन के कल हो या न हो न जाने हममे कोई निकाल ले दो... Hindi · मुक्तक 71 2 378 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Dec 2020 · 1 min read मुक्तक मस्त पागल ये हवाएं जब बुलाएगी तब फंसाने में हमें तेरे फसाएगी सावनी शीतल फुहारें द्वार से गुजरे तब पिया की याद हमको तो सताएगी Hindi · मुक्तक 75 385 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Dec 2020 · 1 min read अलसाई हूँ अलसाई उमंगित मस्ती छाई हूँ चित्रकार तूलिका से सजायी हूँ हर रेख से उभरता है सौन्दर्य जिसके हर रंग में तैरता कौमार्य Hindi · मुक्तक 75 1 376 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Dec 2020 · 1 min read मिले जब प्यार तेरा मिले जब प्यार तेरा मन खुशी से बात करता है कदम हर साथ चलता है कमी से बात करता है नजर आओ न हमको तुम मुहल्लों और सड़को पर तुझे... Hindi · मुक्तक 76 1 388 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Dec 2020 · 1 min read हिन्दी तेरी मेरी यारी हिन्दी मन मोहक फुलवारी हिन्दी जिस बगिया में खेले कूदें लगती ऐसी प्यारी हिन्दी Hindi · मुक्तक 76 1 477 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Dec 2020 · 1 min read भारत की भाषा भारत की भाषा हिन्दी मानी है । मेरी मात का परिधान धानी है ।। देश वीरों की जो रही परम आस । जय बोले यह हिन्दी हिन्दुस्तानी है ।। हिन्दी... Hindi · मुक्तक 74 1 406 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Dec 2020 · 1 min read मुखडा दिखाओ जरा सा लाज का घूँघट उठा मुखड़ा दिखाओ तुम सलोने नैन में काजल बना हमको बसाओ तुम किसी की आँख में आँसू न हो इस नव बरस में अब करो... Hindi · मुक्तक 73 1 693 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Dec 2020 · 1 min read जिन्दगी ने सताया जिन्दगी ने जब सताया दोस्तों शख्स हर इक छटपटाया दोस्तों वेदना इन्सान की रोयी अकथ धैर्य आ किसने बधाया दोस्तों Hindi · मुक्तक 71 435 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Dec 2020 · 1 min read दोहा मुक्तक चाँद शरद जब चमकता , बरसे अमृत धार प्रभू नाम की खीर से , पाये मानव सार चन्दा सौलह कला से , जगा रहा उन्माद , हुलसी जाये देह यह... Hindi · मुक्तक 73 496 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Jul 2020 · 1 min read माँ गंगे हे माँ गंगे , अपना सा पावन तन कर दो ताप मन के हर स्वच्छ भाव से भर दो कलुषित करते तुझक़ो जन बहुविध प्रकार पर तू ह्दय कलेवर निर्मल... Hindi · मुक्तक 77 2 484 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक कितने मरे हिसाब तुझे दे रहा हूँ गमगीन आफताब तुझे दे रहा हूँ जब ग्लानि से हृदय यह तेरा कराहता पीने को तब शराब तुझे दे रहा हूँ मैं Hindi · मुक्तक 71 614 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Apr 2020 · 1 min read वीर बजरंग वीर बजरंग कर दो देश उजाले जैसा जोड़ कर हाथ विनय कर दो शिवाले जैसा प्यार उनको न है अपने से न मानवता से प्रेम निर्झर उनमें हो तो पनाले... Hindi · मुक्तक 69 2 342 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक सीखूँगा अभी से जब तभी तकदीर बदलेंगी । कर पाऊँ तभी तो हाथ की ये लकीर बदलेंगी ।। मुझसे पाठ सीखो न बैठो आज खाली तुम । आयेगी सदी जो... Hindi · मुक्तक 70 560 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Dec 2019 · 1 min read माथे पर टीका माथ पर टीका सजा अब आँख सुरमा भी लगा अब चल रहा है प्रेम परसंग हाथ मेंहदी तू सजा अब Hindi · मुक्तक 72 331 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Nov 2018 · 1 min read सिला देना कभी यूँ रूठकर हमको मुहब्बत का सिला देना मनाऊँ आपको हर छन न फिर से यूँ थका देना घुमड़ बदरा कहे जब हाल तेरे इश्क का हमसे नयन के इन... Hindi · मुक्तक 78 399 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Nov 2018 · 1 min read बन्धन में मुहब्बत बन्धन में मुहब्बत के हर रोज बधे होंगे सारी कठिनाई को हम दूर करे होंगे होगा मन तेरा व्याकुल वक्त किसी तो मैं हर पल डग मेरे तेरे साथ बढ़े... Hindi · मुक्तक 80 2 510 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Nov 2018 · 1 min read बला खूबसूरत बला खूबसूरत दिखे चाँदनी तू मगर चाँद तेरा निकलता नहीं है पिया रूप तेरे लिए ही सजा जब जरा जेहन में उतरता नहीं है Hindi · मुक्तक 78 2 493 