Santosh Shrivastava 757 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Santosh Shrivastava 25 Nov 2019 · 1 min read सीख जिन्दगी में देती है सीख हर ठोकर जिन्दगी में बच कर चलना है सड़क के पत्थरों से जिन्दगी में लो सबक हर संकट से जिन्दगी में संभल कर उठो, चलो जिन्दगी में... Hindi · कविता 1 134 Share Santosh Shrivastava 23 Nov 2019 · 1 min read प्रेम बिन जीवन अधूरा होता बड़ा मासूम प्यार जिससे हुई आंखे चार प्रेम पंख उड़ने लगते तोड़ो मत दिल किसी का बड़ा नाजुक यह होता है टूटता है दिल जिसका जानता वही कीमत प्यार... Hindi · कविता 1 340 Share Santosh Shrivastava 22 Nov 2019 · 1 min read उड़ा तिरंगा (सेदोका) विधा - वर्ण क्रम 5 /7/7/5/7/7 उड़ा तिरंगा बर्फीली पहाड़ियाँ बढते है कदम विजयी राह शत्रु हुआ तबाह ऐ माँ तुझे सलाम स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 415 Share Santosh Shrivastava 22 Nov 2019 · 1 min read सफर जिन्दगी का करते अपना पराया जिन्दगी यूँ ही गुजर जाती है आया खाली हाथ है खाली ही चला जाता है ऐ जिन्दगी तू इतनी भी हंसीं नहीँ है कि अपना पराया करते... Hindi · कविता 508 Share Santosh Shrivastava 21 Nov 2019 · 1 min read अरमान अरमान भरे इन्तजार भरे खुशियों भरे होते है वह दिन शादी के बाद जब सुनती बहुरिया गोद भरी है उसकी सहती नौ महिने कष्ट अनेक पल रही संतान गर्भ में... Hindi · कविता 211 Share Santosh Shrivastava 20 Nov 2019 · 1 min read रस्मों का महत्व ईश्वरीय विधान है न्यायपूर्ण "जैसे कर्म करेगा इन्सान वैसा फल वो पायेगा" रखे इसे ध्यान में इन्सान सुखमय जीवन कट जायेगा काम हो जो विधि विधान से सफल होता वह... Hindi · कविता 334 Share Santosh Shrivastava 20 Nov 2019 · 2 min read जीवन दान "रात के दो बज रहे है , आईसीयू में लाईफ स्पोर्ट्स मशीनों की आवाजें वातावरण को भयावह बना रही थी । संगीता चार दिन से यहाँ एडमिट है एक सडक... Hindi · लघु कथा 1 651 Share Santosh Shrivastava 19 Nov 2019 · 1 min read लाचारी लाचार हो गयी है बेबस हो गयी है आज अन्तरात्मा और उसकी आवाज कितना हल्का बना दिया है आज इसे कितना झूठा बना दिया है इसे अन्तरात्मा के नाम पर... Hindi · कविता 1 190 Share Santosh Shrivastava 18 Nov 2019 · 1 min read बुढापा - मजबूरी नहीं मन के हारे हार है मन के जीते जीत कम मत होने दो उत्साह मन में खुश रहो संतुलित खाओ घुमो फिरो व्यायाम करो नाती पोतों के साथ मस्त रहो... Hindi · कविता 1 206 Share Santosh Shrivastava 18 Nov 2019 · 1 min read एक विडम्बना परेशान इन्सान रसातल में जाती इन्सानियत दुषित पर्यावरण फैलता प्रदूषण हर जगह भीड़ बढती मंहगाई विदेशों का चस्का उपेक्षित माता पिता भरते वॄध्दाश्रम खाली होते गाँव पलायन शहर कम होते... Hindi · कविता 1 399 Share Santosh Shrivastava 16 Nov 2019 · 1 min read खंडित संस्कार इतने आधुनिक होते जा रहे है हम भूल रहे अपने संस्कार संस्कृति न कोई तमीज न ढंग की कमीज होते जा रहे बच्चे मनमौजी न माँ बाप की चिंता बस... Hindi · कविता 1 248 Share Santosh Shrivastava 15 Nov 2019 · 1 min read लौटे पंछी बने घरोंदा आये साँझ पंछी अपने उड़ी धूल गोधुली बेला लौटें बछड़े गायों पास नौकरपेशा पति पत्नी बच्चे अकेले उम्मीद यहीं आये साँझ मिलन हो सुखद परदेस बसे बच्चे माता... Hindi · कविता 1 