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8 Feb 2019 · 1 min read

मुक्तक

हैं दास्ताँ निराळी, दुनिया की दास्ताँ में,
यदि शँख में है जादू, तो रंग हैं अजाँ में
नादान हैं वो यारों जो जानते नहीं हैं,
अपने वतन की ख़ुशबू ,फैली है इस जहां में,

Language: Hindi
208 Views
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