Dr. Kishan Karigar 364 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Dr. Kishan Karigar 13 Oct 2021 · 1 min read कक्का हमर उचक्का । (होली पर हास्य कविता) ओंघराइत पोंघराइत हरबड़ाइत धड़फराइत धांई दिस बान्हे पर खसलाह कक्का हमर उचक्का होरी मे बरजोरी देखी मुस्की मारैत काकी मारलखिन दू-चारि मुक्का।। धिया-पूता हरियर पीयर रंग सॅं भिजौलकनि बड़की काकी... Maithili · कविता 1 638 Share Dr. Kishan Karigar 12 Oct 2021 · 1 min read बेग़म को यदि मिली ये ख़बर? अब इस क़दर ना देखो मुझको? की मुझे तुझसे प्यार हो जाए? बेग़म को कहीं मिली जो ये ख़बर? की घर मे मेरा जिना दुशवार हो जाए? शायर- किशन कारीगर... Hindi · शेर 1 345 Share Dr. Kishan Karigar 11 Oct 2021 · 1 min read इसी ग़फ़लत मे दुबारा कर दो एलान मुफ़्त मे कुछ बाँटने का? ये मुफ़्तखोर जनता दुबारा तुम्हें जीता देगी? बस इन्हे मुफ़्त मे ही अब मिल जाएगा सब कुछ? इसी ग़फ़लत मे दुबारा, तुम्हारी... Hindi · शेर 2 352 Share Dr. Kishan Karigar 11 Oct 2021 · 1 min read भेष बदलकर हमहीं ने तो? कहने को तो कानूनन मैं अवाम की सरकार हूँ. भेष बदलकर हमहीं ने तो? सरकारी खजाने हैं लूटे? तुम्हारे कमाने खाने के सारे दरबाजे हमने कर दिए हैं बंद? पांच... Hindi · शेर 2 187 Share Dr. Kishan Karigar 11 Oct 2021 · 1 min read এখুনকার মানুষের জীবন কোথায় হারিয়ে গেয়েছে, কাদের কাছে প্রশ্ন করবো? কে খুঁজে নিতে আস্তে পারবে? আমাদের মানুষের জীবন. দেখুন মানুষ কি ভাবে ব্যস্ত শুধু টাকা খুঁজে যাচ্ছে? নিজের লোকে চিনতে চাই না? একটু... Bengali · কবিতা 1 387 Share Dr. Kishan Karigar 11 Oct 2021 · 1 min read आखिर हूँ जो मैं भी तो कारीगर? साहित्य के दलाल हो या फिर कोई बाजीग़र? तुझसे डरूँगा नहीं मैं कभी? यथार्थ दिखा बेनक़ाब कर दूँगा तुझे? आखिर हूँ जो मैं भी तो कारीगर? शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Hindi · शेर 1 219 Share Dr. Kishan Karigar 11 Oct 2021 · 1 min read साहित्यक दलाल स लड़ब हम, साहित्यक दलाल स लड़ब हम, धर्मक ठिकेदार के देबै हम खिहाइर? लोकचेतना अनबै,यथार्थक संग रहबै फांर बान्हि ठाढ़? जनसरोकार बढ़ौ, कारीगर लिखत बिद्रोहक भाषा. शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Maithili · तेवरी 1 470 Share Dr. Kishan Karigar 11 Oct 2021 · 1 min read की अपनों को भी पहचान सको? अमिरी की चादर ओढ़ने वाले तुझे फुर्सत ही कहाँ? की अपनों को भी पहचान सको? सूरत हो गर सामने किशन का? फिर भी पहचानने मे कुछ देर कर जाते हो?... Hindi · शेर 1 241 Share Dr. Kishan Karigar 11 Oct 2021 · 1 min read बँटवारा (मार्मिक कविता) कियो धर्मक नाम पर कियो जातिक नाम पर कियो पैघक नाम पर कियो छोटक नाम पर एहि समाजक किछू भलमानुस लोक अपने मे कऽ लेने छथि बँटवारा। हे यौ समाजक... Maithili · कविता 1 331 Share Dr. Kishan Karigar 10 Oct 2021 · 1 min read लिखैत रही लिखैत रही। मोन होइए जे एक मिसिया कऽ पिबैत रही मुदा कहियो कऽ किछू-किछू लिखैत रही कनेक हमरो गप पर धियान देबैए मोन होइए जे पाठक सभ सॅं भेंट करैत... Maithili · कविता 1 328 Share Dr. Kishan Karigar 10 Oct 2021 · 4 min read दुर्गा पूजा मेले का लोकोत्सव गांव हो या छोटा कस्वा या शहर बाजार? हर एक जगह दुर्गा पूजा का मेला लोगों के लिए उत्सव जैसा होता है. मानो लोग हर एक साल नए उमंग उत्साह... