Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2016 · 1 min read

रहा करते

जो लोग रहा करते सागर के किनारे है
जीते रहते वो पानी पीकर खारे है
तुम छोड़ विदेशी बस उपयोग करो देशी
गूँजे अब लोगों में केवल यह नारे है

Language: Hindi
70 Likes · 317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
When the ways of this world are, but
When the ways of this world are, but
Dhriti Mishra
"विनती बारम्बार"
Dr. Kishan tandon kranti
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
व्यथा दिल की
व्यथा दिल की
Devesh Bharadwaj
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
surenderpal vaidya
निगाहें मिलाके सितम ढाने वाले ।
निगाहें मिलाके सितम ढाने वाले ।
Phool gufran
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
Yashmehra
Yashmehra
Yash mehra
हिन्दी दोहा बिषय -हिंदी
हिन्दी दोहा बिषय -हिंदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्यारा भारत देश है
प्यारा भारत देश है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
काश कि ऐसा होता....
काश कि ऐसा होता....
Ajay Kumar Mallah
जय जय तिरंगा तुझको सलाम
जय जय तिरंगा तुझको सलाम
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-280💐
💐प्रेम कौतुक-280💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
है कहीं धूप तो  फिर  कही  छांव  है
है कहीं धूप तो फिर कही छांव है
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
2911.*पूर्णिका*
2911.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
सत्य कुमार प्रेमी
भारत के राम
भारत के राम
करन ''केसरा''
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
उदासियाँ  भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
उदासियाँ भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
_सुलेखा.
राहुल की अंतरात्मा
राहुल की अंतरात्मा
Ghanshyam Poddar
फितरत
फितरत
umesh mehra
फाउंटेन पेन (बाल कविता )
फाउंटेन पेन (बाल कविता )
Ravi Prakash
Loading...