प्रीतम श्रावस्तवी 456 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next प्रीतम श्रावस्तवी 30 Jul 2017 · 1 min read कुछ इस तरह से इश्क़ ने सहरा किया मुझे आज़ की हासिल ग़ज़ल 221 2121 1221 212 बह्र - बह्रे मज़ारिअ मुसम्मिन अख़रब मक़फ़ूफ़ महज़ूफ़ जह्रे-जुदाई देके वो मुर्दा किया मुझे फिर माँ की ही दुआ ने था जिन्दा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share प्रीतम श्रावस्तवी 30 Jul 2017 · 1 min read प्यार का मौसम सुहाना चाहता हूँ 2122 2122 2122 बह्रे रमल मुसद्दस सालिम 28/07/2017 ग़ज़ल ********* मैं वतन पर जाँ लुटाना चाहता हूँ अम्न की खुश्बू बहाना चाहता हूँ दिल ये करता साथ बच्चों के मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 527 Share प्रीतम श्रावस्तवी 30 Jul 2017 · 2 min read बच्चों के मन जैसा पारसा नहीं देखा आज़ का हासिल बह्र -- बह्रे हज़ज़ मुसम्न अशतर (1) हमने तो ज़माने में आपसा नही देखा पाक-साफ़ दिलवाला दूसरा नही देखा ख़त्म सिलसिला क्यूँ तुम कर रहे हो यूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read जय हिंद जिगर में आज भी अपने तिरंगा मुस्कुराता है भगत सुखराज वो बल्लभ वो गंगा मुस्कुराता है -----??---- वो टूटी झोपड़ी में सो सूखी रोटी ही खाकर जो 'जन गण मन'... Hindi · मुक्तक 322 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read ये तो है खंजर मियान थोड़ी है कई है मुल्क मगर उनमें शान थोड़ी है कोई भी हिन्द के जैसा महान थोड़ी है ? हजार फूल की खुश्बू से मुअत्तर है ये ये कोई उजड़ा हुआ गुलसितान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 211 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read चाँद सूरज की रौशनी है माँ २१२२/१२१२/२२ मेरे आंखों की रौशनी है मां लाख ग़म मे वो इक खुशी है मां ? वो सुलाती है हमको सूखे में खुद तो गीले में सो रही है मां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read शायरों ने कहा शायरी मिल गई गीत को अब मेरे मौसिकी मिल गई ग़म में भी अब मुझे हर खुशी मिल गई ?? मेरी महफिल की रौनक बढी़ आपसे फिर बुझे दीप को रौशनी मिल गई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read तेरी गोद सा घर नहीं मुतफाइलुन मुतफाइलुन 11212 11212 तेरे जैसा कोई बसर नही मां के साये जैसा शज़र नही ?? हम घूम लें ---- ये जहां मगर तेरी गोद सा--- कोई घर नहीं ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read कदमों में मां के तले सारी खुदाई देख ली प्यार की शम्मा यहां पर जो जलाई देख ली खूब की तुमने हमारी जो भलाई देख ली अब तो है पीना हमें बस लस्सी ही इस गर्मियां खूब खाकर आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read क़तआ मिलते हैं जख़्म दिल को मुहब्बत में आजकल होती नही गुजर है शराफ़त में आजकल ----- जो भी मिले हैं दोस्त जमाने में अब तलक करते हैं सब जफ़ा ही... Hindi · मुक्तक 231 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read मेरी कश्ती को न किनारा मिला मुझे उनके खत का लिफाफा मिला जो देखा वरक सारा सादा मिला ?? हुए रूबरू ---------ये शिकायत लिए मुझे उल्टे उनसे ---ही शिकवा मिला ?? कभी लौट कर आए मैके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 452 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read दीप यादों के जलाना छोड़ दे जख़्म दिल के तू दिखाना छोड़ दे फिर हंसेंगे सब बताना छोड़ दे ?? चैन फुर्क़त में न पाएगा कभी दिल हसीनों से लगाना छोड़ दे ?? खार बन कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read आदमीयत फिर जगा कर देखिए जां वतन पर तुम लुटा कर देखिए दर्द गैरों का उठा कर देखिए ?? नफरते आतिश लगी है चार सूं प्यार का दीपक जलाकर देखिए ?? अम्न के साये