भूरचन्द जयपाल Language: Hindi 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next भूरचन्द जयपाल 27 Jul 2017 · 1 min read ??पहली सुहागरात?? तेरी मेरी वो पहली मुलाकात और सुहाग की वो पहली रात जब मैंने छुआ था तुम्हारा बदन ऐसे सिहर सी उठी एक लहर जब रात का था वो पहला पहर... Hindi · कविता 1 4k Share भूरचन्द जयपाल 27 Jul 2017 · 1 min read *** कुछ हसरतें *** कुछ हसरतें कुछ ख्वाहिसें दिल में बाकि है पूरा करें तो कैसे ना शराब है ना साकी है ।। ?मधुप बैरागी हम रोज नयी कविता गढ़ते हैं क्या दिल को... Hindi · मुक्तक 1 310 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jul 2017 · 1 min read *** शेर *** कत्ल करके पूछते हो दर्द हुआ या नहीं मुहब्बत करके देखो पता चल जायेगा।। ?मधुप बैरागी लोग तस्वीरें बदलनें में देर नहीं लगाते हैं मगर तक़दीर बदलने में पूरा जीवन... Hindi · शेर 1 303 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jul 2017 · 1 min read *** साथ हमारे ईश्वर है *** ये जीवन भँवर है आशा और निराशा इन दोनों के बीच का भ्रमण पथ है हम यह कह सकते कि हम आशावादी है कब तब्दिली आ जाये इसमें ये जीवन... Hindi · कविता 1 256 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jul 2017 · 1 min read *** पगडण्डियां ललचाती *** चलो अब जीवन-पथ पर पगडण्डियां ललचाती है सपाट सड़क आम रास्ता सुगम कह पाती नज़ाकत या नफ़ासत से जीवन-पथ पर चलना निगाहें कब तलक आम से ख़ास हो पाती ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 173 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jul 2017 · 1 min read *** हाँ पानी-पानी *** हाँ पानी - पानी इस जीवन की रवानी हाँ पानी-पानी बहता निर्मल जल हरपल पानी-पानी हाँ पानी - पानी कभी बरखाजल करता छल पानी-पानी कभी आँखों - छलका जल पानी-पानी... Hindi · गीत 1 1 359 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jul 2017 · 1 min read *** प्यार तो आकृति से ही होता है ** कोई डगमगाता है तो कोई लड़खड़ाता है जीवन के रास्ते विद्रूप कब कोई सम्भल पाता है ।। ?मधुप बैरागी प्यार तो आकृति से ही होता है चाहे वह प्रकृति हो... Hindi · मुक्तक 1 546 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jul 2017 · 1 min read *** हमारा दिल *** हमारा दिल अब शीशे का नहीं है जो ठेस लगने से टूट जाता है ये तो स्पंज की माफिक है जो धड़कता। है तो सिकुड़ता भी है इसे चोट मारो... Hindi · कविता 1 244 Share भूरचन्द जयपाल 22 Jul 2017 · 1 min read **** मेरे मुकद्दर में *** मेरे मुकद्दर में शायद इक बात लिखी है तेरे हुस्न-ओ-आलम में इक रात लिखी है ।। ?मधुप बैरागी मेरी आदत नहीं कि इश्क को मैं दोहराऊँ पर क्या करूँ हुस्न... Hindi · मुक्तक 1 269 Share भूरचन्द जयपाल 22 Jul 2017 · 1 min read *** मुहब्बत का ताज *** क्यों मेरे जिस्म ने मुहब्बत का ताज पहना ये इश्क की सत्ता है कि सम्भाले नहीं सम्भलती ।। जब से हमने मुहब्बत का ताज पहना है इश्क की सल्तनत है... Hindi · मुक्तक 1 386 Share भूरचन्द जयपाल 22 Jul 2017 · 1 min read *** गणित ही बदल डाला *** सूरज भी तेरे हुस्न की लाली से निकलता होगा फिर तो चाँद भी तुम्ही से रोशनी लेता होगा ।। तेरे हुस्न ने दस्तूर-ए-संसार ही नहीं बदला समीकरण के साथ गणित... Hindi · मुक्तक 1 259 Share भूरचन्द जयपाल 21 Jul 2017 · 1 min read *** हम मौन रहे तो *** हम मौन रहे तो ऐसे कई डांगाबास घटित होंगे क्यों भीतर ही भीतर सहते हो क्यों अपने मन की नहीं कहते क्या जोर जबरदस्ती है तुम पर क्या औरों से... Hindi · कविता 1 304 Share भूरचन्द जयपाल 21 Jul 2017 · 1 min read *** ये दिल *** ये दिल भी उन्ही को धोखा देता आया है जो दिल लगाते हैं वरना दिमाग़ लगाने वाले तो कभी प्यार ही नहीं किया करते हैं ।। ?