कृष्णकांत गुर्जर Tag: कविता 59 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कृष्णकांत गुर्जर 13 Oct 2022 · 1 min read वो_हमे_हम उन्हें_ याद _आते _रहेंगे दर्द_सीने के_दिल में_ छिपाते_ रहेंगे वो_हमे_हम उन्हें_ याद _आते _रहेंगे ना ये सोचा था दिल ने कि विछड़ेगे हम बीते_लम्हों_को_हम_गुनगुनाते_रहेंगे जिसके आते ही खुशियां बरसाने लगी थी ग़म की परछाई... Hindi · कविता 3 217 Share कृष्णकांत गुर्जर 20 Nov 2021 · 1 min read मै पुरखों की बनी हुई कविता भारत मां की हंसी खुशी सब लाज तुम्हारे हाथों में। चूड़ी कंगना टिकिया बिंदिया साज तुम्हारे हाथों में। में पुरखो की_ बनी हुई_ वो शान_ नहीं लुटने दूंगा। भारत... Hindi · कविता 2 403 Share कृष्णकांत गुर्जर 19 Nov 2021 · 1 min read सिपाही वीर भगत सा बनूं सिपाही,सूरज सा अंगार बनूं । रण में झूमें वीर सिपाही,उनका में श्रृंगार बनूं।। छाती चीरूंगा दुश्मन की,मै वीरो की ढाल बनूं । मां से जाकर कहो... Hindi · कविता 3 2 541 Share कृष्णकांत गुर्जर 29 Sep 2021 · 1 min read अपने ही खून को यहां छलने लगे है लोग धोखे यूं प्यार के यहां करने लगे है लोग हाथों में हाथ डालके चलने लगे है लोग खाने को घर में दाना नहीं बैठने को छांव झूठी_ तसल्ली देंके प्यार... Hindi · कविता 9 6 533 Share कृष्णकांत गुर्जर 28 Sep 2021 · 1 min read कलम का परिचय ना बात करूं तलवारो की न ढालो की कृपाणों की ना बात करूं दीवानो की दिलवालो की मस्ताँनो की ना बात करूं राजा रानी के किस्से मजहब पुरानो की ना... Hindi · कविता 9 1 761 Share कृष्णकांत गुर्जर 6 May 2021 · 1 min read दिल की वेदना तुम्ही से आन मोदी जी_ तुम्ही से शान मोदी जी पुकारे_ भारती _तुमको_ बचालो जान मोदी जी बिलखती है मेरी मैया _किलप्ती है मेरी बिटिया जले ना_ आग चूल्हे में... Hindi · कविता 11 474 Share कृष्णकांत गुर्जर 2 Jul 2020 · 1 min read भूखा प्यासा आदमी ज़ुल्म हो दुश्मन हो चाहे आंधियां तूफ़ान हो झुक नहीं सकते है कभी,संसार को रूकने ना देंगे भूखा प्यासा आदमी वो भूख कैसे जिये आदमी को जानवर सा हम कभी... Hindi · कविता 5 1 324 Share कृष्णकांत गुर्जर 15 Jan 2020 · 1 min read विचार ज्यादा होशियार लोग ही गलती करते है कमजोर तो कहता है कि ऊंहू अपन हे का कुछ लोगों की फटे में पांव पोने की आदत बन जाती है और कुछ... Hindi · कविता 6 476 Share कृष्णकांत गुर्जर 30 Dec 2019 · 1 min read नए साल की बहुत बहुत शुभकानाएं नए साल की बहुत बहुत शुभकानाएं नए साल की नई किरण से चलो नया संसार बनाएं हमतुमसब मिलजुलके ठाने चलो नया इतिहास बनाएं गेरो को खुद अपना करके चलो नया... Hindi · कविता 5 287 Share कृष्णकांत गुर्जर 25 Dec 2019 · 1 min read कंचनकलश है जिंदगी हेवानित हालत हर हसरत भरी