में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 186 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read जिन्दगी जिसने हमारी ये सँवारी होगी उड़ान मेरी मां सारे जमाने से भी प्यारी होगी जिंदगी जिसने हमारी ये संवारी होगी ?? आया है जो भी यहां उसको है जाना इक दिन जा रहा आज मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read एक मतला दो शेर हुआ कैसा मिरे दिल पे निगाहों का असर है जिधर है वो सनम कातिल नज़र मेरी उधर है ?? जहां पर हैं कदम तेरे ऐ मेरी दिलरुबा तू सुन मेरी... Hindi · मुक्तक 276 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read "जिन्दगी का मेरे तू ही आधार है" 212 212 212 212 बात दिल से हमें आज स्वीकार है काव्य परिवार है काव्य संसार है ?? काव्य से ही जुड़े दिल के सभी तार हैं पूरी सृष्टि में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Jun 2017 · 1 min read जख़्म सीने में जब उभरते हैं राह कांटों की फिर भी चलते हैं जिंदगी के सफर यूं कटते हैं ?? दिल के जज़्बात कब संभलते हैं आइने की तरह -----बिखरते हैं ?? हो अगर जिंदगी -----... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 196 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 May 2017 · 1 min read ग़ज़ल राहों में प्यार की तो सदा बेकली मिली चैन -औ सुकून की न मुझे ज़िन्दगी मिली ? पीता रहा बुझाने को ये प्यास मैं मगर हर जाम से मुझे तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 May 2017 · 1 min read मुक्तक "वतन" ????????? मेरा दिल जिग़र जां वतन के लिए है मेरी जिन्दगानी अमन के लिए है ?? नहीं छीन सकता है ये दुश्मन जमाना तिरंगा तो मेरी क़फ़न के लिए है... Hindi · मुक्तक 257 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 May 2017 · 1 min read मुक्तक गर ये दिल लापता नहीं होता दर्द का सिलसिला नहीं होता हम जमाने की क्या खबर रक्खें मुझको खुद का पता नहीं होता प्रीतम राठौर भिनगई श्रावस्ती (उ०प्र०) %%%%%%%%%%%%%%%%%%%% ?... Hindi · मुक्तक 262 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 May 2017 · 1 min read आज तक चाहा जो मिला ही नही 2122/1212/22 जिंदगी से -------हमें गिला ही नही आज तक चाहा जो मिला ही नही ?? तीरगी आज ----------भी सताती है प्यार का दीप -----जो जला ही नही ?? बस अकेले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 May 2017 · 1 min read तेरे गुनाहों पे अब पर्दा कितना है ग़ज़ल --------- गुरबत में वो देखो रोता कितना है बिन पैसे के चहरा पीला कितना है ?? प्यार तुम्हारा दिलबर सच्चा कितना है चांद सा तेरा चहरा भोला कितना है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 May 2017 · 1 min read फिर कली आज कोई महकी है कितनी प्यारी सरस ये हिन्दी है काव्य के माथे की ये बिन्दी है ? प्यार को पाप जो समझते है उनकी कितनी नजर ये गन्दी है ? याद शायद किया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 194 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read बिन तलातुम के जीवन तो बेकार है 212 212 212 212 ग़ज़ल ********** बात दिल से हमें आज स्वीकार है काव्य परिवार है काव्य संसार है ?? काव्य से ही जुड़े दिल के सभी तार हैं पूरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 311 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read प्यार जिसने किया तड़पते हैं 2121 1212 22 राह कांटों की फिर भी चलते हैं जिंदगी के सफर यूं कटते हैं ?? दिल के जज़्बात कब संभलते हैं आइने की तरह -----बिखरते हैं ?? हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 413 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read ये बेबसी मिटे तो ग़ज़ल आजकल लिखूं उरूज 19/5 2212/1211/221/212 दिल की कलम उठा के मैं अब इक ग़ज़ल लिखूं तेरे हसीन रुख को मैं ताजा कंवल लिखूं ?? उलझे हैं मसलहत जो सभी जिंदगी के अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read कामयाबी आपके चूमे क़दम उरूज 19/5 ये बुलंदी उनके ---ही चूमे कदम। कौम की जो राह में उठते क़दम ?? जब सनम ने है --पिलाई आंख से फिर सुरूरे इश्क़ --में बहके क़दम ??... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 517 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read इक दीप मुहब्बत का तुम फिर से जला जाओ वज़्न- ? 1121/1222/1221/1222 ग़ज़ल ---;;;; --- मेहमान मिरे दिल के, मुझे छोड़ के न जाओ बांहें ये बुलाती हैं,------- सीने से लगा जाओ अश्कों के समंदर में,------हम डूब ही जाएंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read जुबां ये झूम कर बोली कि चारो धाम तो आया बड़ा ही दिल नशी दिलकश हसीं अय्याम तो आया जनम दिन है ये कोमल का चलो पैग़ाम तो आया ?? बड़े अरमान से भेजा दुआओं से भरा तोहफा कुबूलो तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read बस ग़ज़ल उनकी निशानी रह गई ग़ज़ल ---------- ?? और गुल की तो कहानी रह गई बस चमन में रात रानी रह गई ?? दिल में छवि कोई पुरानी रह गई आंखों में दरिया तूफानी रह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 464 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 May 2017 · 1 min read दिल दुखाना न बेटे कभी बाप का ग़जल ******** उम्र सारी गई ---------ये जताते हुए मैं तुम्हारा हूँ ----कब से बताते हुए ?? सारे ग़म को ----- धुंएं में उड़ाते हुए जिंदगी जी लिए मुस्कराते हुए ??... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 185 Share प्रीतम श्रावस्तवी 18 May 2017 · 1 min read कब तलक बोल सनम सूनी ये क्यारी होगी मेरी मां सारे जमाने से भी प्यारी होगी जिंदगी जिसने हमारी ये संवारी होगी ?? आया है जो भी यहां उसको है जाना इक दिन जा रहा आज मैं कल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share प्रीतम श्रावस्तवी 17 May 2017 · 1 min read सोच लो फिर दुआ न पाओगे ग़ज़ल ----::::--- बह्र -? बह्रे ख़फीफ़ मुसद्दस मख़बून वज़्न ? 212 212 1222 ?? दिल लगा कर वफा न पाओगे दर्दे दिल की दवा न पाओगे ?? मिल रहे अश्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share प्रीतम श्रावस्तवी 16 May 2017 · 1 min read दिल ग़रीबों से मिलाकर देखिए ग़ज़ल ------------- जां वतन पर तुम लुटा कर देखिए दर्द गैरों का उठा कर देखिए ?? नफरते आतिश लगी है चार सूं प्यार का दीपक जलाकर देखिए ?? अम्न के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share प्रीतम श्रावस्तवी 14 May 2017 · 1 min read फिर बुझे दीप को रौशनी मिल गई आज की हासिल 212/212/212/212 ग़ज़ल -----;;;;; ----- गीत को अब मेरे मौसिकी मिल गई ग़म में भी अब मुझे हर खुशी मिल गई मेरी महफिल की रौनक बढी़ आपसे फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 277 Share प्रीतम श्रावस्तवी 14 May 2017 · 1 min read मां २१२२/१२१२/२२ मेरे आंखों की रौशनी है मां लाख ग़म मे वो इक खुशी है मां ? वो सुलाती है हमको सूखे में खुद तो गीले में सो रही है मां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 375 Share प्रीतम श्रावस्तवी 12 May 2017 · 1 min read परदेशी ???????????? जाते हो तुम जिस तरह जल्दी आना जी। प्यारे बच्चों के लिए कुछ खास खिलौने लाना जी ? जाते हो परदेस अगर. खबर भी लेते रहना । पत्नी बच्चों... Hindi · मुक्तक 512 Share प्रीतम श्रावस्तवी 12 May 2017 · 1 min read मूर्खता ----***---- मानव की यह मूर्खता, समझे तनिको नाहि। ईश्वर घट में रम रहा, खोजै मंंदिर माहि ।। खोजै मंंदिर माहि , करै