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Nov 2018 · 1 min read असत पर सत्य असत पर सत्य को अब जिताए सभी रामराज्ये धरा पर बनाए सभी आज रावण सदाचार से युक्त ना रोज हर मिल उसे हम जलाए सभी Hindi · मुक्तक 77 343 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Nov 2018 · 1 min read नयन के बिना नयन के बिना प्रेम पलता नहीं है पले जब कहाँ आह भरता नहीं है अधूरी रहे साँस पिय याद में जब इधर औ उधर चित्त रमता नहीं है Hindi · मुक्तक 76 383 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक जब नजर तेरी पड़ी हम खूबसूरत हो गए अब जुदा कैसे रहे जब आप आदत हो गए हम तुझे सस्ते लगे इतने कि इक दो बार में राह तुझको क्या... Hindi · मुक्तक 74 371 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Oct 2018 · 1 min read गीत तेरी प्रीत के गीत तेरी प्रीत के मचले से सागर तो नही है वेदना से सिक्त कोई प्रेम गागर तो नही है प्यार की परिणति गहन होकर मिटाने है लगी जब घाव अन्तस... Hindi · मुक्तक 76 369 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2018 · 1 min read देश को बचालो अब देश को बचालो अपने ही दुश्मनों से वह प्रभु सदा बचाये देश मुश्किलों से पलते रहे दिलों में यूँ भेद आज हममें होता रहा सदा बँटवारा तो मजहबों से Hindi · मुक्तक 74 344 Share DR.MDHU TRIVEDI 11 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक छोड़ धरती को चढ़े अम्बर गये एक दूजे के बने दिलबर गये इश्क़ का सुन्दर सलोना सा जहाँ डूबकर जिसमें गहन सागर गये Hindi · मुक्तक 76 357 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक कोई दिखता जब भूखा भोजन को खिला देना घर में रहता तू बेघर को भी तो बसा देना तू काम किसी के आया अब तक न इसलिए नादान दिलो़ में... Hindi · मुक्तक 73 359 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Nov 2016 · 1 min read नोट नोट आज हो गये है सब बेकार काम काज कर न पाऊँ हूँ लाचार भीड़ जो कतार में जेहन सुलगे आग जो जमा हुई वही दिखती बेगार Hindi · मुक्तक 71 341 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read शरारत हो गई मिले प्रेमी शरारत हो गयी है जमाने को शिकायत हो गयी है लड़ी जो आँख से आँखे हमेशा तड़प से फिर हरारत हो गयी है Hindi · मुक्तक 71 436 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 1 min read रहा करते जो लोग रहा करते सागर के किनारे है जीते रहते वो पानी पीकर खारे है तुम छोड़ विदेशी बस उपयोग करो देशी गूँजे अब लोगों में केवल यह नारे है Hindi · मुक्तक 70 354 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Oct 2016 · 1 min read देश -परदेश छोड़ के देश परदेश तू क्यों चला नोट की चाह में तू जुदा हो चला रोज अपनी भूमि को करे याद वो छोड़ यह देश नूतन जहाँ को चला Hindi · मुक्तक 70 824 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Oct 2016 · 1 min read मचा शोर क्यों मचा शोर है मन छुपा मोर है भाग जाये कहाँ बस नजर चोर है Hindi · मुक्तक 70 348 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read अहसास काफी नहीं बस तेरे होने का अहसास काफी नहीं मुझको छू लेने को क्षण खास काफी नहीं हद से मैं जाकर कुछ कर के गुजर जाऊँ केवल बात तेरी ही है तो... Hindi · मुक्तक 71 384 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read देख रहा होगा देख रहा होगा जहाँ के हालात कोई फरिश्ता जुल्म मिटाने को कभी उतरेगा कोई फरिश्ता बेशरमाई झूठ मक्कारी की हदों को रोकेगा जग का कल्याण करेगा फिर कोई फरिश्ता Hindi · मुक्तक 70 563 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read दुर्गा माँ हर बरस चली आती मेरी दुर्गा माँ कष्ट सभी हर के जाती है दुर्गा माँ जोड़े हाथ तुझे हर बार पुकारूँ मैं छोड़ सभी धाम चली आए दुर्गा माँ Hindi · मुक्तक 72 516 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read जारी है अस्मत इनकी तार -तार करना जारी है रूह इक पर अनगिनत जिस्म पुजारी है आत्म नर पिशाचों का गंदगी में खो गया खेल जो परदें के पीछें नारी यहीं हारी... Hindi · मुक्तक 71 319 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read मुक्तक जब पुकारेगा खुदा सब कुछ धरा रह जायेगा छोड़ दुनियाँ रूह से अपनी जुदा रह जायेगा रुप अपना तू निखारे देख कर के आयना एक तेरा रेत का महल ढला... Hindi · मुक्तक 70 555 Share Page 1 Next