Comments (4)
7 May 2020 08:08 AM
सच है, सुन्दर रचना ।
धन्यवाद!
Mugdha shiddharth
Author
7 May 2020 03:03 PM
धन्यवाद… आप ने पढ़ा समय निकाल के और जुड़ पाईं मेरे शब्दों के साथ…?
यह तो मुक़द्दर की बात है ।
जो कोई महलों की रोशनी है।
तो कोई झोपड़ियों का च़िराग है।
श़ुक्रिया !
दुखद परन्तु सच यही है
..?