Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2019 · 1 min read

जियो जिन्दगी दूसरों के लिए

त्याग
माँ का
अमूल्य

बच्चों
के लिए
किये गये
त्याग का
न है कोई
मूल्य

करता है
जवान
देश के लिए
परिवार का त्याग
रहता
सीमा पर
लड़ता
दुश्मन से

जो जीता जीवन
त्याग , ईमान से
दुख तकलीफ में
बनता सहभागी
दूसरों का
रहता याद हमेशा

मत भूलो
त्याग
अपनों का
करो सम्मान
उनका दिल से

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़े लोग क्रेडिट देते है
बड़े लोग क्रेडिट देते है
Amit Pandey
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
कई रात को भोर किया है
कई रात को भोर किया है
कवि दीपक बवेजा
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
Rekha khichi
I am Me - Redefined
I am Me - Redefined
Dhriti Mishra
रेणुका और जमदग्नि घर,
रेणुका और जमदग्नि घर,
Satish Srijan
बुढ्ढे का सावन
बुढ्ढे का सावन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फूल खिलते जा रहे
फूल खिलते जा रहे
surenderpal vaidya
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
.......,,,
.......,,,
शेखर सिंह
सावन आया झूम के .....!!!
सावन आया झूम के .....!!!
Kanchan Khanna
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
Vishal babu (vishu)
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सबसे बड़े लोकतंत्र के
सबसे बड़े लोकतंत्र के
*Author प्रणय प्रभात*
जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
gurudeenverma198
ये
ये
Shweta Soni
अपराध बोध (लघुकथा)
अपराध बोध (लघुकथा)
दुष्यन्त 'बाबा'
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
I am Yash Mehra
I am Yash Mehra
Yash mehra
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
23/24.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/24.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
आदि शंकराचार्य
आदि शंकराचार्य
Shekhar Chandra Mitra
बचा  सको तो  बचा  लो किरदारे..इंसा को....
बचा सको तो बचा लो किरदारे..इंसा को....
shabina. Naaz
💐प्रेम कौतुक-497💐
💐प्रेम कौतुक-497💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
Loading...