Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read प्रेम करती औरतें वेश्या कैसे??? तुमने जितनी बार आंख उठाई सुन्दर औरतों से आंख मिलाई तुमने गर्व से कहा... हाय मुझे पुनः प्यार हो आया उन अनगिनत औरतों ने जिन्हें तुमने प्यार किया प्यार में... Hindi · कविता 5 1 511 Share Mugdha shiddharth 15 May 2020 · 6 min read ICU में "मां" सुबह के शायद ग्यारह बज रहे थे। एम्स के हृदय विभाग में ICU के नीले बन्द दरवाजे को लगभग आधे घंटे से निहार रही थी मैं। नर्स बोल के गई... Hindi · लघु कथा 3 1 433 Share Mugdha shiddharth 14 May 2020 · 1 min read मौत जिंदगी ही लाईलाज रही है अब तक मौत तो नींद में भी चुपके से साथ निभाती है। ~ सिद्धार्थ मौत तो बड़ी आसान रही है सब के लिए जिंदगी ही... Hindi · मुक्तक 4 259 Share Mugdha shiddharth 13 May 2020 · 2 min read अनर्गल_बात... अनर्गल_बात... अभी कल परसों की ही बात है। लॉकडाउन को 50 - 55 दिन हो चुके शायद मैंने गिनना छोड़ दिया है। सुबह का वक़्त था बालकनी में खड़ी थी... Hindi · लघु कथा 5 4 445 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read बुद्ध सबसे पहले बुद्ध ने कहा "मेरी पूजा मत करना,न ही मुझ से कोई उम्मीद रखना, न ही मैं कोई चमत्कार करूंगा, दुख तुमने ही पैदा किया है और उसे तुम्हें... Hindi · कविता 3 443 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read सुनो यशोधरा... #सुनो_यशोधरा_तुम_माता_और_मैं_तो_पुत्र_हुआ_हूं सुनो यशोधरा... वो जो समय का योग बना था आधी रात तुम्हें और राहुल को छोड़ जब मैं गया था प्रेम का बिछोह नहीं... उसी समय तो मैं सिद्धार्थ... Hindi · कविता 3 400 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read मुक्तक ये कौन है जो कहता है जिस्म की दहलीज पे सजदे में झुक रहा हूं मैं मांगने को हाथ न उठे बस इस लिए शब ए जिस्त में मजदूरी कर... Hindi · मुक्तक 4 295 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read पेट_की_भूख बस ये पेट की भूख थी जिसने बारहा रुलाया हमें बैठने को भी जहां कहा न गया वहां भी झुकाया हमें घिसते रहे खुद को हम जिंदगी की चाक पे... Hindi · कविता 4 4 381 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read डर क्या कहा सड़कें लंबी चौड़ी और बड़ी हैं क्या बोलते हो साहब हमने हौसलों से ही नंगे पांव इन्हें नाप दिया है ~ सिद्धार्थ डराओ मुझे कि डरने को ही... Hindi · मुक्तक 1 543 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read बहेलिया सारा खेल तो बहेलिया के बहकाने में ही है तोता को कहां पता होता कि वो कैदी है बहेलिया हाथ दिखता है, मधुर संगीत सुनाता है, दाना खिलाता है जंगल... Hindi · कविता 1 2 234 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read जननी जननी जहां भी रही वहीं पे लुटाया है प्यार एहसासों के बरसने का दूजा नाम है प्यार जननी कभी करती नहीं कभी भेद भाव जहां भी रही सब पे लुटाती... Hindi · मुक्तक 3 2 428 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read याद तुम्हारी याद से जुदा हम कब हो पाते हैं जहां रहते हैं हर उस जगह साथ तुम्हें पाते हैं रहने दो कुछ पहर और यादों में पोशीदा होकर शब ए... Hindi · मुक्तक 2 2 248 Share Mugdha shiddharth 25 Apr 2020 · 1 min read औरत हाय री