बुद्ध
सबसे पहले बुद्ध ने कहा “मेरी पूजा मत करना,न ही मुझ से कोई उम्मीद रखना, न ही मैं कोई चमत्कार करूंगा, दुख तुमने ही पैदा किया है और उसे तुम्हें ही दूर करना है। मुक्ति दाता नहीं, मैं मार्ग दाता हूं”
मगर किसी ने नहीं सुना, इसे तब से आज तक जिस जिस ने कहा लोगों ने उनके कहे को किताबों में कैद कर उनकी प्रतिमा बना उन्हीं को पूजना आरम्भ कर दिया।
जैसे भवसिंधु से पूजा नाम के पतवार के बिना पार उतरा ही नहीं जा सकता।
कितना अजीब है न ये… बुद्ध ?
~ सिद्धार्थ