jyoti jwala Language: Hindi 648 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक “औरों को अपने शब्द से पहचान बेहतर चाहिए, कविताओं में उन्हें क़ब्रिस्तान बेहतर चाहिए, मेरी रचना है नही मोहताज़ वाह वाही कि, मुझको तो केवल ये हिन्दोस्तान बेहतर चाहिए “ Hindi · मुक्तक 238 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक हैं दास्ताँ निराळी, दुनिया की दास्ताँ में, यदि शँख में है जादू, तो रंग हैं अजाँ में नादान हैं वो यारों जो जानते नहीं हैं, मेरे वतन की ख़ुशबू ,फैली... Hindi · मुक्तक 245 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " आशियाँ तुम भी बुनो बिजली के तेवर के लिए, जिस तरह हमने चुना, अपना कफ़न सर के लिए, आईना बनकर खड़े हो जाएंगे हम सामने, वो फिर नहीं उठ... Hindi · मुक्तक 257 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक "माँ भारती के लाल का कमाल देखिए, आसमां से फेंका दुश्मनों पे जाल देखिए, बैठे हैं पड़ोसी अब तो तिलमिलाए से, अब मुल्क में मचा है क्या धमाल देखिए " Hindi · मुक्तक 262 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक वो संघर्ष की भट्टी में सौ -सौ बार दहता है तब कहीं जाकर के वो इन्साँ शेर बनता है, तू है गीदड़ बात पर तेरी करे विश्वास क्या ? तू... Hindi · मुक्तक 316 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक "खेलता है खेल बेहतर यार वो जज़बात का, काफिला है साथ उसके झूठ की बारात का, बात ये मालूम उसको कौन जीता कौन हारा, फैसला करता जुबानी जंग से शह... Hindi · मुक्तक 626 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " गद्दारों की हर बात वही है उनकी तो औकात वही है मज़हब कितने ही बदलें पर बेइमानों की जात वही है " Hindi · मुक्तक 414 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक "नहीं घर की हिफाजत में कोई सियार रखेंगे, नही बुजदिल कोई, हम शेर चौकीदार रखेंगे, यूहीं देश में बेईमान को तुम सर पटकने दो, करे भारत की जो सेवा वही... Hindi · मुक्तक 460 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक रो-रो पाक अब हिंदुस्तां को याद करता है, गंध-ऐ-बारूद अब तक वहाँ के हर घास में है, वो भी मुर्दों में है शामिल सुना आज ये हमने शहंशाह आतंक का... Hindi · मुक्तक 424 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक पहले शख्श कोई और था, यह शख्श दूसरा है, तभी खाक में गिरके मिला तू टूटकर बिखरा है, नक़ाब तेरा हट गया , कोई क्यूँ भरोसा अब करे पतवार तेरी... Hindi · मुक्तक 235 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " रौशन जुगनूओं से मेरी तो हर रात होती है, तन्हा आस्मां की धरती से कुछ बात होती है, कभी भी मेघ रुकते है नहीं बंजर जमीन पर दोस्त सदा... Hindi · मुक्तक 289 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " रिश्ते जुड़ा है मेरा अपनी ज़मीन से, हम जो कहेंगे बात कहेंगे यक़ीन से, रक्खा था मैनें जिसको कभी घर में पालकर, निकला है साँप बन के मेरी आस्तीन... Hindi · मुक्तक 528 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक कमजोर यूँ ही उम्र भर टेकता रह जाएगा, व्यूह अभिमन्यु अकेला भेदता रह जाएगा, क्या लुटती रहेगी बेटियों की असमतें यूं ही सदा कब तलक इक बाप आखिर देखता रह... Hindi · मुक्तक 426 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक बैठे -बैठे सबूत मांगना आसान है, कभी कुछ करके देखो गद्दारों.... " नश्तर हैं ये सिर्फ ज़ुबाँ के वार नही तलवारों के, हाल कहां मालूम किसी को सैनिक के परिवारों... Hindi · मुक्तक 229 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक अब नहीं तुलसी कबीरा ना यहाँ रसखान है, भेड़िये की खाल को ओढ़े हुए इंसान हैं, शूल बिकते हैं यहाँ अब फूल की दूकान पर, धूल की परतों में अब... Hindi · मुक्तक 1 225 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र हो गए, खुशियों से तो अब हमारे दर्द बेहतर हो गए, एक क़तरे भर की आँखों में थी जिनकी हैसियत, अश्क पलकों से निकलते वो... Hindi · मुक्तक 243 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ज़िंदगी सख़्त इम्तिहान में है, बेरूख़ी आज दरमियान में है, जिसके पर नोच डाले थे तुम ने वो परिंदा अभी उड़ान में है Hindi · मुक्तक 508 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक हम सूरज से भी