मधुप बैरागी कोई भी... Hindi · हाइकु 1 514 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jul 2017 · 1 min read *** कुछ मुक्तक *** जिंदगी चाहे तो अब मुझको ना आराम दे जिंदगी जीने के वास्ते थोड़ा तो विश्राम दे मत बन तूं क्रूर इतनी कंस के कारगाह सी अब उठने से पहले थोड़ा... Hindi · मुक्तक 1 582 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jul 2017 · 1 min read *** वो मुझे अपनाकर भी *** मै जिसे प्यार करता रहा मासूम समझ कर वो ही मुझे जख़्म पे जख़्म देता रहा मैंने कभी उसको नहीं कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ पर वो वक्त... Hindi · कविता 1 414 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jul 2017 · 1 min read *** मेरी तन्हाइयों में ना आया करें *** मैंने रात के अँधेरे से कह दिया है मेरी तन्हाइयों में ना आया करे जब भी अँधेरा होता है मुझे रह रह कर उनकी याद आती है फिर वही रुसवाइयों... Hindi · कविता 1 225 Share भूरचन्द जयपाल 19 Jul 2017 · 4 min read *** दलित बनाम सवर्ण राजनीति *** आज दलित राजनीति महज़ दलितों के साथ राजनीति हो गयी है । जिस कारवां को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडर ने जिस बुद्धिमता से आगे बढ़ाया और कहा था ये कारवां... Hindi · लेख 1 471 Share भूरचन्द जयपाल 18 Jul 2017 · 1 min read ****** ऐ मेरी जिंदगी ***** ऐ मेरी जिंदगी ऐ मेरी जिंदगी रूठी है क्यूं मुझसे हर ख़ुशी तेरा हर फ़लसफ़ा मुझे याद है ना जाने क्यूं मुझसे नाराज है तेरे सीने में कौनसा राज है... Hindi · गीत 1 598 Share भूरचन्द जयपाल 16 Jul 2017 · 1 min read *** महारथी से बडा सारथी *** हे अर्जुन क्यों करता है अभिमान महा-रथी से बडा सा-रथी होता है क्या महाभारत तुमने जीता कब रश्मिरथी को परास्त किया हे अर्जुन क्यों करता है अभिमान क्या जयद्रथ-वध तुमने... Hindi · कविता 1 1k Share भूरचन्द जयपाल 15 Jul 2017 · 1 min read *** आप वही हैं जो है *** 15.7.17 ** दोपहर ** 2.45 आप वही हैं,जो है,फिर क्यों डरते हो डरते हो,फिर इतना क्यों मुझपे मरते हो दिल फैंक-फैंक,फेक मुझे क्यों करते हो चाहत दिल में मेरी और... Hindi · कविता 1 280 Share भूरचन्द जयपाल 15 Jul 2017 · 2 min read ***** मत पूछ सवाल ऐ जमाने ***** मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है वक्त आने पर बता देंगे,क्या हमारे दिल में है देख बाहर की चकाचौंध,ना ये कयास लगा मत पूछ सवाल ऐ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 522 Share भूरचन्द जयपाल 10 Jul 2017 · 1 min read **** मरने से कौन डरता है **** मरने से कौन डरता है कमबख्त यहां तो जीने से ही तंग आ गए हम ।। ?मधुप बैरागी तकलीफ में दिल है मेरा कितना आजकल और आप देखकर चेहरा कहते... Hindi · शेर 1 368 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jul 2017 · 1 min read *** लोगों के मुख विवर्ण हो गये *** 9.7.17 ** प्रातः 11.01** कल के अवर्ण क्यों सवर्ण हो गये लोगों के मुख क्यों विवर्ण हो गये स्वार्थ-सिद्धि होती थी,तब-तब वो ना जाने पराये भी अपने हो गये दे... Hindi · कविता 1 271 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jul 2017 · 1 min read **** ईदी मुझे मिल जाये **** ख़्वाब ऐसे कातिलों से गुजर रहे हैं वो हमारे होने से जो मुकर रहे हैं कल ईद है दीद उनका हो ना हो स्वप्न हमारे कत्ल जो ऐसे हो रहे... Hindi · मुक्तक 1 467 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jul 2017 · 1 min read *** अब डर लगता है *** अब डर लगता है उनको लिखते ख़त बहुत बुरी चिट्ठियों के चिट्ठों की हालत पत्र पा सुर्ख हो जाते उनके अधराधर एक खता हो जाती लिख उनको ख़त।। थामलू हाथ... Hindi · मुक्तक 1 195 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jul 2017 · 1 min read **** प्रेम -मंदिर **** लोग कहते हैं रिश्ते रूहानी होने चाहिए प्यार सिर्फ जिस्मानी नही होना चाहिए नज़र और नज़रिया अपना बदल देखें प्यार रोशन-जिस्म बिना हुआ चाहिए दुआ कीजिए जिस्म मन्दिर है प्यार... Hindi · कविता 1 580 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jul 2017 · 1 min read *** शेर *** कश्तियां डूबी है बीच मझधार जाकर हाथ से छूटा अब जो प्यार पतवार मेरे ।।