मनोज कर्ण 312 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next मनोज कर्ण 27 Jan 2022 · 1 min read मन व्यथित अछि हमर.. मन व्यथित अछि हमर.. (मैथिली भगवती गीत) ~~°~~°~~° मन व्यथित अछि हमर.. माता किछु तऽ करू । माता दुर्गे हमर , अहां सब दुख हरु । हम नहीं जानि एहि... Maithili · कविता 3 340 Share मनोज कर्ण 20 Jan 2022 · 1 min read बुराई बुराई ~~°~~ मैनें तो बस , थोड़े समय के लिए , तेरी जमीं पर , डेरा डाला था। तुम कहते हो कि , दिल पर कब्जा कर लिया। कब्जा तो... Hindi · कविता 6 4 980 Share मनोज कर्ण 19 Jan 2022 · 1 min read प्रलोभन का जाल... प्रलोभन का जाल ~~°~~°~~° थोड़ी-थोड़ी जमीन खरीद लो, ये धरा नहीं बिकने वाली । प्रलोभन देकर अश्क खरीद लो, ज़मीर नहीं बिकने वाली। सोया ज़मीर अभी जागा है , ये... Hindi · कविता 5 4 963 Share मनोज कर्ण 18 Jan 2022 · 1 min read राष्ट्रवाद का रंग राष्ट्रवाद का रंग ~~°~~°~~° राष्ट्रवाद का रंग फिजां मे, जब से सपूतों ने घोला है। आस्तीन के सांप की पोल खुली है, हर बच्चा-बच्चा बोला है। कीड़े-मकोड़े ऐसे बिलबिला रहे,... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 15 Jan 2022 · 2 min read अर्धनारीश्वर की अवधारणा...? " अर्धनारीश्वर की अवधारणा " (छंदमुक्त काव्य) ~~°~~°~~° इस कशमकश-ए-जिन्दगी में, इंतजार करते ही रह जाते हैं लोग... एक दूसरे को समझ पाने में, इंतजार की घड़ियाँ समाप्त ही नहीं... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 13 Jan 2022 · 1 min read नफरत की राजनीति... नफरत की राजनीति... °~~°~~°~~ एक प्रश्न आया मन में नफरत की राजनीति कहाँ से और कब से शुरू हुई होगी इस वतन में... ये धरा गगन तो देवों की और... Hindi · कविता 8 6 957 Share मनोज कर्ण 12 Jan 2022 · 1 min read कुछ आदतों में हम अभी बच्चें है... कुछ आदतों में हम अभी बच्चें है... ~~°~~°~~° रेत के घरौंदें बना, हम ख्वाब बुना करते हैं । रेत तो समुन्दर का था, बहा ले गया। और हम किनारे बैठ... Hindi · कविता 4 2 472 Share मनोज कर्ण 12 Jan 2022 · 2 min read कल रहूँ ना रहूँ... कल रहूँ ना रहूँ °~°~°~°~° कल रहूँ ना रहूँ... पर ये ख्वाब अभी बाकी है… जिंदगी ढलने को करीब है, पर ये ख्वाब अभी बाकी है, हसरतों से भरी जिंदगी... Hindi · कविता 4 2 545 Share मनोज कर्ण 10 Jan 2022 · 2 min read यादों के झरोखों से... यादों के झरोखों से... °~°~°~°~° यादों के झरोखों से , कुछ सुनहरी यादें है, बीते हुए लम्हों की अनकही ज़ज्बातें है। फूस की झोपड़ियों में, गुजरा था बचपन का कोना,... Hindi · कविता 7 2 3k Share मनोज कर्ण 10 Jan 2022 · 1 min read विजय गाथा... विजय गाथा... ~~°~~°~~° बिगुल बजा है सतयुग का , संवाद पहुँचाओ जन-जन तक । युद्ध रणभेरी बज उठी है , प्रहार करो हर दुर्जन तक । कुरुक्षेत्र अब है, सज... Hindi · कविता 4 5 1k Share मनोज कर्ण 