औरत तेरी तो सदियों से अजब कहानी छाती से बहे दूध आंखों से बहता रहे खारा पानी! भूख से खुद की आंते ऐठ गई हो फिर भी तेरा... Hindi · कविता 2 465 Share Mugdha shiddharth 24 Apr 2020 · 1 min read हबीब मेरी आंखों को उसके सिवा कहां कुछ और नज़र आता वो आयेगा एक दिन मेरे पलकों को चूमने इसी उम्मीद में दिन और रात गुज़र जाता ऐ हबीब मेरी आंखों... Hindi · कविता 1 236 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक तुझ पे जाना आंसू मेरे अभी तक उधार है जब मिलना असल नहीं सूद जरा चुकाते हुए जाना तेरा नाम याद रखना था दिमाग को मैंने दिल को पहरे पे... Hindi · मुक्तक 2 532 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक फ़क़त उसके बांटने से नहीं बटें हम हम में बाटने वाले जिन्न का साया है मैं तो तुझ में तुझ जैसा ही हूं... तूने ही कभी राम कभी रहमान कह... Hindi · मुक्तक 2 230 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक कौन मांगें दो जहां का ऎसो आराम हम तो अपनी ख़ब्ती के कायल हैं ! तुम को दरकार हो तो रख लो खुदा मेरा जी अभी भूखे जिस्म में घायल... Hindi · मुक्तक 1 217 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read चांद चांद चुपके से एक रात तेरे छजजे पे उतर आया होगा तेरी शोख हंसी ने ही उसे मुस्कान का मतलब सिखाया होगा ~ पुर्दिल सिद्धार्थ रात निगलता रहा सूरज को... Hindi · मुक्तक 1 433 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read चल किस्सागोई हम करते हैं... इस दहर में कोई किसी का उस्ताद नहीं शागिर्द बने कोई मेरा मुझ में वो उम्दा बात नहीं चल आ संग संग हम चलते हैं कुछ मै लिखूं, कुछ तू... Hindi · कविता 384 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read चल किस्सागोई हम करते हैं... इस दहर में कोई किसी का उस्ताद नहीं शागिर्द बने कोई मेरा मुझ में वो उम्दा बात नहीं चल आ संग संग हम चलते हैं कुछ मै लिखूं, कुछ तू... Hindi · कविता 257 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read अना 1. तेरे इश्क के खातिर जाना कोरोना से लिपट जाऊं तू आए बीमार का हाल पूछने, और तुझ से लिपट कर तुझे जाने जाना कर जाऊं.? 2. ऊटपटांग लिखना और... Hindi · मुक्तक 1 366 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read मुमकिन है मुमकिन है मैं किसी दिन तुम्हारे बगल से गुजर जाऊं... और तुम्हें पता न चले मेरे गुजर जाने के बाद मेरे सांसों में बसा तुम्हारा नाम हवा में तैरता हुआ... Hindi · कविता 1 418 Share Mugdha shiddharth 19 Apr 2020 · 1 min read आग पतंगा आग पतंगें की तुम ही जानो मै तो बस जलना बुझना जानूं प्रीत पले है दिल में मेरे प्रीतम छलिया है ये मैं क्या जानूं.? 2. इस दहर में कोई... Hindi · मुक्तक 1 323 Share Mugdha shiddharth 19 Apr 2020 · 1 min read हम तुम्हें बुलाने से रहे घर मेरा फकीरों के बस्ती में था रास्ते पथरीले पुराने से रहे तुम उस रास्ते चल के आने से रहे हम तुम्हें बुलाने से रहे अनजाने ही सही तुम से... Hindi · कविता 2 1 253 Share Mugdha shiddharth 18 Apr 2020 · 1 min read आदम #आदम जब तक वो भूखा था जब तक वो झुका था जब तक वो रोता था जब तक अपनों को वो खोता था जब तक उसके बदन से पसीने के... Hindi · कविता 1 1 571 Share Mugdha shiddharth 18 