Mugdha shiddharth Tag: मुक्तक 326 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम साथ न चल पाए दूर तक, कोई नही हम अकेले भी तो न हुए... मुझमे रहोगे तुम पुर्दिल जिंदगी भर के लिए ! ...सिद्धार्थ २. और क्या था मेरे... Hindi · मुक्तक 357 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मैं उसे खुद में मरने नही दूंगी वो मुझे खुद में जीने नही देगा ! ...सिद्धार्थ 2. कुछ जबाब आये तो हैं जानिब से उनके पर जबाब भी सवाल के... Hindi · मुक्तक 293 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तुम अब दीवार पे ही टांग दो, तसवीर नही तकदीर मेरी तुम्हारी चालाकियों ने नंगा किया है बदन की तहरीर मेरी ! ...सिद्धार्थ २. न धन कमाया न दौलत... Hindi · मुक्तक 445 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. बेहिसों की महफ़िल में लाश मेरी पड़ी रही कागा वो तंगदिल न था सड़न से बचाने को ! ...सिद्धार्थ कई जमाने हुए तू बन याद, दिल के दयार से... Hindi · मुक्तक 2 439 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक 1. तू और तेरी ये मुस्कान, समंदर सी लगती है हमें नदी होकर तुझ में हर बार ही समा जाती हूँ मैं बेटियां कहीं भी चहके बस अपनी सी लगती... Hindi · मुक्तक 2 217 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैंने, ख़्याबों को कभी अलबिदा कहा ही नही क्यूँ कहूँ आँखे हैं, हक है उसका / ये अलग बात... कुछ पुरे हुए कुछ टूट कर बिखर गए... ...सिद्धार्थ २.... Hindi · मुक्तक 3 473 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक साहेब की मन की बात ; हम जान क्या लेंगे किसी का, अपना हाँथ गंदा क्यूँ कर करना है पूज देते हैं हथियारों को नौजवानों को अभी देश भक्त बनना... Hindi · मुक्तक 4 1 250 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. भेजा था एक पैगाम हवा के पर पे तुम्हे मिली थी क्या ...? पूछना था... खुश रहते हो क्या...? मेरे शब्दों से रिश्ता बनाकर... ...सिद्धार्थ २. तुम दूर हो... Hindi · मुक्तक 3 545 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक रंगती रही वो गैरों की दीवारों को निस दिन औलाद के आँसू कर के नजरअंदाज पलछिन बेरंग ही रही वो देहारी न मिली जिस दिन ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 483 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read ईद मुबारक... तुमको सखे अब मैं क्या ही बोलूं , शीशा भी अब सच कहने से डरता है। तुम जब से दूर गए हो चाँद गगन में थकता है तुम जिस दर्पण... Hindi · मुक्तक 3 1 194 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हे पता है क्या,...? क्या ढूंढती हूँ मै,...? बस एक अदना सा वकील जो दिल के दरबार में सुनवाई करवा दे यार से इश्क की गवाही दिलवादे मेरा सुलह करा... Hindi · मुक्तक 3 308 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक वो शब्द कहाँ से लाऊँ, तेरी प्रतिछाया जिसे बनाऊँ एक माँ की जाई हम, आ तेरी परछाईं मैं बन जाऊँ। तू उर में ही मेरे रहती है, कहां कहीं और... Hindi · मुक्तक 3 1 456 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक 1. हम ने कई बार पलट कर देखा था उसे दिल ने यूँ ही सूरज कह दिया था जिसे ! / तेरी तलाश में मैं कहीं भी नहीं हूँ सखे... Hindi · मुक्तक 2 1 193 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक ख़्वाहिशों के धार पे मचलती रही जिंदगी... / सुबह से शाम ... साम से फिर सुबह में ... बदलती रही जिन्दी... *** Hindi · मुक्तक 2 1 387 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक सारे दिन की थकन मैं तुझ पे ही उतार आती हूँ, तेरे खत में पलते शब्द को जब जरा सा निहार आती हूँ जब भी तेरी याद, याद बन सताती... Hindi · मुक्तक 2 1 285 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. कुछ कहना था तुम से, कहो कह दूँ क्या ? तुम यूँ जो रूठे हो, गुदगुदी कर दूँ क्या ? ...सिद्धार्थ २. जरा सा मुस्कुराने के लिए ख्वाइशों का... Hindi · मुक्तक 2 1 370 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक बेवज़ह ही मन में कुछ सपनें करबट बदल रहें हैं हँसुआ और हथौड़े उठाने को हांथ मचल रहे हैं ! ... सिद्धार्थ *** ये जो इंक़लाबी रफ़्तार है अपने ढंग... Hindi · मुक्तक 2 1 410 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैं अजीब कुछ अलग ही किस्सा हूँ तू मुझ में है और मैं तेरा हिस्सा हूँ ! ...