1 252 Share Santosh Shrivastava 14 Nov 2019 · 2 min read अपनों का धोखा आज वॄध्दाश्रम में दो वरिष्ठ नागरिक आयी है । वह सबसे मिल रही है और अपना परिचय दे रही है, उनमें एक कमला देवी और दूसरी रमा देवी है ।... Hindi · लघु कथा 1 320 Share Santosh Shrivastava 14 Nov 2019 · 1 min read मेरा बचपन बचपन ही ऐसा है जो भूले नहीं भूलता है अम्मा की चूल्हे पर बनी सौंधी रोटी याद आती है गल्ली डंडे की चोट पुराने साईकिल के पहिये को दौडना याद... Hindi · कविता 1 232 Share Santosh Shrivastava 13 Nov 2019 · 1 min read मेरा भारत महान 1 मेरा भारत अमन भाईचारा देखे दूनियां 2 बसे भारत रामलला अयोध्या पावन भूमि 3 कश्मीर स्वर्ग बना ताज भारत जय हिन्दोस्तां स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · हाइकु 391 Share Santosh Shrivastava 13 Nov 2019 · 1 min read जिंदगी गुमनाम गुमनाम जिन्दगी जीने का भी अलग ही मजा है दोस्तों न दरवाजे पर कुंडी न खट खट न खट पट है बहुत बडी दुनियां वो कहीं गुमनाम हो गये उम्मीद... Hindi · कविता 212 Share Santosh Shrivastava 12 Nov 2019 · 1 min read चोट (पिरामिड विधा) 1 दी चोट उसने तन जख्मी बोल कड़वे टूटा दिल मेरा खंजर सा आघात 2 है चोट बेवफा तड़पाती तन मन को मरहम प्यार का दे जीने की ललक स्वलिखित... Hindi · कविता 359 Share Santosh Shrivastava 11 Nov 2019 · 1 min read जीवन है धूंआ धुआं काहे का अभिमान करे तू इन्सान एक दिन भस्म हो जाएगा तू इन्सान रह जाएगा तेरी नेक- नियती यहाँ लेते है नाम इज्जत से हे राम जला देते है रावण... Hindi · कविता 186 Share Santosh Shrivastava 10 Nov 2019 · 3 min read दामाद " माँ सौरभ कल सुबह आफिस के काम से एक हफ्ते के लिए कानपुर आ रहे है । मै पेन्टु के स्कूल की वजह से नहीं आ पा रही हूँ,... Hindi · कहानी 1 1 412 Share Santosh Shrivastava 8 Nov 2019 · 1 min read हर घर बिराजी तुलसी जी हर घर बिराजी तुलसी जी पूज्यते घर घर तुलसी जी संस्कृति संरक्षित तुलसी जी परम पूजनीय तुलसी जी हैं घर की मुख्यिया तुलसी जी नारायण प्रिय तुलसी जी घर की... Hindi · कविता 255 Share Santosh Shrivastava 7 Nov 2019 · 1 min read संघर्ष जिन्दगी इतनी मुश्किल भी नहीं जीने की कोशिश तो करें अटक जाये कभी मंजिल संघर्ष तो करें जो आ के यादों में गुम हो जाये अपने हो कर भी बेबफा... Hindi · कविता 229 Share Santosh Shrivastava 6 Nov 2019 · 1 min read माँ की ममता छंदमुक्त कहा माँ ने आ जाओ बेटा इस बीमार असहाय की कभी सुध लेने नहीं है फुरसत अभी माँ आऊंगा फिर कभी माँ पत्नी थी मायके में कहा उसने तय... Hindi · कविता 369 Share Santosh Shrivastava 6 Nov 2019 · 1 min read माँ की ममता छंदमुक्त कहा माँ ने आ जाओ बेटा इस बीमार असहाय की कभी सुध लेने नहीं है फुरसत अभी माँ आऊंगा फिर कभी माँ पत्नी थी मायके में कहा उसने तय... Hindi · कविता 292 Share Santosh Shrivastava 5 Nov 2019 · 1 min read बेटी समझती है दर्द बेटी डांटती है अच्छा लगता है वह कहती है : " पापा आप दवाई समय से क्यो नहीं खाते ? खाना समय से खाया करो प्लीज सुबह शाम घुमने जाया... Hindi · कविता 1 496 Share Santosh Shrivastava 5 Nov 2019 · 1 min read गीत रो रहा है कोई बच्चा बहलाने के लिए एक लौरी गीत लिखते हैं हारे थके आये मानसिक तनाव में हैं वो उन्हें बहलाने के लिए एक गीत लिखते हैं