Mugdha shiddharth Tag: कविता 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Mugdha shiddharth 18 Apr 2020 · 1 min read आदम #आदम जब तक वो भूखा था जब तक वो झुका था जब तक वो रोता था जब तक अपनों को वो खोता था जब तक उसके बदन से पसीने के... Hindi · कविता 1 1 571 Share Mugdha shiddharth 17 Apr 2020 · 1 min read दिल की सुन #प्रेम... चल... तू दिमाग की मान व्यवसाय राजनीति कूटनीति से अर्श को छु ले... मैं... प्रेम प्यार प्रीत मीत के संगीत पे कभी हार चख लेती हूं कभी जीत के... Hindi · कविता 2 409 Share Mugdha shiddharth 16 Apr 2020 · 1 min read आंखों का सरारा लेकर मैं जब भी निकली दो आंखों का शरारा लेकर तुम राह में ही मिले प्यार का गुब्बारा लेकर मैं जानती नही तुमको, तुम मिले भी नहीं मुझ से मिले बिना... Hindi · कविता 2 476 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मैं रखती हुं दिल में जिनको... मैं रखती हूं दिल में जिनको जुबां से उनको काट जाती हूं ? अरी ओ... छुटकी... बड़ी बेकार फितरत है मेरी अपनों को ही डांट आती हूं .? जुबां पे... Hindi · कविता 3 160 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read दिल दिल... तुम दिल को... दिल देती हो दिल... तुम दिल को संभाले रखना ये जो दिल है न... मुहब्बत में इसे खंगाले रखना दिल... दिल को अगर दिल से लगे... Hindi · कविता 1 383 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मेरे हम नफ़स इश्क में कितनी सांसें लूं कितनी सांसें छोड़ दूं क्या इश्क की कश्ती को मझधार में ही तोड़ दूं मेरे हम ख्याल मेरे हम नफ़स अपनी बाहों का हार दे... Hindi · कविता 2 1 392 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read कागा चुग गए मोरे नैनन को कागा चुग गए मोरे नैनन को किस बिध पिया देखूं तोय दो नयनन के अजब खेल में पिया जीते न ही मोय निमिया तले बैठी रही मै कोयल सुनावे पी... Hindi · कविता 2 1 231 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read मैं तुम्हें ढूंढ़ आऊंगी मैं तुम्हें ढूंढ़ आऊंगी फूल - पत्तियों में चांद - सितारों में सतरंगी इन्द्रधनुषी किनारे में न ... तुम कहीं न मिलना क्यूं कि तुम सदैव मेरे ही मन के... Hindi · कविता 1 4 197 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read आग लगे मेरे जी को आग लगे मेरे जी को भूख से जी अकुलाता है नमक - भात के बात पे जनावर मुझ को बनता है। आग लगे मेरे जी को कुछ अब न सुहाता... Hindi · कविता 2 316 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read चांद रातें मेरी उठी और चांद से जा मिली चांदनी ने कहा घर अपने क्यूं नहीं गई ~ पुर्दिल सिद्धार्थ बेचैन रही रात भर मैं तेरे ख्याल में चांद भी साथ... Hindi · कविता 1 384 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read अमृता और साहिर अमृता साहिर के फूके सिगरेट को चुनती रही चुन चुन कर उसे यार की याद में फूंकती रही साहिर अमृता के जुठे प्याली सहेजता रहा होठों के मद्धम पड़े निशान... Hindi · कविता 1 215 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read स्त्री चुप रहो तुम... कई बार सुना मैंने कहते हुए तुम्हें खुली हवा में उड़ना आजाद महसूस करना जीवन की निशानी है पर क्या तुम्हें पता नहीं जिंदा जिस्म में मृत... Hindi · कविता 2 1 226 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read ख़फ़ा हर मोड़ पे कोई न कोई हम से ख़फ़ा है ऐसा लगता है सभी वफ़ा के पुतले में हमीं इक बेवफ़ा हैं अब किस से और क्यूं हम राजदारी करें... Hindi · कविता 2 206 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read भूख हर तरफ बेहीसी का आलम है जिसको देखिए वही पराया है गिर पड़ा हूँ भूख से चकरा कर के लोग कहते हैं के पी कर आया है शिकायतें किस से... Hindi · कविता 2 365 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read कफ़्स ख्वाहिशें तो आसमान नापने की थी जरूरतों ने कफ़्स में ला खड़ा किया मांगती रही रिहाई दिल की चिडैया कफ़्स ने इश्क का वास्ता दे दिया ~ सिद्धार्थ Hindi · कविता 1 1 211 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read एक दूसरे को खा जाएं... जब पेड़ों पे मंजर नहीं, बाझ लगेगा जब नदियों में घोंघा, सीपी, मछली नहीं नमक का ढेला तैरेगा... जब समंदर में जीव नहीं रत्न मिलेंगे जब खेतों के मेडों पे... Hindi · कविता 535 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read कीजिए माफ़ लीजिए अबके गंगा पांच