आँख मिला सच्चाई बोलेंगे, कुदरत पर भी आज सियासत छाई बोलेंगे, तेज़ हवा से जो तिनका जा पहुँचा है अम्बर में कह दो कैसे इस ऊँचाई... Hindi · मुक्तक 238 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " सियासत की सभी गहराइयों को नाप बैठे हैं, वही तो देश की धरती पे बन अभिशाप बैठे हैं, वहां उम्मीद क्या होगी सुरक्षा की, कहो तुम ही जहां पे... Hindi · मुक्तक 496 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " हाथ में पतवार ले, तूफ़ान से अब तू न डर, तू अकेले ही कदम, आगे बढ़ा होके निडर, बांध ले सर पे कफ़न, ये जंग खुशहाली की है अंत... Hindi · मुक्तक 249 Share jyoti jwala 19 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " लेखनी, डरना नहीं तू मौत की ललकार से, क्रान्ति लानी है तुझे अपनी नुकीली धार से, जीत पायेंगे वो कैसे ज़िन्दगी की जंग को हार बैठे हौसला जो इक... Hindi · मुक्तक 1 271 Share jyoti jwala 18 Mar 2019 · 1 min read गीत कहने लगे अब वीर सैनिक देश की सरकार से। हम नित्य पत्थर क्यों सहें मत रोकिये अब वार से। हम हाथ में हथियार लेकर खा रहे नित गालियाँ, मरना भला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 598 Share jyoti jwala 18 Mar 2019 · 1 min read कविता एक इशारा...... हम नही भूलें है अब तक आपके व्यवहार को, जानते है खूब हम तो आपके परिवार को, आँख को सपने दिखाए प्यास को पानी, इस तरह करते रहे,... Hindi · कविता 324 Share jyoti jwala 18 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक सियासत की जो भी ज़बाँ जानता है बदलना वो अपना बयाँ जानता है, चलो हम ज़मीं के करें ख़्वाब पूरे हक़ीक़त तो बस आसमाँ जानता है Hindi · मुक्तक 457 Share jyoti jwala 18 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक लाचार क्या होना किसी लाचार के आगे, कई मझधार होते हैं मेरी रफ़्तार के आगे, बिकाऊ कर दिया दुनिया ने जिसको होशियारी से, बिछ जाती है ये दुनिया उसी बाज़ार... Hindi · मुक्तक 294 Share jyoti jwala 18 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक जाने किस-किस को मददगार बना देता है वो तो तिनके को भी पतवार बना देता है इक इक ईंट गिराता हूँ मैं दिन भर लेकिन रात में फिर कोई दीवार... Hindi · मुक्तक 254 Share jyoti jwala 17 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक अब तो यूं सियासत को संभालने लगीं घरों में सांपों को बहन जी पालने लगीं, हुनर लड़ने का जिसने सिखाया था इन्हें देखिए उन पर ही अब रौब झाड़ने लगीं Hindi · कविता 259 Share jyoti jwala 17 Mar 2019 · 1 min read कविता आज भी पुलवामा का घाव हरा है मेरे जीवन में, वीर सैनिकों की यादें बैठी है सब मेरे मन में जो लिपट तिरंगे में घर आए उन सबकी कुर्बानी को,... Hindi · कविता 1 621 Share jyoti jwala 17 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " लेखनी, डरना नहीं तू मौत की ललकार से, क्रान्ति लानी है तुझे अपनी नुकीली धार से, जीत पायेंगे वो कैसे ज़िन्दगी की जंग को हार बैठे हौसला जो इक... Hindi · मुक्तक 1 637 Share jyoti jwala 17 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक वक़्त कैसे दिल दुखाने वाले मंज़र दे गया ज़िंदगी भर के लिए ग़म का समुंदर दे गया दोस्ती के अर्थ हम क्या ख़ाक समझाएँ उसे जो हमारी पीठ में पीछे... Hindi · मुक्तक 619 Share jyoti jwala 15 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र हो गए, खुशियों से तो अब हमारे दर्द बेहतर हो गए, एक क़तरे भर की आँखों में थी जिनकी हैसियत, अश्क पलकों से निकलते वो... Hindi · मुक्तक 1 313 Share jyoti jwala 11 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " जुगनू हवा में लेके उजाले निकल पड़े यूँ तीरगी से लड़ने जियाले निकल पड़े सच बोलना महाल था इतना कि एक दिन सूरज की भी ज़बान पे छाले निकल... Hindi · मुक्तक 242 Share jyoti jwala 11 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक इक न इक दिन हमें जीने का हुनर आएगा कामयाबी का कहीं पर तो शिखर आएगा अपने पंखों को ज़रा तोल के देखो ताइर आस्माँ गुफ्तगू करने को उतर आएगा Hindi · मुक्तक 481 Share jyoti jwala 11 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " घर जल गया तो सारे, निकले कुएँ बनाने, बहरूपिये चले हैं, अब मिल्क़ियत भुनाने, जो लोग ठग रहे थे