चल... Hindi · कविता 417 Share Santosh Shrivastava 4 Nov 2019 · 1 min read जिन्दगी और दौड़ चल न सका जो तेज जिन्दगी की दौड़ में पिछड़ गया वो मंजिल की राह में मिलती है सफलता जब जीवन में चेहरे की चमक बयां करती है मंजिल पाने... Hindi · कविता 348 Share Santosh Shrivastava 4 Nov 2019 · 1 min read जलता रहा वो दीपक जलता रहा रोशनी बिखेरता रहा लोग अनदेखा करते रहे न दे सका अहसास होना का बुझ गया दीपक फैल गया अंधेरा राहगीर भटकने लगे राह ढूँढने लगे रखो साथ... Hindi · कविता 192 Share Santosh Shrivastava 3 Nov 2019 · 1 min read सीनियर सिटीजनस के साथ नाइंसाफ़ी (एक अपील) सीनियर सिटीजनस को रेल से यात्रा में चालिस /:पचास प्रतिशत छूट रेल्वे ने दी जाती है परन्तु यह छूट "हमसफर" और "विशेष गाड़ियों" में नहीं है । यह सीनियर सिटीजन... Hindi · लेख 240 Share Santosh Shrivastava 31 Oct 2019 · 1 min read मस्ती मौत की मौत भी बहुत मस्त होती है दोस्त न मनाने की चिंता न उसके रूठने की चिंता बस सोते रहो यार की गोद में Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 416 Share Santosh Shrivastava 30 Oct 2019 · 1 min read न हो अनर्थ जीवन में शब्द एक है अर्थ लिये अपने में अर्थ अनेक जो समझे बात का अर्थ अगर तो है वो सार्थक नहीं तो होता अनर्थ , अर्थ का अर्थ पर टिकी है... Hindi · कविता 404 Share Santosh Shrivastava 30 Oct 2019 · 1 min read तू ही शक्ति है तू स्त्री है तू नारी तू है एक बहन बेटी और माँ कर नहीं सकता जमाना भेदभाव तूझमें बस हर कदम पे है तू सब शक्ति स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · मुक्तक 429 Share Santosh Shrivastava 28 Oct 2019 · 1 min read गोवर्धन गोवर्धन है स्थान निराला होने नहीं दी गोपाला ने निराशा उठाया एक ऊँगली से गिरिराज भंग किया इन्द्र का अभिमान पल में दी है सीख किशन ने सदैव करो रक्षा... Hindi · कविता 383 Share Santosh Shrivastava 26 Oct 2019 · 1 min read मन का सौन्दर्य (रूप चौदस पर विशेष) मन की पवित्रता मन की खुशहाली में है चेहरे से ज्यादा सौन्दर्य रूप का रहता सौन्दर्य चंद दिन व्यवहार कुशलता मधुर भाषा सत्य वचन देते जीवन भर का सौन्दर्य अपने... Hindi · कविता 623 Share Santosh Shrivastava 24 Oct 2019 · 1 min read करूँ वन्दना माँ करूँ वन्दना माँ नेक ईमान अपनाऊँ जीवन में चलूँ सत्य मार्ग पर माँ ऐसा दो वरदान करूँ माँ वन्दना तेरी है जीवन कठिन हर कदम पर चलना है संभल कर... Hindi · कविता 1 347 Share Santosh Shrivastava 21 Oct 2019 · 1 min read श्रद्धा सुमन है श्रद्धा ईश प्रति सादर करूँ पुष्प समर्पित गाऊं मंगल गीत मैं जीवन सफल हो जाए श्रद्धा सुमन माता पिता को चरण छू वंदन करूँ मिले आशीष जीवन में श्रद्धा... Hindi · कविता 316 Share Santosh Shrivastava 20 Oct 2019 · 2 min read बदलती विचारधारा रामलाल हाल का सामान जमा रहे थे । यहाँ अभी उनके साथी आने वाले थे । रामलाल ने जब अपना घर बनवाया था, तब बेटे सुरेश के लिए तीन कमरे... Hindi · कहानी 254 Share Santosh Shrivastava 19 Oct 2019 · 1 min read दुखद होती विदाई आँखो में आँसू भर देती है विदाई अपनों से दूर देती है विदाई पालते पोसते बेटी को रोते हुए कर देते हैं विदा माता पिता से जातें हैं दूर बच्चे... Hindi · कविता 488 Share Santosh Shrivastava 17 Oct 2019 · 1 min read