है जिंदगी इंसान की इंसानियत से लड़ रही है जिंदगी पर प्रेम से प्रकाश पाले प्यार करती जिंदगी कर कर्म से कर्त्तव्य अपने कर रही... Hindi · कविता 6 230 Share कृष्णकांत गुर्जर 24 Dec 2019 · 1 min read ठंड को मजा ठंड पड़ी है भारी मालिक तनक हमारी सुन लो तुम ऐक दिना अपनी महफिल में मंहगाई पर गुन लो तुम जा बा की पे काय थोप रये, खुद अपनी भी... Hindi · कविता 5 312 Share कृष्णकांत गुर्जर 24 Dec 2019 · 1 min read शेर मुझे रुलाकर वो इस कदर गई खुद चटनी मुझे भरता बना गई कृष्णकांत गुर्जर Hindi · कविता 6 226 Share कृष्णकांत गुर्जर 24 Dec 2019 · 1 min read दीपक से तूने मुझको काजल बना दिया दीपक से तूने मुझको काजल बना दिया सूरज ने यूं चमक कर बादल बना दिया मैंने प्यार किया तुझसे तूने मार मुझको डाला प्यार करके तूने मुझको पागल बना दिया... Hindi · कविता 4 474 Share कृष्णकांत गुर्जर 20 Dec 2019 · 1 min read ढंग तुममे कछु दीन के नईआ, खटिया पे तुम पड़े रहो धोती कुर्ता काय भूल रई काय पहन रई टाप। अधनंगी तुम काय फिरत हो काय लजा रई बाप।। तुम्हे सरमई ने आ रई ,काय जा नाक कटा रई..... टाप पहन... Hindi · कविता 7 462 Share कृष्णकांत गुर्जर 20 Dec 2019 · 1 min read सुन लीजिए भैंस गई गईआ गई और गआे सब खेत अब तो सुन लो तुम नेता जी तन्नक जाओ चेत नदी गईं नाले बहे बिक गई सारी रेत सब की जेब भरा... Hindi · कविता 6 465 Share कृष्णकांत गुर्जर 7 Dec 2019 · 1 min read बिटिया रानी दो दिन की मेहमान बन गई मां बापू के सपनो का अरमान बन गई प्यारी बिटिया दो दिन की मेहमान बन गई छोटे छोटे कपड़ों की पहचान बन गई शहर की छोरी गलियों की जी शान... Hindi · कविता 5 223 Share कृष्णकांत गुर्जर 4 Dec 2019 · 1 min read आज का कुत्ता आज का कुत्ता देखो बिस्किट खाता कुत्ता , हमे रोज गुर्राता कुत्ता कुत्तों की सरदारी करके हमको धौंस दिखता कुत्ता घर में कुत्ता बाहर कुत्ता गली में कुत्ता गांव में... Hindi · कविता 6 530 Share कृष्णकांत गुर्जर 29 Nov 2019 · 1 min read कर ले भलाई खो सुन मेरे बेटा तोपे बलि बलि जाऊं में , कर तू कमाई उर करले भलाई खो। बैठो है निठललोतोहेकछुनेसुहाओजाय, भियाने खुबेहे का अपनी लुगाई खो ।। इते उते काय फिरे... Hindi · कविता 6 511 Share कृष्णकांत गुर्जर 18 Nov 2019 · 1 min read विन पैसा न होता मीत ट्रेन मे पैसे खूब कमाता , विन पैसा न होता मीत पैसों में दे दे देता सीट , काले कोट बहुत भयभीत एक कोट जब जाये कचहरी, पैसोंमे बो गातागीत... Hindi · कविता 6 217 Share कृष्णकांत गुर्जर 18 Nov 2019 · 1 min read खेती से लगे घाटे लाचार हुआ बेबस, खेती से लगे घाटे भूखे फिरत है बच्चे, टूटी पड़ी है खाटें न सोते वो घरों मे, खेतो मे रात काटें। दिल फूटफुट रोता ,चमचे बहुत से... Hindi · कविता 6 208 Share कृष्णकांत गुर्जर 9 Nov 2019 · 1 min read सौगंध हमे इस माटी की श्री राम वसे है कण कण मे, श्री कृष्ण सा रास रचायेगे। राधा मीरा की विरह कथा, चाडक्य सा फर्ज निभायेगे।। वीरो की गाथा गूँज रही, सब मिल कर देश... Hindi · कविता 5 1 277 Share कृष्णकांत गुर्जर 31 Oct 2019 · 1 min read दिवाली की आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत शुभकामनाऐ दीप जले जगमग हो जीवन खुशियो की सौगात मिले चहुदिशा खुशहाली खुशी की, खुशियाँ दिन और रात मिले धन दौलत पैसो का खजाना अपनो को अपनो का साथ मिले इंसानो... Hindi · कविता 5 191 Share कृष्णकांत गुर्जर 31 Oct 2019 · 1 min read दिवाली जगमग जगमग करती आई, आई प्यारी दीबाली। चहुँ दिशा खुशहाली लाई, खुशियाँ लाई दीबाली ।। बच्चों को फुलझड़ी फटाखे, तस्मै लाई दिवाली l घर आंगन की साफ सफाई, करती आई... Hindi · कविता 6 424 Share कृष्णकांत गुर्जर 18 Oct 2019 · 1 min read प्यारी सीख क्या है हिंदू, क्या है मुस्लिम, क्या अल्ला श्री राम है l हम सब भारत माँ के बेटे, हम ही भगत कलाम है ll ईश्वर अल्लाह और बिधाता इनके भी... Hindi · कविता 5 271 Share कृष्णकांत गुर्जर 16 Oct 2019 · 1 min read ना बात करो तलवारो की ना बात करो तलवारो की, न ढालो की कृपाणों की, ना बात करो दीवानो की, दिलवालो की मस्ताँनो की, ना बात करो राजा रानी के, किस्से वेद पुरानो की, ना... Hindi · कविता 6 4 474 Share कृष्णकांत गुर्जर 30 Jan 2019 · 1 min read वो सबमे अनमोल रही है चिडियां ची ची बोल रही है उड़ने को पर तोल्र रही है सूरज दादा निकल रहा है किरणे मुंह को खोल रही है उठो उठो तुम जागो बेटा मम्मी दादी... Hindi · कविता 7 292 Share कृष्णकांत गुर्जर 16 Jun 2018 · 1 min read आओ मिल सब देश बढ़ाये हम सब भारत बंश में जन्मे, भारत माँ के लाल है। आओ मिल सब देश बढ़ाये, हम भारत की ढाल है।। हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हम सब भारत बंशी है।... Hindi · कविता 5 283 Share कृष्णकांत गुर्जर 13 May 2018 · 2 min read बेटी तुलसी सी घर के आँगन में, तितली सी रंग लाती है बेटी। खुशियो से घर को महकाती, सुन्दर कमल खिलाती है बेटी।।1 माता पिता संग भाई बहन के, प्रिय सदन... Hindi · कविता 5 300 Share कृष्णकांत गुर्जर 14 Mar 2018 · 1 min read गुरु गुरु ही शब्द सिखाता सबको, गुरू ही ग्यान बताने वाला अंधकार से ग्यान ज्योति गुरू ही स्वर सिखलाने वाला ऊँच नीच का भेद न जाने गुरु ही दिल से लगाने... Hindi · कविता 6 626 Share कृष्णकांत गुर्जर 14 Mar 2018 · 1 min read शिक्षक शिखर की ओर ले जाता शिक्षक क्षमा भाव भी रखता शिक्षक कमजोरी सब दूर हटाकर सबको है अपनाता शिक्षक अक्षर अक्षर सिखा सिखाकर सत्य मार्ग दिखलाता शिक्षक शिष्य गुरू