मुक्तक
१.
तू मिला ही नहीकभी, तो छूटेगा कैसे …?
मुझ में ही जो बसा हो वो टूटेगा कैसे…?
…सिद्धार्थ
२.
सभी ख़्वाब पूरा नही होता …
तो क्या हुआ… देखना छोड़ दूँ क्या
ख़्वाब व्यापर भी तो नही होता !
…सिद्धार्थ
१.
तू मिला ही नहीकभी, तो छूटेगा कैसे …?
मुझ में ही जो बसा हो वो टूटेगा कैसे…?
…सिद्धार्थ
२.
सभी ख़्वाब पूरा नही होता …
तो क्या हुआ… देखना छोड़ दूँ क्या
ख़्वाब व्यापर भी तो नही होता !
…सिद्धार्थ