१ नींद मुझको आएगी बोलो इस क़दर प्यार में भरपेट धोखा जो खाता रहा ।।२ रातभर... Hindi · शेर 1 244 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jul 2017 · 1 min read *** मैं अभिमन्यु *** 2.7.17 ** रात्रि ** 10.25 मैं अभिमन्यु हर रोज चक्रव्यूह भेद निकलता हूं हर रोज महाभारत भेद निकलता हूं मैं अभिमन्यु सीखा नहीं माँ के उदर में ना खेद परिस्थितियां... Hindi · कविता 1 837 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jul 2017 · 1 min read *** रूह का साथ अगर हो *** रूह का साथ अगर हो तो रिश्ते बोझ नहीं बनते लोग ख़ुद बनते अपने अपना बनाने से नहीं बनते रूह का साथ अगर हो तो रिश्ते बोझ नहीं बनते दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 404 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jul 2017 · 1 min read *** दिल को कह दो *** रिश्ते बनाने से नही बनते लोग ख़ुद है अपने बनते रूह का साथ गर् हो तो रिश्ते बोझ नहीं बनते ।। ?मधुप बैरागी दिल को कह दो दर्द ना दे... Hindi · मुक्तक 1 214 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jun 2017 · 1 min read *** हम तो बहके हुए ख़्वाब हैं *** हम तो बहके हुए रातों के ख़्वाब है क्या रखेंगे ख़्याल अपना जो आप हैं दिल में उठता है धुवां या ये भाप हैं हम तो बहके हुए रातों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 244 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jun 2017 · 1 min read **** अँखियों में प्यास है **** 30.6.2017 प्रातः 5.21 अँखियों में प्यास है ये दिल उदास है कहते नही हो तुम अलग ये बात है अँखियों में प्यास है ये दिल उदास है रंगरंगत तुम्हारे चेहरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 342 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jun 2017 · 1 min read **** जिंदगी जिंदगी होती है **** जिंदगी जिंदगी होती है दौलत तो एक खिलौना है कभी हम खेलते हैं उससे और कभी वो खेलती है हमसे फर्क इतना है दौलत बेजूबां होती है मगर जिसके पास... Hindi · कविता 1 333 Share भूरचन्द जयपाल 27 Jun 2017 · 1 min read *** दो मुक्तक *** 27.6.17 दोपहर। 3.23 रेत के समंदर - सा सूखा ये दिल मेरा अधूरी - प्यार है और बैचैन ये दिल मेरा तुम चाहे प्यार की कितनी बारिश करो क्योंकि ब्लोटिंग-पेपर-... Hindi · मुक्तक 1 432 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jun 2017 · 1 min read ** मंजर मौत का *** मंजर मौत का देखकर यह ख़ंजर भी डर जायेगा सब्रकर ख़ुदा के बन्दे ख़ुद ख़ुदा क्या कर जायेगा नेमतें मांगी दुआ में जिसके लिए तुमने ख़ुद ख़ुदा से क्या पता... Hindi · मुक्तक 1 217 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jun 2017 · 1 min read *** कितने खुशख़त ** कितने खुशख़त लिखे मैंने तुझको चिट्ठी लौटती डाक से डाकिया एक भी नहीं लाया शायद मेरा पत्र लिखना तुम्हे पसन्द नहीं आया या फिर दिल की बात तुमने दिल में... Hindi · मुक्तक 1 317 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jun 2017 · 1 min read ** क्षणिका ** ऐ चाँद मेरे मैं तुझ तक पहूंचूं कैसे निगलने को है बादल परछायी मेरी डसने को नागाकृति बहुत विकल है चल आ अब ज़मी पर उतर मुझसे मिल अरे यूं... Hindi · कविता 1 405 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jun 