Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2017 · 2 min read

??माँ??

??माँ??
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
माँ अमृत की बूँद है माँ को बिखरने तुम न दो
आँख से निकले आसू गर उसको भी गिरने तुम न दो
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
??माँ??
माँ ही ब्रम्हा माँ ही विष्णु माँ ही भोले नाथ है
हर मुश्किल मे बिन स्वार्थ के देती माँ ही साथ है
ईश्वर के इस को अब तुम बिलखने अब न दो
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
??माँ??
माँ ही गंगा माँ ही यमुना माँ कावेरी रेवा है
तत्पर रहकर विन स्वार्थ के करती माँ ही सेबा है
अपनी माँ को ऐसे यारो अब विलखने तुम न दो
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
??माँ??
माँ मृत्यु माँ ही जीवन माँ ही यारो प्राण है
सारे जग का यारो सुनलो करती माँ कल्याण है
माँ की प्यारी ममता को अब उजड़ने तुम न दो
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
??माँ??
माँ ही भव है माँ ही सागर माँ ही जग से तार दे
सारी जिंदगी खुशहाली से यारो माँ गुजार दे
माँ गरीब लाचार को अब तुम विलखने तुम न दो
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
??माँ??
सारी दुनि़या बनी पुजारी माँ से यारी श्रृष्टि हारी
माँ से होते नर उर नारी सारी दुनिया माँ को प्यारी
बिन माँ के सब सून है यारो,माँ को मचलने तुम न दो
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
??माँ??
माँ की सेबा करले कृष्णा मां करती भवपार है
माँ ही जीवन का प्यार है माँ ही सब संसार है
अपनी जननी मैया को अब तड़पने तुम न दो
माँ बडी अनमोल है माँ को तड़पने तुम न दो
??माँ??

Language: Hindi
7 Likes · 343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
दिल तमन्ना
दिल तमन्ना
Dr fauzia Naseem shad
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
भले वो चाँद के जैसा नही है।
भले वो चाँद के जैसा नही है।
Shah Alam Hindustani
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
Anil chobisa
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
पतझड़ तेरी वंदना, तेरी जय-जयकार(कुंडलिया)
Ravi Prakash
*** मां की यादें ***
*** मां की यादें ***
Chunnu Lal Gupta
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
शेखर सिंह
* तपन *
* तपन *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
जब प्यार है
जब प्यार है
surenderpal vaidya
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
डॉक्टर रागिनी
💐प्रेम कौतुक-495💐
💐प्रेम कौतुक-495💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
उसका चेहरा उदास था
उसका चेहरा उदास था
Surinder blackpen
दूसरों को समझने से बेहतर है खुद को समझना । फिर दूसरों को समझ
दूसरों को समझने से बेहतर है खुद को समझना । फिर दूसरों को समझ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"ख़ामोशी"
Pushpraj Anant
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
राख का ढेर।
राख का ढेर।
Taj Mohammad
"मौजूदा दौर" में
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी दोहे- इतिहास
हिन्दी दोहे- इतिहास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हो देवों के देव तुम, नहीं आदि-अवसान।
हो देवों के देव तुम, नहीं आदि-अवसान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जहां तक तुम सोच सकते हो
जहां तक तुम सोच सकते हो
Ankita Patel
-- दिव्यांग --
-- दिव्यांग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
2962.*पूर्णिका*
2962.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
खुदाया करम इन पे इतना ही करना।
खुदाया करम इन पे इतना ही करना।
सत्य कुमार प्रेमी
इतना आसान होता
इतना आसान होता
हिमांशु Kulshrestha
Loading...