करवा-चौथ बनाम नारी श्रृंगार अधूरा है श्रृंगार अधूरा है प्यार अधूरा है दुलार बिन नारी श्रृंगार है कल्पना किसी कवि की है रूप सलोना किसी चित्रकार का है मंगल मूर्ति किसी मूर्तिकार की है... Hindi · कविता 225 Share Santosh Shrivastava 15 Oct 2019 · 1 min read जीवन यात्रा जिसका न हो कोई अंत वही होता है अनंत ब्रह्मांड अनंत सृष्टि अनंत देव अनंत ईश पक्षिय है अनंत मन की चंचलता अनंत इच्छाऐं अनंत लालच अनंत कुचेष्टाऐ अनंत घोटाले... Hindi · कविता 380 Share Santosh Shrivastava 15 Oct 2019 · 1 min read रहो निर्भय (सायली लेखन) 1 सन्नाटा निर्भय सैनिक चल उठी गोलियों शत्रु हाहाकार विजय 2 लड़की निर्भय अकेली चली घर से मिले मनचले कराटे स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 301 Share Santosh Shrivastava 13 Oct 2019 · 1 min read एक विडम्बना शरद पूर्णिमा के चाँद ने इठला कर कहा : " बन रही हर घर खीर " मैंने कहा : " उस झोपड़ी में भी देख चाँद , सौ रहे भूखे... Hindi · मुक्तक 348 Share Santosh Shrivastava 13 Oct 2019 · 1 min read एक विचार यातायात नियमों का पालन करते हुए सड़क पर चलें सुरक्षित रहें, दूसरों की जिंदगी भी सुरक्षित करें *विश्व ट्रामा (चोट) दिवस* Hindi · मुक्तक 448 Share Santosh Shrivastava 13 Oct 2019 · 2 min read जिन्दगी, एक अहसास भी उम्र पैंसठ-साठ साल को पार करते हुए पापा माँ में चिड़चिड़ा आता जा रहा था , और हो भी क्यों न ? हम दो बहनें समाज की क्रूरता के कारण... Hindi · कहानी 537 Share Santosh Shrivastava 10 Oct 2019 · 1 min read फरेबी चेहरा टूट कर भी आईना दिखाता है चेहरे अनेक भले ही छिपाये इन्सान फरेबी चेहरे चाह रहा था आईना कहना दास्ताँ घूंघट ने रोक दी ख्वाहिश उसकी है आईना नादान इतना... Hindi · कविता 2 232 Share Santosh Shrivastava 10 Oct 2019 · 1 min read मानसिक स्वास्थ्य अच्छा सोचें अच्छा खायें खुश रखें खुश रहें *विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं * Hindi · मुक्तक 210 Share Santosh Shrivastava 9 Oct 2019 · 1 min read व्यथा रावण की जलता रहा हूँ साल दर साल मैं रावण जलता रहा मैं धू धू ताली बजाते रहे तुम करते रहे बदनाम मुझे एक बार की सजा भुगत रहा मैं वर्षों से... Hindi · कविता 1 1 475 Share Santosh Shrivastava 9 Oct 2019 · 1 min read गुमनाम जिन्दगी गुमनाम जिन्दगी जीने का भी मजा अलग ही है न दुआ न सलाम अपने में मस्त बंद दरवाजा न साकल न कुंडी Hindi · मुक्तक 1 465 Share Santosh Shrivastava 8 Oct 2019 · 1 min read जियो जिन्दगी दूसरों के लिए त्याग माँ का अमूल्य बच्चों के लिए किये गये त्याग का न है कोई मूल्य करता है जवान देश के लिए परिवार का त्याग रहता सीमा पर लड़ता दुश्मन से... Hindi · कविता 209 Share Santosh Shrivastava 7 Oct 2019 · 1 min read घूमते गाँव 1 छूटते गाँव दूर होतीं चौपालें शहरी लोग 2 जिन्दगी सूनी गुमती पगडंडी गाँव अजब 3 घूंघट नहीं न पायल आवाजें गाँव हैं सूना स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · हाइकु 447 Share Santosh Shrivastava 5 Oct 2019 · 1 min read अजीब सी है जिन्दगी है कुछ हलचल सी जिन्दगी में एक तरफ मौत है तो दूसरी तरफ जीने की आशा थिरकने सी लगती है जिन्दगी जब कोई अपना सा मिल जाता है जिन्दगी में... Hindi · कविता 3 2 230 Share Previous Page 6 Next