सिद्धार्थ २. तमाम रात कुछ ख़्वाब चुनते रहे सुबह की किरणों ने... Hindi · मुक्तक 2 1 237 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक एक चुटकी नमक रखो दिल के ज़ुबान पे ख़ुशियाँ साथ चलेंगी जिंदगी की ढलान पे ! *** कभी अखबारों में सच की सियाही से शब्द फूटते थे आज पैसों के... Hindi · मुक्तक 4 2 272 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक किसी के हिस्से महल आया किसी के हिस्से आई झोपड़ी मुझे फुटपाथ मिला जागीर समझ मार दी हमने चौकड़ी । ...सिद्धार्थ २. गिद्धों ने पर फैलाए हैं जन्नत को अब... Hindi · मुक्तक 2 227 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. बेताब रुह है न तेरी, चिनार से लिपट जाने को बिजली बन गिरेगी, मक्कारी तेरी जला जाने को ! ...सिद्धार्थ *** २. जब तक बेटियों को मांस, खुद को... Hindi · मुक्तक 3 213 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मिट्टी होकर एक दिन मिट्टी में ही तो मिल जाना है धन-दौलत का करना क्या यही तो असली खजाना है । छीना-झपटी, कत्ल-खून से किस को क्या मिल जाना है... Hindi · मुक्तक 3 1 244 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमारा सरपरस्त पस्त हुआ है भूख मिटाने में अख़बार से निकल हमारे हांथ तक आ जा 'भेल-पूरी' चखेंगे हम सब तुझे, बैठ अपने ही गरीब खाने में ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 2 1 374 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्त १. सफ़र बांकी था, बस तुम छूट गए खुशियों से रिश्ता हमारा टूट गए ! ...सिद्धार्थ *** २. सब ने सब्र करना सिखाया उसने बेसब्री से मिलवादीया ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 2 1 436 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तू मिला ही नहीकभी, तो छूटेगा कैसे ...? मुझ में ही जो बसा हो वो टूटेगा कैसे...? ...सिद्धार्थ २. सभी ख़्वाब पूरा नही होता ... तो क्या हुआ... देखना... Hindi · मुक्तक 2 1 353 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. दुनियाँ बहुत खुबसूरत है मेरे बच्चे नफ़रत नही प्यार करना किताबों में ही मिलेंगे रास्ते सच्चे ! ...सिद्धार्थ ***२. बदलते समय में सब कुछ बदल जाता है दिन रात... Hindi · मुक्तक 1 409 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. झुका कर पैरों में अपने, कैद में जूते के इंसान को रखती है क्या अजब की वो... उसपे ख़ुलूस-ए-फ़िक्र और फिर अम्न की भी बात करती है ! ***... Hindi · मुक्तक 3 1 411 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हें मिल जाता होगा चैन कई ठिकाने जो होंगे मेरी तो बेचैनियों की सबब तुम से क्या अब मुझे ये भी, तुमको पुर्दिल बताने होंगे ! ...सिद्धार्थ *** सब ने... Hindi · मुक्तक 2 363 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक दिल को जुबां नही होता, आंखे नही होती, बस धडकने- धडकनों को पहचान लेती हैं मुहब्ब्त जिसको कहते हैं, अंधे - गूंगे दिल की धडकनों में ही अक्सर वो पल... Hindi · मुक्तक 1 189 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक खिलौनों से खेलने की थी हसरत, भूख ने दिल को बड़ा बेज़ार किया रोटी के खातिर मैंने बच्पन की हसरतों को बाज़ार के नाम कर दिया ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 1 498 Share Mugdha shiddharth 7 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक इंसानियत लंगड़ा हुआ धर्म के बाजार में खून की तलब लगी है मज़हबी तलबार में ! ...सिद्धार्थ *** सदा-ए-इंक़लाब की उठी तो पूजीं टिक न पायेगी हर जर्रे से फिर... Hindi · मुक्तक 2 334 Share Mugdha shiddharth 7 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक 'प्यार'... तुम से कैसे कह दूँ प्यार नहीं है हमें बस कहने नही आता जिस तरह आता है तुम्हें ! ...सिद्धार्थ *** तुमने पलट कर कुछ तो कहा फिर, जहाँ... Hindi · मुक्तक 1 388 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read शायरी हम अपनी आद्तों से न जाने कब तक बाज आएंगे किसी की मर्जी हो के न हो हम आवाज़ उठाते जायेंगे। हम अकेले वो नहीं जो इस दहर में दफ़नाये... Hindi · मुक्तक 3 1 372 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक बड़े सलीके से दबा रखा था, 'इश्क' को दिल कि संदूकची में वो बाज़ीगर निकला, दिल ले गया दर्द का दरिया दे गया ! ...