8 Jan 2022 · 2 min read गोल चश्मा और लाठी... गोल चश्मा और लाठी... ~~°~~°~~°~~ गोल चश्मा और लाठी... सारी दुनियाँ बल खाती। पर कहां था वो जज्बा , जो मन की दूरियाँ मिटाती । घर का मुखिया यदि ,... Hindi · कविता 5 2 1k Share मनोज कर्ण 4 Jan 2022 · 1 min read सपने श्रीकृष्ण के... सपने श्रीकृष्ण के... ~~~°~~~°~~~ कलियुग में अब कंस को भी, श्रीकृष्ण के सपने आने लगे हैं। चक्र सुदर्शन के भय से जो, कंस भी देखो घबराने लगे हैं। कहाँ गया... Hindi · कविता 6 4 839 Share मनोज कर्ण 2 Jan 2022 · 1 min read वैराग्य ज्ञान... वैराग्य ज्ञान ~~°~~°~~° पोथी पढ़ पंडित हुआ, अहं घिरा चहुंओर । वैराग्य ज्ञान उपजा नहीं, तो जीवन पटल घनघोर। मोहरूपी मदिरापान कर , मतवाला मनुज मतंग है । कालचक्र पहिया... Hindi · कविता 4 726 Share मनोज कर्ण 1 Jan 2022 · 2 min read मुर्गा बेचारा... मुर्गा बेचारा ~~°~~°~~° मुर्गा बेचारा, देशी प्रजाति का, मस्त और इन्द्रधनुषी रंगों से सराबोर, ऊपर में बदलाव का लाल टोपी पहने हुए, सबके दिलों का प्यारा, सुबह-सुबह बांग देने में,... Hindi · कविता 9 4 1k Share मनोज कर्ण 31 Dec 2021 · 2 min read सपने में बंदर... सपने में बंदर ~~°~~°~~° रात को मैंने, सपने में बंदर को देखा था, झुण्ड में बंदर, दात किटकिटाते हुए, मनुष्य के बच्चों की भोजन की थाली में से, खाने को... Hindi · कविता 6 4 654 Share मनोज कर्ण 29 Dec 2021 · 1 min read पहचान... पहचान °~°~°~°~° मानव तन अपनी आत्मा से प्रश्न करता है _ आते हैं सब मुसाफिर बनकर , सफर कब तक अविराम चलेगी..? नजर मुझे,कब आएगी मंजिल , यात्री को कब... Hindi · कविता 8 4 1k Share मनोज कर्ण 28 Dec 2021 · 1 min read असीम जिंदगी... असीम जिंदगी... ~~~~~^~~~~ सम्भावनाएं असीम था जग में , क्षण में ही,वो सिमट सा गया है । औरों के गुनाहों की सजा को , किस क़दर वो क़बूल किया है... Hindi · कविता 4 2 903 Share मनोज कर्ण 26 Dec 2021 · 2 min read धर्म बला है...? धर्म बला है...? °°°°^°°°° कोई कहता, ये धर्म बला है, कोई कहता, धर्म अफीम या शोला है। पर सच्चाई बयां करती ये दूनियांँ , ये न तो बला है और... Hindi · कविता 5 8 1k Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 1 min read ठिठुरती सर्दी ठिठुरती सर्दी ~^~^~^~^~ ठिठुरती सर्दी में, खुले नभ के तले, दुश्वार जिन्दगी, दो वक्त की रोटी पर भारी। ठिठुरती ठंढ रातें, गहरी वेदना में जम गई, शोणित प्रवाह। क्यों है... Hindi · कविता 3 716 Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 1 min read गुलामी के पदचिन्ह गुलामी के पदचिन्ह ~~^~^~~~~~~~ गुलामी के पदचिन्हों पर चलना , क्यों जरूरी है... ? जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाना , फूंक मार फिर इसे बुझाना , क्यों जरूरी है... ? झूठी... Hindi · कविता 8 8 1k Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 