💐अज्ञात के प्रति-65💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैंने तो ख़ामोश रहने
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
स्टेटस अपडेट देखकर फोन धारक की वैचारिक, व्यवहारिक, मानसिक और
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
गर समझते हो अपने स्वदेश को अपना घर
"What comes easy won't last,
यह कौनसा आया अब नया दौर है
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।