सिद्धार्थ २. ये इश्क मेरा शराब... Hindi · मुक्तक 1 273 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हारी ख़ामोशी का मलाल नही बस अपनी साफगोई से डरती हूँ कहीं किसी रोज पलट के न कह दूँ जा तुझे अब मैं आजाद करती हूँ ! ...सिद्धार्थ २. नए... Hindi · मुक्तक 2 1 399 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तन को जंजीरों से तो बांध भी सकते हैं, मन को किसी बिधि न साधा जायेगा, बाजु कटे तो कट जाये, सर भी डाला जायेगा और नहीं तो रूह... Hindi · मुक्तक 2 212 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमने ठोकरों में रखा है एहसास-ए-मसर्रत को तुम्हें गर दरकार हो इसकी तो लेते हुए जाना ! ...सिद्धार्थ २. दिल से याद कर मगर फ़रियाद न कर दिल कि बातों... Hindi · मुक्तक 1 405 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. अपने कई ताज़ा जख़्म खुला छोड़ रखा है मैंने नमक के सौदागर हो तो मल जाओ जख़्मों पे ...सिद्धार्थ ***२. था भरा उपवन सारा रंग बिरंगी फूलों से मैंने... Hindi · मुक्तक 1 417 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक पत्थरों की सोहबत ने पत्थर का ही बुत बनाया मुझ को बिछड़ के तुझ से रोया था, क्या पत्थरों ने बताया तुझ को ! ...सिद्धार्थ *** ख्वाबों के टूटने से... Hindi · मुक्तक 1 201 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक ! चूल्हे में डालो बंदूकों को, प्यार की रोटी सिक जाने दो धर्म की बातें छोड़ गरीबी-भुखमरी की बातें हो जाने दो। मुंसिफ हुई है जो सरकार उसे प्रतिकार का महत्व... Hindi · मुक्तक 2 393 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक एक किताब से दूसरे तक जाते-जाते नट सी हो जाती हूँ मैं अल्फ़ाजों के भँवर में कभी-कभी उलट पलट हो जाती हूँ मैं ! ...सिद्धार्थ दोस्तों के दोस्त हैं ये,... Hindi · मुक्तक 1 370 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक अबकी राख से आग होने का सोचा है, ये न कर, मुझ से मेरी औकात न पूछ । माँ बहनों की आन-मान के लिए, ताव देख मेरी, देख न मेरी... Hindi · मुक्तक 3 423 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैं कभी कसी दोस्त बनने न पाई पुर्दिल कोई सांस-सांस में दोस्त बन पल रहा है ! ...सिद्धार्थ २. समय के नर्म रेत पर एक दिन यूँ ही गुजर... Hindi · मुक्तक 2 258 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तुम गलतियाँ करते रहो हम सुधार देंगे मुहब्बत है तुम से, कैसे तुम्हें उजाड़ देंगे। २. हमने तो मुहब्बत को अलफाज बना कर जज्बात अपने बिखेरे थे कहाँ पता... Hindi · मुक्तक 3 1 272 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे जिस्म के गली में तुमने जश्न मनाई थी मार कर मुझको, मुझ में मेरी कब्र बनाई थी ! ...सिद्धार्थ *** सांप की बांबियों को तुम दूध पिलाते हो ?... Hindi · मुक्तक 415 Share Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. फूलों के जन्मदिन को कब उत्स्वित किया जाता है दिल की बातें हैं शब्दों से सोपान कहां दिया जाता ! ...सिद्धार्थ *** २. कुछ मेरे हिस्से केख़्वाबों को तुम्हारा... Hindi · मुक्तक 1 1k Share Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. लिख-लिख कर सफ़हे से मिटाया जा रहा है, कुछ तो एहसास बचा है जिसे छुपाया जा रहा है ! ...सिद्धार्थ *** २. बस एक आश लिए बैठी हूँ काश... Hindi · मुक्तक 1 198 Share Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मुन्सिफ़ हुए थे वो, हम आवाम की आवाज ठहरे सच को सज़ा भी हुई थी, लगाए गए थे खूब पहरे। न हम रुके, न ही खरीदे गए न गालियों... Hindi · मुक्तक 1 327 Share Mugdha shiddharth 1 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैंने सोचा है... रुह के दीवानखाने में रख लूँ तुम्हें,... किरायेदार बनाकर पहले कहो तो... मकां पसंद आया... *** २. वो मुझ में मेरा हिस्सा बन के ही छूटा... Hindi · मुक्तक 309 Share Mugdha shiddharth 1 Aug 2019 · 1 min read तीन मुक्तक १. बहुत खाये- अघाये हो तुम, बहुत ज़्यादा मैं भी भूखी हूँ करूँ क्या मैं… ? मुझ तक पहुँचने वाली, रहमत की हर नदी ही सूखी है ! २. जीता... Hindi · मुक्तक 397 Share Previous Page 6 Next