Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2018 · 1 min read

बला खूबसूरत

बला खूबसूरत दिखे चाँदनी तू
मगर चाँद तेरा निकलता नहीं है

पिया रूप तेरे लिए ही सजा जब
जरा जेहन में उतरता नहीं है

Language: Hindi
78 Likes · 2 Comments · 465 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
गर्मी
गर्मी
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
मजबूत रिश्ता
मजबूत रिश्ता
Buddha Prakash
प्रणय 7
प्रणय 7
Ankita Patel
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
2859.*पूर्णिका*
2859.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आपसा हम जो
आपसा हम जो
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
Ravi Prakash
साथ
साथ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तू
तू
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
💐प्रेम कौतुक-349💐
💐प्रेम कौतुक-349💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
Pramila sultan
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
*** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! ***
VEDANTA PATEL
"स्मार्ट विलेज"
Dr. Kishan tandon kranti
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
pravin sharma
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
gurudeenverma198
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम रंगों से सजे है
हम रंगों से सजे है
'अशांत' शेखर
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
Harminder Kaur
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
Loading...