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 838 Share Dr. Kishan Karigar 9 Oct 2021 · 1 min read बेलूरा ब्यास गवैया हो गइलन? बेलूरा ब्यास गवैया हो गइलन? कहेम केकरा से हमनी के लाज लागे, बाकी होखनी के कौनो लाज नैखे? गावे के कुछो त गावतारे कुछो सबे बेलूरा व्यास गवैया हो गइलन?... Bhojpuri · कविता 2 462 Share Dr. Kishan Karigar 9 Oct 2021 · 1 min read मज़हबी ठेकेदारों से लडूँगा मैं मज़हबी ठेकेदारों से लडूँगा मैं, साहित्य के दलालों को दूंगा खदेड़? है कारीगर को लोक सरोकार की आशा मिले तरज़िह सभी को लिखूंगा मै बिद्रोह की भाषा. शायर© किशन कारीगर... Hindi · शेर 1 207 Share Dr. Kishan Karigar 9 Oct 2021 · 2 min read मानवीय सरोकार की लयकारी वाले लोक कलाकार थे दापु खान मिरासी मारगिया मे म्हारो रे फूलड़ा बिछाओ री... दर्शन मोरा होरा.. जैसे सादगी एवं मानवीय सरोकार से धून बिखेरने वाले बेहतरीन राजस्थानी लोक कलाकार थे कमायचा वादक दापू खान. प्यारी प्यारी... Hindi · लेख 1 672 Share Dr. Kishan Karigar 9 Oct 2021 · 1 min read ओ बेख़बर मेरे रहगुज़र ओ बेख़बर मेरे रहगुज़र देख ज़रा, दिल ने दस्तक़ दी न जाने कब किधर? तेरी मुस्कुराहटों के अफ़साने देखे थे हज़ार हमने, गली गली ढूंढता हूँ तुझे, कभी इधर कभी... Hindi · शेर 1 184 Share Dr. Kishan Karigar 8 Oct 2021 · 5 min read कोन बिरड़ो मे उधिया गेल?कतअ हरा गेल मिथिला के नटुआ नाच? कोन बिरड़ो मे उधिया गेल?कतअ हरा गेल मिथिला के नटुआ नाच? हौ कतए के नटुआ एलैइए? फलां ठाम के. इ कहू जे थेहगरीये टा की लटकियो नटुआ सब अएल छै?... Maithili · लेख 1 366 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 1 min read क़त्ल हुई उनके मासूमियत की इस शहर मे दिलज़ले हैं कितनें? क़रीब से उन्हें देखा है कभी? क़त्ल हुई उनके मासूमियत की, ख़ुद उन्हें इसकी ख़बर तक ना हुई? शायर© किशन कारीगर (©काॅपीपाईट) Hindi · शेर 3 232 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 1 min read हुक्मरान भी, मीडिया भी बन गए दलाल? इनके दलाली के अजब खेल तो देखो? हुक्मरान भी, मीडिया भी बन गए दलाल? देश बिक जाए या लोग भूखे मरे? सिर्फ इनकि जेब भरे, ना कोई मलाल? शायर- किशन... Hindi · शेर 1 416 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 1 min read ছেলের বেলা খেলা মাঠে ফুটবল খেলা বন্ধুরা মিলে এক সঙ্গে আলু কাবলি বানিয়ে খাবা আমাদের ছেলের বেলা খেলা. এক সঙ্গে স্কুল যাবে পড়তাম আবার মাঠে খেলা সেই লড়াই ঝগড়া আবার কিন্তু মিলিয়ে যাবা... Bengali · কবিতা 1 342 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 2 min read लोक कलाकार ढोल पिपही वला के खोज खबैर के राखत? लोक कलाकार ढोल पिपही वला के खोज