हो... Hindi · कविता 5 258 Share कृष्णकांत गुर्जर 16 Feb 2018 · 1 min read सफर जब माँ की कोख से मै जन्मा तो सफर सफर मे चल दिया इक सफर था जब माँ ने पाला, बचपन खुशियो से भर दिया जब पिता का साया सर... Hindi · कविता 6 414 Share कृष्णकांत गुर्जर 13 Jan 2018 · 1 min read हाय गरीबी हाय गरीबी हाय अमीरी, हमरी एक कहानी है। माँ बापू अपनो के संग मे, दो दिन महमानी है।। हम बच्चे है नन्हे नून्हे, हमरी एक कहानी है | कुछ भी... Hindi · कविता 5 349 Share कृष्णकांत गुर्जर 13 Jan 2018 · 1 min read ?कर लओ थो समझौता ? कर लओ थो समझौता,फिर भी तंगात है। बोलत है रोजीना,तू का कमात है।। तनक सी बात पे भुनक भुनक जात है। मेेै खाउ टिक्कड़ तू बेलपुड़ी खात है।। ड्यूटी खो... Hindi · कविता 6 468 Share कृष्णकांत गुर्जर 15 Dec 2017 · 1 min read हम बच्चे है नन्हे नन्हे,हमरी एक कहानी है हम बच्चे है नन्हे नन्हे,हमरी एक कहानी है | कुछ भी करदे हम बचपन मे,कहते सब नादानी है|| माँ बाबा के हम आँगन मै,करते खीचा तानी है| भाई बहन संग... Hindi · कविता 5 458 Share कृष्णकांत गुर्जर 2 Jul 2017 · 1 min read नीम की छाँव मे नीम की छाव मे प्यारे से गाँव मे आना मेरे बाबूजी तपती दोपहरी मे,दाऊ की कचहरी आना मेरे बाबूजी खेतो खलियानो मे,गलियां गलिहारो मे आना मेरे बाबूजी टूटी अटरिया मे... Hindi · कविता 6 1 509 Share कृष्णकांत गुर्जर 2 Jul 2017 · 1 min read नीम की छाँव मे नीम की छाव मे प्यारे से गाँव मे आना मेरे बाबूजी तपती दोपहरी मे,दाऊ की कचहरी आना मेरे बाबूजी खेतो खलियानो मे,गलियां गलिहारो मे आना मेरे बाबूजी टूटी अटरिया मे... Hindi · कविता 6 581 Share कृष्णकांत गुर्जर 2 Jul 2017 · 1 min read जीवन तड़पे धरती तड़पे जीवन तड़पे धरती तड़पे हर घर सूना लागे रे वन वन मे तो फिरू भटकती हर वन सूना लागे रे तपती धरती तपता सूरज नदिया सूनी लागे रे तड़प तड़प... Hindi · कविता 6 262 Share कृष्णकांत गुर्जर 1 Jul 2017 · 1 min read हर दिन ये मुबारक तुम्हे हर दिन ये मुबारक तुम्हे खुशियो उजाला हो सूरज की किरण तरह जीवन प्यारा सारा हो फूलो सा सुगंधित ये तेरा जीवन ये सारा हो चहुओर मिले खुशियाँ कोई ना... Hindi · कविता 3 259 Share कृष्णकांत गुर्जर 1 Jul 2017 · 1 min read आजा मेरे कृष्ण कन्हैया रोती रहु मे आँसू बहाके, आजा मेरे कृष्ण कनहैया गलियन गलियन फिरू अकेली पार न लग रई मोरी नैया ना मधु बन है ना गौचर है ना है यहाँ पर... Hindi · कविता 5 301 Share कृष्णकांत गुर्जर 14 May 2017 · 2 min read ??माँ?? ??