बच्चों की बलि लेकर हो गई साफ़ अब कर दीजिए इन भूखे नगों को भी माफ़ भूख से बड़ी तो कोई लाचारी ही नहीं ताली ठोकने... Hindi · कविता 1 362 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुहब्बत में डूबी दुनियां वो जो मुहब्बत का सौदाई है न, उसे ही तो मैं याद रखूंगी डर बाटने वालों से मुझे क्या, अगले मोड़ पे भूल जाऊंगी ! मेरा भला उन से क्या... Hindi · कविता 3 222 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक साहेब तेरे राज में आदम नंगा हो गया भूखे पेट भी धर्म के नाम पे दंगा हो गया.? ये कौन है जिस ने नफ़्स नफ़्स में जहर भर दिया मुहब्बत... Hindi · कविता 2 1 384 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुहब्बत चुटकी भर मुहब्बत आज भी बचा रखा है तुम्हें खबर नहीं क्या तुझे दिल में बसा रखा है मेरी हम नफ़स तुझे यकीं हो के न हो तेरी दीद ने... Hindi · कविता 2 1 409 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक स्वर्ग से उतारे गए लोगों ने रक्त रक्त में भेद करना सिखाया और रक्त के स्वाद को सबसे उम्दा बताया... ~ सिद्धार्थ 2. मेरे कहने और तुम्हारे समझने के बीच... Hindi · कविता 1 212 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read अपने घर आंगन नहीं गए अपने घर आंगन गए हमें तो जमाने हो गए कंकड़ के शहर के जब से हम दीवाने हो गए कच्चे रास्तों में अब भी उड़ती होगी क्या धूल धूल में... Hindi · कविता 2 2 262 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मौत जिंदगी बोझ सी लगे है मौत में यार मेरा दिखे है सफ़र में थे अब तलक अब अंतिम पड़ाव दिखे है बहुत तनहा रहा अब तलक था जो भी सफ़र... Hindi · कविता 1 2 249 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मूर्तियों ने कभी नहीं कहा मूर्तियों ने कभी नहीं कहा जिन हाथों ने गढा मुझे जिन हाथों ने किया खड़ा मुझे उन हाथों को पकड़ो चूम लो बाजुओं को पकड़ अपना सानिध्य दो एक निवाला... Hindi · कविता 2 3 440 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मै सोचती हुं... मै सोचती हुं... गर किसी दिन आसमान के घने बृक्ष पे फूल लगे और पेड़ों की टहनियों पे चांद सितारे उगे और तुम अचानक सपने से निकल कर सामने आ... Hindi · कविता 2 221 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read दिल लगाए बैठे हैं कोई तुम्हारी गली भी आके फूल फेके हम तो जाना खार से दिल लगाए बैठें हैं अजि महकूमी का तो वाइज़ नहीं दिल मेरा सब्र ये कि फकीरी से हम... Hindi · कविता 3 1 213 Share Mugdha shiddharth 2 Apr 2020 · 1 min read बुझता चाराग हूं मेरे हंथों में वो बात ही कहां साथी छुए किसी पत्थर को और बुत तरास दे अब सहरा भी पूछती है मुझ से नमी का पता किस तरह कहें हम... Hindi · कविता 3 2 426 Share Mugdha shiddharth 2 Apr 2020 · 1 min read बूंद थी में... बूंद थी मैं तो तुम ने दरिया समझ लिया ए दोस्त तुम ने ये क्या से क्या समझ लिय बहुत बेचैन थी मैं कि कोई तो गले मिले हाय... जिंदगी... Hindi · कविता 2 1 420 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read आखरी शख़्स हो क्या ये तुम इतने खुशफ़हम से क्यूं हो दीलजोई को तुम आखरी शख़्स हो क्या? मेरे दिल के दहलीज पे जो धड़का हुआ तुम आज कल मुझ से ख़फ़ा ख़फ़ा हो... Hindi · कविता 2 345 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read चंदू चंदू... मैंने कल एक सपना देखा सपने में तुमको मैंने अपना देखा सपने में जाने तुम क्यूं नांच रहे थे चे - भगत संग कुछ तो बांच रहे थे चंदू... Hindi · कविता 2 2 459 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मेरे शब्द मेरे सारे शब्द झर गए उन्हें खिलने थे फूल बनके महकने तो थे उन्हें साथी हम – हम करके मगर भूख से चिल्लाते कंठो की हृदय भेदी चीत्कार में वो... Hindi · कविता 2 440 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मैं नदी हूं मैं नदी हूं प्रेम हो या घृणा तिनका हो या कंकड़ फुल हो या राख सब को समेट लूंगी खुद में तुम्हें भी बहा ले जाऊंगी दूर तक कि मिल... Hindi · कविता 2 477 Share Mugdha shiddharth 29 Mar 2020 · 1 min read उसका नाम उसके नाम से लिपटा एक एक अक्षर मुझे उतना ही प्यारा है जितना सदियों से जागी आंखों को नींद, रेगिस्तान में भटकते राही को पानी, चातक को बारिश की पहली... Hindi · कविता 2 450 Share Mugdha shiddharth 29 Mar 2020 · 1 min read मैं तुम्हें खुद में मरने नहीं दूंगी जब तक तुम सुन नहीं लेते मेरे जी से तुम्हारे