2 min read कौन था वो ?... कौन था वो ?... ~^~^~^~^~ कौन था वो ? जिसने चोट की, हमारी अंतरात्मा पर ? जिसने वेद, गीता व पुराण को, दरकिनार कर दिया। हिन्दुस्तान के जमीं पर ही... Hindi · कविता 6 6 1k Share मनोज कर्ण 20 Dec 2021 · 1 min read दुआओं का असर... दुआओं का असर... °~°~°~°~° शिक्षा से तो सिर्फ ज्ञान बढ़ता है , किस्मत तो अर्जित होता है, संस्कारयुक्त कर्मों से । मत भूलो माता-पिता का मोम सा दिल तुम ,... Hindi · कविता 6 6 553 Share मनोज कर्ण 19 Dec 2021 · 1 min read भूल जाओ इस चमन में... भूल जाओ इस चमन में... °^°°^°°^°°^°°^° भूल जाओ इस चमन में... इंसाफ की फरियाद करना । ग़र दौलत है तुम्हें तो , न्याय की घंटी बजाना । ब्रिटिशराज कानून अभी... Hindi · कविता 4 2 818 Share मनोज कर्ण 18 Dec 2021 · 1 min read दुःशासन आज भी हँस रहा... दुःशासन आज भी हँस रहा... ~~~^^^~~~~~~^^^~~~~ दुःशासन आज भी हँस रहा, उसके अट्टहास की गूंज, चारो दिशाओं में गूँज रही, पर देश का दुर्भाग्य है कि, वो तेरे कानो में... Hindi · कविता 5 4 558 Share मनोज कर्ण 18 Dec 2021 · 1 min read बेआबरू थे हम... बेआबरू थे हम... ~~~~~~~~~~~~ बड़े बेआबरू थे हम तो... वर्षों जुल्म को पहचाना नहीं । हम पास खड़े मुस्कराते रहे , वो चेहरे की मासूमियत को चुराते गए । खींच... Hindi · कविता 7 4 773 Share मनोज कर्ण 17 Dec 2021 · 1 min read सत्य छिपता नहीं... सत्य छिपता नहीं... °°°°°°°°°°°°° सत्य जब छिपता ही नहीं, सत्य पर पहरा लगाते क्यों तुम । मैं तो सत्य बोलुंगा ही , चाहे जंजीरों में जकड़ लो तुम । झूठ... Hindi · कविता 4 4 1k Share मनोज कर्ण 16 Dec 2021 · 1 min read बेमुरव्वत है दिल का कोना... बेमुरव्वत है दिल का कोना... बेमुरव्वत है दिल का कोना , इख़्तिलात फिर हो, क्यों करते। आईना भी दरक गया है जो , फ़रामोशी को सहते-सहते । मुहब्बत का खुमार... Hindi · कविता 3 717 Share मनोज कर्ण 15 Dec 2021 · 1 min read जिंदगी का फ़लसफ़ा जिंदगी का फ़लसफ़ा ~~~~~~~~~~~~~~~ ये जिंदगी का फ़लसफ़ा , आसाँ नहीं समझना । वो शख्स नसीबोंवाला , जो खुद को है जीत पाया। वक़्त के नाजुक हाथों से , जिंदगी... Hindi · कविता 6 6 1k Share मनोज कर्ण 14 Dec 2021 · 1 min read शिक्षा संग यदि हुनर हो... शिक्षा संग यदि हुनर हो, तो जीवन पथ सुगम हो । सँवरे भविष्य तरुण का , जीवन में कभी ना गम हो । नन्हां बया का घोसला , गज़ब की... Hindi · कविता 5 2 872 Share मनोज कर्ण 12 Dec 2021 · 1 min read कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते... कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते... कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते, मिलते हैं दुश्मनों से गले, छिप-छिप के जो , कहते हैं वफादारी, सरेआम नहीं होते ।... Hindi · कविता 9 4 1k Share मनोज कर्ण 9 Dec 2021 · 