2017 · 1 min read *** बूंद बूंद सिंचाई *** 7.6.17 दोपहर 1.41 मैंने बूंद-बूंद सिंचाई कर प्यार को सींचा आजकल प्यार-जमीं बंजर होती जा रही आ रही है थोक-बाज़ार-फसल प्यार की ना जाने कौन - दूषित-कैमिकल मिली जो बन्द... Hindi · कविता 1 756 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jun 2017 · 1 min read **** तेरे शहर में **** हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफ़िर की तरह मुन्तजिर है मुहब्बत-दिल आशिक की तरह सज़दा करले दिल से अब दिल-ए-क़ातिल तूं माने ना माने है मुहब्बत-घायल की तरह अपना... Hindi · मुक्तक 1 384 Share भूरचन्द जयपाल 1 Jun 2017 · 1 min read ** कथा- कहानी ** ग़ज़ल कहूं या गीत कहूं ये रीत पुरानी आई है कहता आया हूं मैं जब तब बस कथा कहानी छायी है ******************** हरियाली लहराती हर-हर सूर्य -किरण लहराई है मानव... Hindi · कविता 1 568 Share भूरचन्द जयपाल 1 Jun 2017 · 1 min read ** जय महाकालेश्वर ** महाकाल ने जिसे बुलाया ना टाल पाया मंत्र महामृत्युंजय मौत को भी टाल पाया कब काल-जाया हस्ती उसकी मिटापाया जिसपे हो सदा महाकाल की छत्रछाया कब काल-जाया हस्ती उसकी मिटापाया... Hindi · मुक्तक 1 540 Share भूरचन्द जयपाल 31 May 2017 · 1 min read *** गीत *** गीत प्रारम्भिक बोल ? बैठी हूं इंतजार करूं देखूं ऊंट सवार घणू देखूं थांरी छवि घणी नैणा में रख प्यार करुं ।। ****************** प्रीतम म्हारे हिवड़े री हिवड़े में राखयो... Hindi · गीत 1 661 Share भूरचन्द जयपाल 30 May 2017 · 1 min read ** कोई बात नही ** बात-बेबात मुझसे ना कर बात कोई बात नहीं कर दे कत्ल दिल-ए-जज़्बात कोई बात नहीं दे दे ग़म की सौगात ऐसे दिल-हालात ना कर अपना माना गर,हो नाराज़ तो कोई... Hindi · मुक्तक 1 334 Share भूरचन्द जयपाल 28 May 2017 · 1 min read ** ग़ज़ल ** आँखों के आंसुओं से दामन भिगो लिये हम तो यूं कुछ दूर ही टहलने चले गये ।। ******************************* करिश्मा देख मुहब्बत के जूनून का कल के पत्थरदिल आज पिघल गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share भूरचन्द जयपाल 27 May 2017 · 1 min read ** मिठास ** ना जाने तेरी जुबां पे ये मिठास कहां से आती है मिश्री घोल दे दिलों में खरास कहां रह जाती है ये हुनर सीखा कहां से तुमने तेरी याद आती... Hindi · कविता 1 261 Share भूरचन्द जयपाल 27 May 2017 · 1 min read ** प्रेम विवाह की हक़ीक़त ** आजकल के प्रेम विवाह की हकीकत जितनी शिद्दत से प्रेम किया जाता है मुद्दत से शादी के ख्वाब लिए जाते हैं और जब शादी हो जाती है उसका हस्र कुछ... Hindi · कविता 1 354 Share भूरचन्द जयपाल 27 May 2017 · 1 min read * अकोहम ब्रह्म द्वितीयो नास्ति * इस दुनियां के लोग भी कितने अजीब हैं मुर्दों को तो बिना भेदभाव के सर झुकाकर सज़दा करते हैं और जिन्दा इंसान से भेद करते हैं बाते करते हैं पंच... Hindi · कविता 1 452 Share भूरचन्द जयपाल 26 May 2017 · 1 min read कविता :- पेड़ो के झुरमुट में ?पेड़ो के झुरमुट में ? ?????? विस्फारित नयनो से ढूढ़ता हूं मैं तुझको सघन वृक्षों की छांव में शायद बैठी हो छुपकर बचपन में हम खेला करते थे छुपम छुपाई... Hindi · कविता 1 635 Share भूरचन्द जयपाल 24 May 2017 · 1 min read *** कुछ शेर *** हक़ीक़त में सम्भव नहीं उनको रुलाना क्यों न तसव्वुर में ही रुलाया जाय दिल अपना जो हमारी दुआओं में लगाये क्यों न दिल अब उनसे यूं लगाया जय घाव गहरा... Hindi · शेर 1 238 Share भूरचन्द जयपाल 22 May 2017 · 1 min read *** ऐ जानेमन *** 22.5.17 **रात्रि** 10.31 चाहत छुपाकर क्यों होते हो आहत रखोगे इस क़दर दिल में गर चाहत क्या कभी पूरी होगी चाहत-ए-दिल मजबूरी बन पूरी होती नही चाहत ।। *** पाना... Hindi · कविता 1 379 Share Previous Page 6 Next