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7 Feb 2019 · 1 min read

होली आई है

“करें जब पाँव खुद नर्तन, तो समझो होली आई है,
हिलोरें ले रहा हो मन, तो समझो होली आई है,

इमारत इक पुरानी सी, रुके बरसों से पानी सी,
लगे बीवी वही नूतन, तो समझो होली आई है,

कभी खोलो हुलस कर, आप अपने घर का दरवाजा
खड़े देहरी पे हों साजन, तो समझो होली आई है,

तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें
उसे छूने का आये क्षण, तो समझो होली आई है,

हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
अगर लगने लगे मधुबन, तो समझो होली आई है,

अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लेने पर,
हवाओं में घुला चन्दन, तो समझो होली आई है “

Language: Hindi
Tag: गीत
506 Views
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