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक दिमाग नहीं दिल को लिए फिरती हूं तभी तो दिमाग वालों को ख़राब लगती हूं ~ सिद्धार्थ 2. न तेरे आने में हम हैं, न तेरे जाने में हम तो... Hindi · मुक्तक 2 438 Share Mugdha shiddharth 17 Apr 2020 · 1 min read दिल की सुन #प्रेम... चल... तू दिमाग की मान व्यवसाय राजनीति कूटनीति से अर्श को छु ले... मैं... प्रेम प्यार प्रीत मीत के संगीत पे कभी हार चख लेती हूं कभी जीत के... Hindi · कविता 2 409 Share Mugdha shiddharth 17 Apr 2020 · 1 min read मा'ज़ूर मैं उस की गली से गुजरी आंखों से मा'ज़ूर हो गई पलकों को धोया नमक से और फिर बेनूर हो गई ~ सिद्धार्थ ऐब ही देखोगे क्या? कोई खूबी भी... Hindi · मुक्तक 5 357 Share Mugdha shiddharth 16 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक गर मयस्सर नहीं खुली धूप तुम को जाना नफ़स - नफ़स में गर मौत कुलबुलाती है तुम अजाबे लॉक डाउन में भी जाना खुशी से अज़ाब की तरह ही रहो... Hindi · मुक्तक 2 405 Share Mugdha shiddharth 16 Apr 2020 · 1 min read आंखों का सरारा लेकर मैं जब भी निकली दो आंखों का शरारा लेकर तुम राह में ही मिले प्यार का गुब्बारा लेकर मैं जानती नही तुमको, तुम मिले भी नहीं मुझ से मिले बिना... Hindi · कविता 2 476 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मैं रखती हुं दिल में जिनको... मैं रखती हूं दिल में जिनको जुबां से उनको काट जाती हूं ? अरी ओ... छुटकी... बड़ी बेकार फितरत है मेरी अपनों को ही डांट आती हूं .? जुबां पे... Hindi · कविता 3 160 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read दिल दिल... तुम दिल को... दिल देती हो दिल... तुम दिल को संभाले रखना ये जो दिल है न... मुहब्बत में इसे खंगाले रखना दिल... दिल को अगर दिल से लगे... Hindi · कविता 1 383 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक काफ़ी है... लहज़े की ही खूबसूरती चेहरा खूबसूरत लेकर क्या करोगे पेचीदा उम्र गुजरेगी जैसे जैसे हसीन सुर्ख चेहरा सादा ही करोगे ~ सिद्धार्थ घर से निकल कर तुम घर... Hindi · मुक्तक 2 245 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मेरे हम नफ़स इश्क में कितनी सांसें लूं कितनी सांसें छोड़ दूं क्या इश्क की कश्ती को मझधार में ही तोड़ दूं मेरे हम ख्याल मेरे हम नफ़स अपनी बाहों का हार दे... Hindi · कविता 2 1 392 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक जहां तेरा, जहां मेरा, जहां इसका उसका जहां - जहां जीवन का वजूद है इश्क हर उस जगह हर हाल में मौजूद है ! ~ सिद्धार्थ बहुत देर भटकने के... Hindi · मुक्तक 2 398 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read कागा चुग गए मोरे नैनन को कागा चुग गए मोरे नैनन को किस बिध पिया देखूं तोय दो नयनन के अजब खेल में पिया जीते न ही मोय निमिया तले बैठी रही मै कोयल सुनावे पी... Hindi · कविता 2 1 231 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read मैं तुम्हें ढूंढ़ आऊंगी मैं तुम्हें ढूंढ़ आऊंगी फूल - पत्तियों में चांद - सितारों में सतरंगी इन्द्रधनुषी किनारे में न ... तुम कहीं न मिलना क्यूं कि तुम सदैव मेरे ही मन के... Hindi · कविता 1 4 197 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read आग लगे मेरे जी को आग लगे मेरे जी को