1 min read वो हैं , छिपे हुए... वो हैं , छिपे हुए... °°°°°°°°°°°°°° वो है , छिपे हुए... कुछ इस तरह से मकान में। पहचानना मुमकिन नहीं , अपने वतन हिन्दुस्तान में । मेरे लहु में जोश... Hindi · कविता 7 8 1k Share मनोज कर्ण 7 Dec 2021 · 1 min read मन का ज्योतिपुंज मन का ज्योतिपुंज ✨✨✨✨✨ मन का ज्योतिपुंज सजा लो, जो जग को उजियारा करे । किसी इष्ट को दिल से भज लो, जो मन को है प्यारा लगे । दिल... Hindi · कविता 4 564 Share मनोज कर्ण 3 Dec 2021 · 1 min read कलकल बहती माँ नर्मदा ! कलकल बहती माँ नर्मदा ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कलकल बहती माँ नर्मदा , निश्चल छलछल अविरल धारा । अमरकंटक शिखर से वो निकलती , पूरब दिशा से पश्चिम को बहती । धरा पर... Hindi · कविता 4 10 1k Share मनोज कर्ण 1 Dec 2021 · 1 min read संविधान की शपथ संविधान की शपथ ~~~~~~~~~~~~~~~ संविधान की शपथ लेते है सब जन , पर पृथक विधान हैं हम सब के लिए । सम् विधान कैसे हुआ बोलो , जब अलग विधान... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 30 Nov 2021 · 1 min read नेपोभाटिन नेपोभाटिन ~~~~~~~~~ आब बनब हम नेपोभाटिन , ककरो किछु नहिं सुनब अब हम । घर-अंगना पोछैत भरि दिनहिं , देह हमर थकुचायल अछि । बर्तन बासन करैत यौ सजना ,... Maithili · कविता 1 324 Share मनोज कर्ण 28 Nov 2021 · 5 min read श्रीराम गाथा श्रीराम गाथा ~~~~~~~~~ कई युग आए और चले गए , श्रीराम प्रभु सा,कोई हुआ नहीं । होते हैं वीर महान पुरुष , पर अन्तर्मन कोई छुआ नहीं । धन्य अयोध्या... Hindi · गीत 17 16 5k Share मनोज कर्ण 22 Nov 2021 · 1 min read सुमिरन अहींक करै छी हम... सुमिरन अहींक करै छी हम (मैथिली गीत) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ जय माँ अंबे, जय जगदम्बे, सुमिरन अहींक करै छी हम। माता भवानी, माँ कल्याणी! नाम अहींक बस लैअ छी हम। जय माँ... Maithili · कविता 1 324 Share मनोज कर्ण 22 Nov 2021 · 1 min read अन्तर्मन आह्लादित है,.. अन्तर्मन आह्लादित है,.. (विदाई संदेश) °°°°° (मेरी प्यारी भतीजी सौभाग्यवती सोनम के लिए) अन्तर्मन आह्लादित है,.. साज दिल में बज रहें हैं। पर तेरे बिछुड़ने के गम में, मन के... Hindi · कविता 5 615 Share मनोज कर्ण 17 Nov 2021 · 1 min read मिथिला के बदलैत संस्कार... मिथिला के बदलैत संस्कार... कि कहु आब मिथिला के संस्कार , बदलैत जा रहल अछि अपन व्यवहार । गाम-घर,डीह सब भेल अनजान , बिसरल भगवती आओर ब्रह्मस्थान। भेल संक्षिप्त आब... Maithili · कविता 4 702 Share मनोज कर्ण 14 Nov 2021 · 1 min read कतहुं नहिं देखलहुँ... कतहुं नहिं देखलहुँ... कतहुं नहिं देखलहुँ, दूर गगन सऽ पार क्षितिज तक, हुनका नहिं पयलहुँ । भयाकुल भ सगरो हम खोजिलहुँ , पोछा कऽ घर-दुआर सजाकऽ , फूल-प्रसाद आओर अछिंजल... Maithili · कविता 1 407 Share मनोज कर्ण 9 Nov 2021 · 1 