खबैर के राखत? लोक कलाकार सब के पोसबा संरक्षित करबा मे मिथिलाक लोक के नै कहियो ओतेक उत्साह रहलै आ ताबे कोन तेहेन... Maithili · लेख 1 425 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 1 min read मज़हबी दंगों में रंजिशें मज़हबी दंगों में रंजिशें भी खूब सरेआम हुआ? आदमी ही आदमी के क़त्लेआम मे है लगा हुआ? बुद्धजिल ज़ाहिल बन गए सब इन मज़हबी दुकानदारों के? दरख़्वास्त करे 'किशन' की... Hindi · शेर 1 238 Share Dr. Kishan Karigar 6 Oct 2021 · 1 min read अब कहाँ कोई चुपके से अब कहाँ कोई चुपके से, ईशकिया मुलाकात करते? ख़्यालात भी न मिले, की लोग तो सवालात करते? यूँ न भरमाया करो, शर्तिया ख़्यालातों मे? अब लोग दिल से, मुलाक़ात क्यूँ... Hindi · शेर 1 503 Share Dr. Kishan Karigar 6 Oct 2021 · 5 min read मुन्नी बदनाम भेलैए किएक ? (एकटा हास्य कथा) मुन्नी बदनाम भेलैए किएक ? (एकटा हास्य कथा) इंडिया टी वि में एकटा संगी सँ भेंट केने फिल्म सिटी नोएडा स अबैत रही। समाचार बूलेटिन के समय भ गेल रहै... Maithili · कहानी 1 597 Share Dr. Kishan Karigar 6 Oct 2021 · 3 min read महामारी सन डेराउन भेल जा रहलै? मिथिला स पलायन (परदेश कमाएब) महामारी सन डेराउन भेल जा रहलै? मिथिला स पलायन (परदेश कमाएब) यथार्थ कहब देखाएब त भक्क दिस लागत किने आ कतेक मखान वला नेता, मिथिलाक बुद्धिजीवी समाज त कुतर्क कए... Maithili · लेख 1 413 Share Dr. Kishan Karigar 5 Oct 2021 · 3 min read विलुप्त होइत मिथिला के लोक संस्कृति घोरा (कठघोड़वा) नाच आरौ तोरी के देखही रौ घोड़ा लथारो मारै छै? अच्छा चल त घोरावला के छू क देखबै? नै रौ अखनी खूब जोर स लथार फेकै हेलै बलू चोट लगतौ तब.... Maithili · लेख 2 458 Share Dr. Kishan Karigar 5 Oct 2021 · 1 min read गुमशुम यादों मे गुमशुम यादों मे जैसे तुम ही? धड़कते दिल मे जीने की आश तुम ही? कोई क्या समझे दर्द ए मुहब्बत? दिल चोरी भी किया किसी ने, वो भी क्या तुम... Hindi · शेर 1 200 Share Dr. Kishan Karigar 5 Oct 2021 · 1 min read हँ मे हँ मिलाऊ (हास्य कविता) हँ मे हँ मिलाऊ (हास्य कविता) खादिक अंगा पहिर पार्टि ऑफिस मे जल्दी आऊ शहर बजार खूम दंगा कराऊ करू चापलूसी एक्को रति ने लजाऊ नेता जी के हँ मे... Maithili · कविता 1 709 Share Dr. Kishan Karigar 4 Oct 2021 · 1 min read दिल और अपनापन कोई दुकान नहीं दिल और अपनापन कोई दुकान नहीं जब जी चाहे ख़रीद लो वापस कर दो अपनेपन की अहमियत समझोगे भला कैसे? अपने ही दिल के टुकड़े-टुकड़े कर के देखो। शायर- किशन... Hindi · शेर 1 396 Share Dr. Kishan Karigar 4 Oct 2021 · 1 min read मैं भी चापलूस बन गया (हास्य कविता) आखिर क्या करता मैं? कहाँ मारा फिरता? किसको समझाता कहाँ नहीं धक्के खाता? ईमानदारी से हश्र एसा हुआ की? अब मैं भी चापलूस बन गया? इन चापलूसों की ही तो... Hindi · कविता 2 2 940 Share Dr. Kishan Karigar 4 Oct 2021 · 1 min read अगिला अंक मे छपत (हास्य कविता) अगिला अंक मे छपत (हास्य कविता) रचना भेटल अहाँ के मुदा अगिला अंक मे ओ छपत बेसी फोन फान करब त