माँ?? माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो माँ अमृत की बूँद है माँ को बिखरने तुम न दो आँख से निकले आसू गर उसको भी गिरने... Hindi · कविता 7 382 Share कृष्णकांत गुर्जर 13 May 2017 · 1 min read मे मजबूर किसान हूँ खेती करता बोझा ढ़ोता, मे मजबूर किसान हूँ लजारी मे जीने बाला, मे मजदूर किसान हूँ अन्न उगाकर देने वाला, मे ही इक इंसान हूँ भारत माँकी आन हूँ यारो... Hindi · कविता 7 1 751 Share कृष्णकांत गुर्जर 6 May 2017 · 1 min read माँ का दूध लजाते क्यो क्यो जकड़े तुम लाचारी मे माँ का दूध लजाते क्यो| चैन से सोते अपने घरो मे खुशी के दीप जलाते क्यो|| खुशी खुशी सब खुशी मे डूबे मस्ती मौज मनाते... Hindi · कविता 4 772 Share कृष्णकांत गुर्जर 30 Apr 2017 · 1 min read मुझे दिल से लगाले ओ साथी मै तुझसे लगन लगाये हूँ, मुझे दिल लगाले ओ साथी| बस प्यार मुझको अपनाले मुझे दिल जगह दे ओ साथी|| मेरे दिल आस है प्यास यही मुझे थोड़ी जगह दे... Hindi · कविता 4 298 Share कृष्णकांत गुर्जर 20 Apr 2017 · 1 min read तेरा मन विकल होगा जीवन मे मुस्किल आयेगी तो, तेरा मन भी विकल होगा अपनो से ही दिल खुश होगा अपनो से ही विकल होगा रिश्ता दिल से हम बनाते ऱिश्तो का संगम होगा... Hindi · कविता 4 287 Share कृष्णकांत गुर्जर 27 Mar 2017 · 1 min read जाग उठो चिंगारी बनकर,आग लगा दो पानी मे जाग उठो चिगांरी बनकर, आग लगा दो पानी मे| क्यो जकड़े हो लचारी मे, क्या कर रहे जवानी मेे|| नाग नहा रहे अनपड़ नेता, क्यो जीते नादानी मे| ब्याकुल बैठी... Hindi · कविता 8 586 Share कृष्णकांत गुर्जर 26 Mar 2017 · 1 min read नचा रही हमको भैया, भारत की सरकार रे नचा रही है हमको भैया, भारत की सरकार रे| तड़पा तड़पा करके भैया , देखो रही है मार रे|| कभी नचाती दिनभर भैया, रात को करती बार रे| कभी कभी... Hindi · कविता 6 832 Share कृष्णकांत गुर्जर 18 Mar 2017 · 1 min read शिक्षा जीवन गीत है शिक्षा ही नित ग्यान दायनी,शिक्षा जीवन गीत है शिक्षा जन कल्याण की देवी,शिक्षा ही तो मीत है शिक्षा का कोई मोल नही है,न शिक्षा की डोर है| शिक्षा से शिक्षा... Hindi · कविता 9 1 7k Share कृष्णकांत गुर्जर 13 Mar 2017 · 1 min read होली आई रे आई होली आई रे आई ,रंग विरंगे रंग लाई| चहु खुशियाँ है छाईहोली आई रे आई|| ????? खुशियाँ बाँटे खेले रंगपीके सारे झूमे भंग| खाते गुझिया संग मिठाई,होली आई रे आई||... Hindi · कविता 7 362 Share कृष्णकांत गुर्जर 24 Feb 2017 · 1 min read बात नजरो से जब जब आगे बढ़े बात नजरो से जब जब आगे बढे़, आग दिल के भितरवा भडके लगे | रोग ना जाने दिल मे कैसा लगा, चैन मिलता नही नही जियरा लगे || दिल मे... Hindi · कविता 3 508 Share कृष्णकांत गुर्जर 19 Feb 2017 · 1 min read अच्छे से का बोली तुम नखरे दिखात हो एक बार का मानी रोजई तुम खात हो अच्छे से का वोली नखरे दिखात हो तन्नक ही बात मे भेजा खो खात हो साडी मगाऊ तो मुह लटकात हो सोतन... Hindi · कविता 6 771 Share Page 1 Next