जी की पुकार जो लेता है तुम्हारी हिचकियों में आकार कविता फूटती रहेगी मेरी कलम के लोहे कि ज़ुबान से... Hindi · कविता 2 314 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक जितने भी रहबर मिले हमें सब जोंक ही मिले खून पिया हमारी और हमारी होठ भी सिले ~ सिद्धार्थ बुलाती हुं, मगर कोई अता ही नहीं कोरोना का डर है... Hindi · कविता 1 181 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read खिल जाती हो... खिल जाती हो तुम कहीं भी क्या तुम्हें शर्म आती नहीं पानी - पत्थर घाम - शाम क्या तुम्हें डराती नहीं एक हम हैं जो हुक्कमों से डरते फिरते हैं... Hindi · कविता 3 246 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read घबराते क्यूं हो...??? मैं ही तो हुं जो सब करा रहा हूं घबराते क्यूं हो ? प्रियजनों को पास बुला रहा हूं मुझ से होकर ही आए थे मुझ से होकर ही लौटोगे... Hindi · कविता 2 512 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read सुनो... कुछ कहूं क्या??? सुनो... कुछ कहूं क्या? मत जाओ... गांवों की तरफ़ मत बोओ मौत खुली वादियों में पेड़ पहाड़ नदी नाला, खेत खलिहान सब मर जाएंगे, सब खारे हो जाएंगे जाना चाहते... Hindi · कविता 1 251 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2020 · 1 min read खुद को राधा करेंगे मैं बावरी भई श्याम धुन में श्रृंगार अब हम सादा करेंगे लोग कहे ये पागल पन है हम कहे में कहां बाधा करेंगे क्या कर लेंगे हम ठीक होके जाना... Hindi · कविता 3 229 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2020 · 1 min read तुम मैं तुम्हे शहर भर में ढूंढ़ आई तुम मेरे धडकनों में थे मिले खेलती क्या में तेरी हाथों से तुम तो मेरी लकीरों में न मिले गैर तो न थे... Hindi · कविता 4 1 277 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2020 · 1 min read दिल जिंदा दफन कर दो इसे कि आज कल ये शोर करने लगा है ये जो दिल है न... उस की ओर से धड़कने लगा है कई दिन हुए उस ने... Hindi · कविता 4 1 190 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read उस सुबह हम झूम के नाचेंगे जब भूखे बच्चे भर पेट अन्न को खाएंगे जब माएं अपने बच्चों के जिस्म के चीथड़े न समेटेगी जब घूटी हुई सांसों को लेकर किसान न पेड़ पे लटकेगा स्कूलों... Hindi · कविता 3 214 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read सुखांत सिमट के बैठी है वो एकांत में एक आस है मिलेगा वो एकांत में पंछियों का कलरव कह रहा है कहानी ख़तम नहीं होगी दुखांत में कोपले फूट रही है... Hindi · कविता 2 203 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read मैं शब्द हूं मैं शब्द हूँ मुझे हर बार दफ़नाने की साज़िश होती है जब मैं चुभ जाता हूँ, भीतर तक फिर मैं दबाया जाता हूँ समय के मिट्टी में, अंदर तक फिर... Hindi · कविता 2 2 537 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read मेरी याद क्या मेरी याद में तकिया पकड़ के वो सारी रात सोया होगा तनहाई के आलम में क्या याद मुझे कर के वो भी रोया होगा चुपके सिरहाने अपने क्या विसाल... Hindi · कविता 2 255 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read सुनो... सुनो... जब दुनियां ख़तम होने के मुहाने पे खड़ी होगी तो याद रखना ... कोई पंछी फिर भी आसमां में बिचर रहा होगा कोई बच्चा मां के आंचल में मचल... Hindi · कविता 2 199 Share Mugdha shiddharth 25 Mar 2020 · 1 min read क्या कहा... हमें बचना है ? क्या कहा... हमें बचना है ? खतरे से दूर हमें रहना है ? बताया तो नहीं किस खतरे से ? भूख, लाचारी या... बीमारी कहां जाएं जो बच जाएंगे जीवन... Hindi · कविता 2 451 Share Mugdha shiddharth 25 Mar 2020 · 1 min read औरत महिलाओं ने खुद को होने दिया बाजार का सामान मैं नहीं बता सकती वो पहली महिला कौन थी... कब थी, कहां की थी धरती के किस हिस्से की थी मगर... Hindi · कविता 1 1 447 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मैं भूल जाऊं तो चलेगा मैं भूल जाऊं तो चलेगा तुम मत भूलना मेरे दोस्त हमें कितने सितारे तोड़ने थे हमें साथ में रोशनी के बुर्ज तक जाना था एक दूसरे के साथ ताकि कहीं... Hindi · कविता 4 251 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read चुप हांडी चुप, बटुली चुप ताबा चुप, कड़ाही चुप छोलनी करछूल भी चुप लोटा थारी भी चुप मगर कोई तो बोल रहा था आग में घी घोल रहा था वो कौन... Hindi · कविता 3 308 Share Previous Page 5 Next