फुसयाँहिक आश्वासन टा भेटत। अहाँ के लिखल कहाँ होइए... Maithili · कविता 1 298 Share Dr. Kishan Karigar 4 Oct 2021 · 1 min read क्या तेरे दिल मे भी आज? दिलो जां से मुहब्बत करने वाले? शायद अब कभी न मिल सकेंगे? आज फिर से उस मोड़ पे तुझसे मिलने की चाहत हुई, क्या तेरे दिल मे भी आज कुछ... Hindi · शेर 1 219 Share Dr. Kishan Karigar 3 Oct 2021 · 1 min read सच कहने मे डर सा लगता की अब तो सच कहने मे डर सा लगता है? वेबज़ह कई लोग, दुशमन जो बन जाते? शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Hindi · शेर 2 2 374 Share Dr. Kishan Karigar 2 Oct 2021 · 1 min read घोंघाउज आ उपराउंज (हास्य कविता) घोंघाउज आ उपराउंज (हास्य कविता) हम अहाँ के गरिअबैत छि अहाँ हमरा गरिआउ बेमतलब के करू उपराउंज धक्कम-धुक्की करू खूम घोघाउंज. कोने काजे कहाँ अछि आब ताहि दुआरे त आरोप-प्रत्यारोप... Maithili · कविता 1 374 Share Dr. Kishan Karigar 2 Oct 2021 · 1 min read ईशक और अशक एसा की? ईशक और अशक एसा की? संग संग दोनो एक साथ चले. कोई ना समझें इसकी जुबां, ईशक दे सुकूं, अशक दर्द ए दिल? ईशक एसा की कब किससे हो जाए?... Hindi · शेर 1 173 Share Dr. Kishan Karigar 2 Oct 2021 · 2 min read बाबा भक्त हास्य कटाक्ष बाबा-जे सब मैथिली मानक भजे तेकरे साहित्य अकादमी,पुरूस्कार, संयोजक रूपे कब्जा रहे? भक्त- प्रेम स कहियौ पेटपोसुआ पुरूस्कारी काका बाबा की जय? (हे जय त जय. हो. हो. हो.) बाबा-... Maithili · लेख 1 1 498 Share Dr. Kishan Karigar 1 Oct 2021 · 1 min read क्यों जलाते हो घर किसी और का क्यों जलाते हो घर किसी और का इतनी तबाही तनीक तकलीफ न हुई तेरे सीने में? कभी खुद का घर जलाकर तो देख कितनी तक़लीफ होती बेघर सी ज़िदगी जीने... Hindi · शेर 2 223 Share Dr. Kishan Karigar 1 Oct 2021 · 1 min read मनुक्ख बनब कोना? मनुक्ख बनब कोना? छीः छीः धूर छीः आ छीः मनुक्ख भ’ मनुक्ख सँ घृणा करैत छी ओही परमेश्वर के बनाउल माटिक मूरत हमहूँ छी अहूँ छी। केकरो देह मे भिरला... Maithili · कविता 2 3 429 Share Dr. Kishan Karigar 1 Oct 2021 · 1 min read किस्मत को कोसते फिरते हो? कर्तव्य ना करो दिन भर किस्मत को कोसते फिरते हो? धार्मिक आडंबरों मे सरोबोर तुम्हें क्या खूब मन लगता है? ©किशन कारीगर Hindi · शेर 2 274 Share Dr. Kishan Karigar 30 Sep 2021 · 1 min read लोक करे लूटमार जेंका (हास्य कविता) लोक करे लूटमार जेंका (हास्य कविता) लोभी बैसल अछि लोभ में जोंक जेंका ओक्कर चालि चलब झपटमार जेंका सरकारी खरांत लेल बेहाल भेल लोक करे लूटमार जेंका. लोभी लोकक भीड़... Maithili · कविता 1 1 621 Share Dr. Kishan Karigar 30 Sep 2021 · 1 min read हमरो जीबऽ दिअ (कन्या भू्रण हत्या पर आधारित) ।