भूख से जी अकुलाता है नमक - भात के बात पे जनावर मुझ को बनता है। आग लगे मेरे जी को कुछ अब न सुहाता... Hindi · कविता 2 316 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read चांद रातें मेरी उठी और चांद से जा मिली चांदनी ने कहा घर अपने क्यूं नहीं गई ~ पुर्दिल सिद्धार्थ बेचैन रही रात भर मैं तेरे ख्याल में चांद भी साथ... Hindi · कविता 1 384 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read अमृता और साहिर अमृता साहिर के फूके सिगरेट को चुनती रही चुन चुन कर उसे यार की याद में फूंकती रही साहिर अमृता के जुठे प्याली सहेजता रहा होठों के मद्धम पड़े निशान... Hindi · कविता 1 215 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read स्त्री चुप रहो तुम... कई बार सुना मैंने कहते हुए तुम्हें खुली हवा में उड़ना आजाद महसूस करना जीवन की निशानी है पर क्या तुम्हें पता नहीं जिंदा जिस्म में मृत... Hindi · कविता 2 1 226 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read प्रीतम कागा चुग गए मोरे नैनन को किस बिध पिया देखूं तोय दो नयनन के अजब खेल में पिया जीते न ही मोय ~ पुर्दिल सिद्धार्थ प्रीत परा था मन के... Hindi · मुक्तक 2 399 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read ख़फ़ा हर मोड़ पे कोई न कोई हम से ख़फ़ा है ऐसा लगता है सभी वफ़ा के पुतले में हमीं इक बेवफ़ा हैं अब किस से और क्यूं हम राजदारी करें... Hindi · कविता 2 206 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read भूख हर तरफ बेहीसी का आलम है जिसको देखिए वही पराया है गिर पड़ा हूँ भूख से चकरा कर के लोग कहते हैं के पी कर आया है शिकायतें किस से... Hindi · कविता 2 365 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read जलियांवाला बाग इश्क हुआ था इसी माटी से इसे ही सर आंखों पे उनको ढोना था इस मिट्टी की तो बात अलग इसी में खेल के जीना था इसे ही ओढ़ के... Hindi · लघु कथा 2 251 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read कफ़्स ख्वाहिशें तो आसमान नापने की थी जरूरतों ने कफ़्स में ला खड़ा किया मांगती रही रिहाई दिल की चिडैया कफ़्स ने इश्क का वास्ता दे दिया ~ सिद्धार्थ Hindi · कविता 1 1 211 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read एक दूसरे को खा जाएं... जब पेड़ों पे मंजर नहीं, बाझ लगेगा जब नदियों में घोंघा, सीपी, मछली नहीं नमक का ढेला तैरेगा... जब समंदर में जीव नहीं रत्न मिलेंगे जब खेतों के मेडों पे... Hindi · कविता 535 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read कीजिए माफ़ लीजिए अबके गंगा पांच बच्चों की बलि लेकर हो गई साफ़ अब कर दीजिए इन भूखे नगों को भी माफ़ भूख से बड़ी तो कोई लाचारी ही नहीं ताली ठोकने... Hindi · कविता 1 362 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक क्या गजब कि मुझ पे मुहब्बत का इल्ज़ाम है मैंने सांस भी ली है उस पे मर जाने के बाद ~ पुर्दिल सिद्धार्थ 2. हर तरफ बेहीसी का आलम है... Hindi · मुक्तक 2 476 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक हर मोड़ पे कोई न कोई हम से ख़फ़ा है ऐसा लगता है सभी वफ़ा के पुतले में हमीं इक बेवफ़ा हैं ~ सिद्धार्थ 2. बड़ी देर तक ताकती रही... Hindi · मुक्तक 1 215 Share Previous Page 6 Next