min read प्रेम का आँगन प्रेम का आँगन °°°°°°°°°°°°°° तल्खियां नफरत भिंगोकर, स्वार्थ का संसार रचते । हसरतें मोहित भंवर को , प्रेम का आंँगन समझते। पीठ में खंजर चुभोकर , दहशतों का मंजर बनाते... Hindi · कविता 7 6 1k Share मनोज कर्ण 6 Nov 2021 · 1 min read एक आरज़ू दिल में बसी है... एक आरज़ू दिल में बसी है... फ़िज़ा भी वही है, शमा भी वही है, वही शम-ए-महफ़िल,सजाई गई है। वही जुस्तजू है, वहीं दिल की धड़कन, कातिल निगाहें बिछाई गई है... Hindi · कविता 6 6 642 Share मनोज कर्ण 4 Nov 2021 · 1 min read खास दीवाली आई है’...? खास दीवाली आई है... ¬°¬°¬°¬°¬°¬° बहुत हो गया रोना-धोना, अब तो तुम एतबार करो । आग लगाई है जिसने भी, उसपर ही,तुम अब वार करो। मंहगाई की मार झेलती, जनता... Hindi · कविता 5 10 936 Share मनोज कर्ण 2 Nov 2021 · 1 min read अंतर दीप जले ? अंतर दीप जले ? ¬°¬°¬°¬°¬°¬° अंतर दीप जले जब मन में, अंधियारा दूर करे जीवन में... शुद्धभाव अवचेतन मन से , सूक्ष्मजगत के तार जुड़े हैं । जड़ चेतन,ब्रह्मांड जगत... Hindi · कविता 5 6 1k Share मनोज कर्ण 25 Oct 2021 · 1 min read वो महान क्यों ?... वो महान क्यों ?... ^^^^^^^^^^^ ज़ख्म दिया था जिसने हमको, उस पर ही मेहरबान हुए , जिसने की थी बर्बरता इतनी, उसको ही हम महान कहे । ऐसी भी क्या... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 17 Oct 2021 · 1 min read सोन चिरैया... सोन चिरैया... ^^°°°°°°°°°^^ एक अनमोल ख्वाब छुपाए बैठा था , देश मेरा भारत महान । बनेगा फिर से सोने की चिड़िया ये मेरा नया हिन्दुस्तान । ईजी ऑफ डूइंग बिजनेस... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 12 Oct 2021 · 2 min read मैं तो सड़क हूँ,... मैं तो सड़क हूँ,... ~~~~~~~~~~~~~ मैं तो सड़क हूँ, मुझे जाम न करो , यूंँ ही खुलेआम बदनाम न करो... मेरी परेशानियों से तो सब ही वाकिफ़ है , जानकर... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 10 Oct 2021 · 2 min read कुछ मत कहो... कुछ मत कहो... ~~~~~~~~~~~ कुछ मत कहो... जब सुनने को कोई तैयार नहीं , अपनी ही धुन में है सब , अब बन्दगी दीदार नहीं। प्रेम की भाषा तो बेअक्ल... Hindi · कविता 4 640 Share मनोज कर्ण 5 Oct 2021 · 2 min read अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...? अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...? जिसने तुम्हारे खून पसीने की कमाई, सदा ही मिल बांट कर खाई, तेरे मेहनत की कमाई से, अपनी महलें है बनवाई । समझो तो सही,वो आढ़तिया... Hindi · कविता 6 8 1k Share मनोज कर्ण 3 Oct 2021 · 1 min read पितृपक्ष पितृपक्ष °°°°°°°° फल्गु नदी का पावन तट हो , साथ में वृक्ष अक्षयवट हो। पितृपक्ष पखवाड़े में पुण्यतिथि देख , हम पितरों को तर्पण करते हैं। अंजुलि में जल पुष्प... Hindi · कविता 4 4 621 Share Previous Page 5 Next