कन्या भू्रण हत्या पर एकटा विशेष। हमरो जीबऽ दिअ कोइखे मे छटपटा रहल छी हम ई दुनियॉं हमरो देखऽ दिअ बेटी भऽ के जनम लेनहि कोनो अपराध नही बाबू यौ,... Maithili · कविता 1 744 Share Dr. Kishan Karigar 30 Sep 2021 · 1 min read गलचोटका बर (एकटा हास्य कविता) गलचोटका बर। (एकटा हास्य कविता) देखू-देखू हे दाए-माए केहेन सुनर छथि गलचोटका बर। तिलकक रूपैया छनि जे बॉंकि सासुर मे खाए नहि रहल छथि एक्को कर। अनेरे अपसियॉंत रहैत छथि... Maithili · कविता 1 418 Share Dr. Kishan Karigar 30 Sep 2021 · 1 min read ख़बर मिली की खिलाफ़त मेरे? लोगों के सामने ख़ातिर मेरे, हमदर्दी भी क्या खूब करते हो? ख़बर मिली की खिलाफ़त मेरे? साजिशें भी तुम ही करते हो? शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 272 Share Dr. Kishan Karigar 29 Sep 2021 · 1 min read दिल किसी का दुखाया मैंने दिल किसी का दुखाया मैने दिल किसी का दुखाया। नादान था बहुत ही नटखट नादानगी में उनको बहुत सताया।। जिसने झुलाया था हमें अपनी बाहों की झुलों मे। जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 597 Share Dr. Kishan Karigar 29 Sep 2021 · 1 min read जो रे क्षुद्राहा सभ जो रे क्षुद्राहा सभ तूँ की बजबै आब? यथार्थ देखितउह चुप, किएक तोहर बकार हरण भेल छौ? मिथिलाक नाम पर फुंसियाहिक अनघोल यथार्थ काज एक्को पाई ने भेल? मुदा मैथिलीक... Maithili · कविता 1 394 Share Dr. Kishan Karigar 29 Sep 2021 · 1 min read मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी? ई गोंधियागिरी करनाहर सब त मैथिली भाषा के खंड बिखंड मे बांटि सुडाह क देलकै आ मिथिला मैथिली के नाम पर इ सब अपन पेट पोसै मे बेहाल रहल. परिणाम... Maithili · लेख 2 3 756 Share Dr. Kishan Karigar 29 Sep 2021 · 1 min read साहित्य समाज मे वर्ग भेद भऽ जाउ नाश साहित्य समाज मे वर्ग भेद भऽ जाउ नाश. आउ सब मिली करू बेबहारीक तेहेन काज. बिना जाति देखने सबहक आदर सबहक होइ सम्मान. कारीगर बनाउत एहने मैथिली समावेशी मचान. ©किशन... Maithili · शेर 1 242 Share Dr. Kishan Karigar 28 Sep 2021 · 1 min read Social discriminative approach of maithili language You can't believe any language could be divided her society people? But it's really truth, that social discriminative approach of maithili language. This language have always devide her society people... English · Article 1 894 Share Dr. Kishan Karigar 28 Sep 2021 · 1 min read ऐना किएक ई की ? (हास्य कविता) ऐना किएक ई की ? हास्य कविता एक्के कोइख सँ जनमल दुनू बेटा के डाक्टरी इंजीनियरिंग कराऊ मुदा बेटी के संस्कृते सँ मध्यमा कराऊ एहेन बेईमानी ऐना किएक ई की... Maithili · कविता 1 525 Share Dr. Kishan Karigar 28 Sep 2021 · 1 min read गुनगुनाती लहलाते धान की फसलें गुनगुनाती लहलाते धान की फसलें, मन मोहती धान के ये सुनहरे रंग देखो किसानों की खूब मेहनतकशी? प्रकृति के छांव मे है कितना सुकून? शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 305 Share Dr. Kishan Karigar 28 Sep 2021 · 1 min read हाकिम भऽ गेलाह हाकिम भऽ गेलाह किएक चिन्हता आब कका ओ तँ हाकिम भऽ गेलाह अबैत रहैत छथि कहियो कऽ गाम मुदा अपने लोकसॅं अनचिन्हार भऽ गेलाह जुनि पूछू यौ बाबू हाकिम होइते... Maithili · कविता 1 1 371 Share Previous Page 5 Next