नित नित झाडू पोंछा मन में कतनी गंदगी,... Hindi · कुण्डलिया 248 Share प्रीतम श्रावस्तवी 12 May 2017 · 1 min read परदेशी ???????????? जाते हो तुम जिस तरह जल्दी आना जी। प्यारे बच्चों के लिए कुछ खास खिलौने लाना जी ? जाते हो परदेस अगर. खबर भी लेते रहना । पत्नी बच्चों... Hindi · मुक्तक 297 Share प्रीतम श्रावस्तवी 12 May 2017 · 1 min read यहाँ जियालों की ऐसे बखान थोड़ी है कई है मुल्क मगर उनमें शान थोड़ी है कोई भी हिन्द के जैसा महान थोड़ी है ? हजार फूल की खुश्बू से मुअत्तर है ये ये कोई उजड़ा हुआ गुलसितान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read दिलों में आज भी अपने तिरंगा मुस्कुराता है 2122- 2122- 2122- 212 ( 1 ) तू ही सोनी तू ही -----लैला तू ही मेरी हीर है तू ही मेरे दिल की दुनिया तू मेरी तकदीर है आरज़ू पहली... Hindi · मुक्तक 287 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read जो बू-ए-तनफ्फुर को फैलाए वो वो ममता की मूरत वही प्यार है अभी याद मां की वो पुचकार है -----??---- सहारा नवोदित का परिवार है ये उत्थान का एक आधार है -----??----- बड़े ही जतन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 176 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read प्यार माँ का तो दुनिया में है कीमती दिल तो दिल है इसे मत खिलौना करो फूल पे कांटों के मत बिछौना करो पहले तो तुम निशाने -को- पक्का करो फिर चलाना है तो तीर ----- सीधा करो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 392 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read संग फूलों के सफर में खार होना चाहिए अब चमन दिल का मेरे गुलजार होना चाहिए फिर ग़मों से जिन्दगी में इतवार होना चाहिए -------?------- अब वतन में हर तरफ ही प्यार होना चाहिए साथ सब मिल कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 192 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read अभी से दिल निकलता जा रहा है निगाहों में वो -----बसता जा रहा है अभी से दिल निकलता जा रहा है . ?? सुकूं से जिंदगी ------ थी ये हमारी मगर अब चैन -------सारा जा रहा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 169 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 2 min read रोज माँ को जो सिर झुकाते है प्यार के दीप जो जलाते हैं तीरगी को वही भगाते हैं (1) फिक्र हमको नहीं मकानों की आशियां दिल में हम बनाते हैं ( 2 ) आज पाया वही बुलंदी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 434 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read मेरी नींद आँखों से उड़ने लगी है हवाएं बसंती बसंती जो चलने लगी हैं चमन की ये कलियाँ निखरने लगी हैं नही आरज़ू अब रही बिन तुम्हारे मेरी जिंदगी तो भटकने लगी है किया इस तरह से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read सँभालो वतन को अमन के फरिश्तों 122- 122- 122- 122 तनफ्फुर की आंधी जो चलने लगी है मुहब्बत की शम्मा रतो बुझने लगी है 2 उड़न छू हुई है ये इंसानियत अब किसी पेड़ पर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 198 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read बड़े ही दयालु हैं मोहन हमारे सभा बीच कृष्णा ये कहने लगी है बचा लो कन्हैया सिसकने लगी है दुशासन सभा में किया चाहे नंगी मेरी लाज भगवन ये लुटने लगी है वो अपनी तरफ खींचता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 May 2017 · 1 min read मेरी लेखनी भी सँवरने लगी है मधुर बंसी मोहन की बजने लगी है कली भी तो मधुबन में खिलने लगी है सुनी राधिका ने वो बंसी की धुन तो के सुध बुध जो उनकी बिसरने लगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 361 Share Previous Page 8 Next