वर्षों से इस वतन को वो लोग आ रहे हैं,... Hindi · मुक्तक 1 464 Share jyoti jwala 11 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " नश्तर हैं ये सिर्फ ज़ुबाँ के वार नही तलवारों के, हाल कहां मालूम किसी को सैनिक के परिवारों के रीत यही है हर युग की ही नाम बड़ों का... Hindi · मुक्तक 306 Share jyoti jwala 10 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक अन्ध कूपों को गगन कहते हैं क्यों पत्त्थरो ही को सुमन कहते हैं क्यों? नाम लेकर धर्म का अब सिरफिरे अग्निकाकाँडों को हवन कहते हैं क्यों? Hindi · मुक्तक 1 566 Share jyoti jwala 4 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक यादों की भीनी खुशबु सांसो में छा रही है , है दर्मियां जो दूरी वो मुझको रुला रही है, मिल कर तुझसे लगता सारा जहाँ है बदला , अब तो... Hindi · मुक्तक 381 Share jyoti jwala 4 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " रौशन जुगनूओं से मेरी तो हर रात होती है, तन्हा आस्मां की धरती से कुछ बात होती है, कभी भी मेघ रुकते है नहीं बंजर जमीन पर दोस्त सदा... Hindi · मुक्तक 215 Share jyoti jwala 3 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " निज भावों को लिख देती हूँ, जब सुनती हूँ लोगों की बात, मन व्यथित मेरा हो जाता है , जब अपने मुझसे करते घात, लेखन में ही जीवन बसता... Hindi · कविता 1 366 Share jyoti jwala 3 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " गद्दारों की हर बात वही है उनकी तो औकात वही है मज़हब कितने ही बदलें पर बेइमानों की जात वही है " Hindi · मुक्तक 1 213 Share jyoti jwala 2 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक "ज़िन्दगी तू दुख में मुझ को यूँ लगी जिस तरह पंछी परों से हीन हो, किसी पर बेवज़ह उँगली उठे क्यों किसी की बेवज़ह तौहीन हो " Hindi · मुक्तक 496 Share jyoti jwala 24 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक आँखों में मेरे आंसूओं का उम्र भर पहरा रहा, ज़िन्दगी का दर्द से, रिश्ता बड़ा गहरा रहा, दर्द की एक बाढ़ यूँ, हमको बहा कर ले गई या तो हम... Hindi · मुक्तक 1 458 Share jyoti jwala 21 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक " सवालों के जंगल बनाने लगे हैं वो अपनी दुकानें सजाने लगे हैं, हमारे शहर के पुराने लुटेरे नई बस्तियाँ अब बसाने लगे हैं " Hindi · मुक्तक 317 Share jyoti jwala 11 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "उठाया जब कलम हमने दबे जज़्बात लिख डाले, गुज़रते बेबसी मे जो वही हालात लिख डाले, बहुत हैं दूर खुशियों के ठिकानों मुफलिसी मे अब, तलब, आँसू, वो बैचेनी के... Hindi · मुक्तक 313 Share jyoti jwala 10 Feb 2019 · 1 min read शायरी रोज़ मुमकिन नहीं तारे का टूटना मेरी मन्नत पे सूरज उगा दीजीए, दीजिए रुख़सती अपनी दहलीज़ से अपने लब से मुझे बस दुआ दीजीए Hindi · कविता 264 Share jyoti jwala 10 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक सूरज से माँग बैठी उजाले उधार के, अरमान नीचे दब गए कर्तव्य भार के, मुश्क़िल वहीं था मोड़ जहाँ मुड़ न पाए तुम पलटी थी कितनी बार मैं तुमको पुकार... Hindi · मुक्तक 252 Share jyoti jwala 9 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "याद मेरी , गुलशनों की , दास्ताँ बन जाएगी, कोई इक डाली ही, मेरा आशियाँ बन जाएगी, फ़ूल भी, सपने भी इसमें, आस भी, अहसास भी, मेरी खुद की जिंदगी,... Hindi · मुक्तक 240 Share jyoti jwala 8 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक हैं दास्ताँ निराळी, दुनिया की दास्ताँ में, यदि शँख में है जादू, तो रंग हैं अजाँ में नादान हैं वो यारों जो जानते नहीं हैं, अपने वतन की ख़ुशबू ,फैली... Hindi · मुक्तक 255 Share jyoti jwala 8 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "धरती को जगमगाओ ,रौशन करो गगन को, अपने लहू से सींचो ,इस प्यार के चमन को, उनको निकाल फेंको , नफरतों जो बो रहे हैं, सोने की चिड़िया कर दो... Hindi · कविता 297 Share jyoti jwala 8 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक यूं मुस्करा हम मिले इतने दिनों के बाद, आएं हैं दिन बहार के इतने दिनों के बाद , चंचल हवाएं शोख-सी पानी पे तैरतीं, थे दो किनारे यूं मिले इतने... Hindi · मुक्तक 1 267 Share Previous Page 7 Next