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8 Feb 2019 · 1 min read

मुक्तक

“भूला कर ग़म सभी आओ जरा – सा गुनगुनाते हैं,
ख़ुशी में दूसरों की झूम कर हम गीत गाते हैं,
कवायद मत करो यारों किसी को भी बदलने की
सुखी रहने को आओ, खुद में ही बदलाव लाते हैं “

Language: Hindi
218 Views
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